पटना दियारा में इस साल 14 जनवरी को हुए नाव हादसे को लेकर पटना हाईकोर्ट में हो रही सुनवाई एक हफ्ते के लिए टल गई है. इस मामले में आपदा विभाग की लापरवाही को लेकर दायर लोकहित याचिका पर जवाब देने के लिए सरकार की ओर से एक हफ्ते का समय मांगा गया है.
अब सरकार को 7 दिन में नाव हादसे को लेकर हुई कार्रवाई पर जवाब देना होगा. बता दें कि गंगा दियारा में मकर संक्रांति के मौके पर बिहार के पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में पतंगोत्सव के लिए लोगों को आमंत्रित किया गया था. पटना से दियारा के कार्यक्रम स्थल तक जाने के लिए लोगों को मुफ्त क्रूज यानि जहाज की व्यवस्था की गई थी. इससे बड़ी संख्या में लोग वहां पहुंचे थे.
दोपहर बाद ये खबर आई कि जहाज के लिए बना प्लेटफॉर्म टूट गया जिसके कारण जहाज से लोगों को वापस लाने की व्यवस्था को रद्द कर दिया गया. लेकिन हैरानी की बात ये कि लोगों को वापस लाने के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई, जिसके कारण लोगों में शाम होेते ही घर लौटने की आपाधापी मच गई. इस दौरान लोग प्राइवेट नावों पर बड़ी संख्या में सवार होकर वापस लौटने लगे.
ऐसे हुआ था हादसा, 24 लोगों की गई थी जान
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इसी दौरान एक नाव भारी होने के कारण बीच नदी में डूब गई जिसमें 24 लोगों की डूबकर मौत हो गई. इस मामले में याचिका दायर करने वाले मणिभूषण सेंगर ने कोर्ट को बताया कि आपदा विभाग द्वारा जिस नाव की खरीदारी की गयी थी उसे कार्यक्रम स्थल के पास मौजूद रहना चाहिए था. लेकिन आपदा विभाग की बोट का दुर्घटना स्थल पर कहीं अता-पता नहीं था.
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इस मामले में मणिभूषण सेंगर की ओर से दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस राजेन्द्र मेनन और जस्टिस अनिल कुमार उपाध्याय की खण्डपीठ ने सरकार से एक हफ्ते में जवाब मांगा है.