नाम, पद और परिवार एक, लड़ने वाले दो
अजीब नामांकन की गजब कहानी, सास बहू की भिड़ंत अब चुनावी संग्राम में
आरा,26 अक्टूबर. महिलाओं को शक्तिरूपा कहा जाता है. वे कई रूपों में धार्मिक परंपराओं से लेकर आम जनजीवन में भी दिखती हैं. घर के चूल्हे चौकी से माउंट एवरेस्ट तक जाने वाली महिलाओं के बावजूद भी महिलाएं ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी अपने हक से वंचित हैं. लेकिन इस बार के पंचायत इलेक्शन में महिलाओं की अधिकतम भागीदारी ने यह साबित कर दिया है कि ग्रामीण परिवेश भी अब बदल रहा है. वैसे तो हर दिन पंचायत चुनाव के लिए लोगों का नामांकन जारी है. कई अपने परिवार में ही भाई,चाचा और गोतीया के खिलाफ चुनाव में खड़े हैं. लेकिन आज मुखिया पद के लिए रामापुर सनदिया पंचायत से खड़ी प्रत्याशी के रूप में दो महिलाएं चर्चा का केंद्र है. वजह है एक ही घर में सास और पुतोह का एक ही पद के लिए खड़ा होना.
नामांकन के बाद ब्लॉक से लेकर शहर के कोने कोने में इस बात को लेकर चर्चा है. लोगों में अभी से ही यह जानने की उत्सुकता है कि सास बहू पर भारी पड़ेगी या बहू सास पर!
यही नहीं इत्तफाक कहिए या संयोग प्रत्याशी का नाम भी एक है, लड़ने वाला पद भी एक ही है और परिवार भी एक.. जी हां सुनने में आपको अजीब सा जरूर लगेगा लेकिन सच्चाई यही है. रामापुर सनदिया पंचायत से खड़ी कुसुम तिवारी अपनी चचेरी सास कुसुम देवी के खिलाफ चुनावी मैदान में इस बार किस्मत आजमा रहीं हैं.
रामापुर सनदिया की युवा महिला मुखिया प्रत्याशी, बहु कुसुम तिवारी ने आज अपने प्रतिनिधि पंचम तिवारी के साथ प्रखंड कार्यालय में नामांकन दाखिल किया. वही रामापुर सनदिया से ही मुखिया प्रत्याशी के लिए कुसुम तिवारी की चचेरी सास कुसुम देवी ने भी अपने प्रतिनिधि मुन्ना उपाध्याय के साथ मंगलवार को आरा प्रखंड कार्यालय में नामांकन दाखिल किया.
कुसुम तिवारी ने नामांकन के बाद मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए आने वाले पांच वर्षों के विजन के बारे में बताया कि अगर वे चुनाव जीतती हैं तो वर्षों से पंचायत में हुई लूट-खसोट जिससे रामापुर पंचायत में विकास की गति रुकी है इसे सुदृढ़ करेंगी. सबसे पहले पंचायत में पुस्तकालय की व्यवस्था करेंगी. ग्रामीणों के सहयोग से नाली का सफाई तय समय पर करवाया जाएगा. समय-समय पर मेडिकल कैंप की व्यवस्था की जाएगी. साथ ही गरीब छात्र-छात्राओं को प्रतियोगी परीक्षा में आर्थिक मदद करेंगी. छात्र छात्राओं को किसी भी आवेदन का शुल्क छोड़ कर आवेदन की फ्री व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे. गांव के किसान को सरकारी योजनाओं के लाभ के लिए भी आवेदन की फ्री व्यवस्था की जाएगी. किसान की फसल का सही मुआवजा दिलवाया जाएगा. मुखिया बनने के पश्चात वे कहती हैं कि रोज पंचायत का दौरा कर जनता से उनके ही द्वार पर ससमय मिलेंगी.
वहीं सास कुसुम देवी ने कहा कि जनता पूर्व मुखिया को नकार चुकी हैं. पूर्व मुखिया के कार्यकाल में लूट-खसोट के अलावा कोई कार्य नजर नहीं आया. इस बार जनता अपने वोट के ताकत से क्षेत्र में बदलाव करने जा रही है. चुनाव में अगर जनता जनार्दन मुझे आशीर्वाद देकर विजई बनाती है तो पंचायत का चहुमुखी विकास करूँगी.
मजेदार बात तो यह है कि सास और बहु दोनो चहुमुखी विकास की ही बात कर रही हैं लेकिन किसकी बातों पर जनता का ध्यान होगा यह तो मतदान के रिजल्ट के बाद ही पता चलेगा.
आरा से ओ पी पांडेय की रिपोर्ट