हार्ट अटैक, लकवा और ब्रेन हेमरेज से बचने का उपाय बता रहे हैं डॉक्टर, मुफ्त में बांट रहे ‘जिंदगी’

By om prakash pandey Feb 10, 2020


जानकारी के अभाव में बढ़ रहे हर्ट अटैक के मरीज
बचाव के लिए उपाय सुझाये, मरीजों ने कहा यहीं असली भगवान

आरा,10 फरवरी. डॉक्टर को धरती का भगवान कहा जाता है. लेकिन, जिस तरह आकाश के भगवान का बाजारीकरण हुआ है. धर्मांधता के अंधदौड में जहां भगवान को छोड़ व्यक्ति पूजा की प्रधानता हो गयी है. ठीक वैसे ही धरती के भगवान ‘डॉक्टर’ भी बाजार से प्रभावित होकर मरीजों की सेवा नहीं बिजनेस करने लगे हैं. फिर भी यह बात गौर करने योग्य है कि जैसे हम कभी मरने से बच जाएं या अचानक हमारे साथ कोई चमत्कार हो जाय तो भगवान बर्बस याद आ जाते हैं. वैसे ही जब गंभीर बीमारी से बचा लें तो डॉक्टर में भी कई बार भगवान दिखते हैं.




वैसे तो इस पेशे में आने से पहले डॉक्टर शपथ लेते हैं कि वे सबसे पहले मरीज की जान बचाने, उन्हें सेहतमंद करने के लिए प्रयास करेंगे. लेकिन आज के इस अर्थयुग में डॉक्टर के यहां मरीजों से पहले रुपये की बात की जाती है. रोग के लिहाज से एडवांस में रुपये जमा कराए जाते हैं. कई बार तो ऐसा भी सुनने में आता है कि मरीज को पैसे के अभाव में बंधक बना लिया जाता है. कई मरीज इलाज के बगैर दम तोड़ देते हैं. लेकिन, आज भी कुछ ऐसे डॉक्टर हैं जो पैसे के लिए नहीं बल्कि सेवा के लिए जी रहे हैं. उन्ही में से एक हैं डॉ रणजीत कुमार सिंह. न्यूरो रोग विशेषज्ञ डॉ रणजीत कुमार देश के सबसे बड़े अस्पतालों दिल्ली एम्स, कानपुर और वाराणसी के बीएचयू में रेजिडेंट डॉक्टर रहे हैं. जिन्होंने देश के सबसे बड़े अस्पतालों में कई वर्ष सेवा देने के बाद अपने शहर को सेवा का माध्यम चुनना पसंद किया. लाखों के मंथली पैकेज छोड़कर आरा में क्लिनिक खोला. वे मरीजों को गंभीर बीमारियों से बचने, इसके लक्षण व मुफ्त उपाय के साथ दवाईयों के रूप में मुफ्त ‘जिंदगी’ बांट रहे हैं. यह काम शहर में नही बल्कि सुदूर ग्रामीण क्षेत्रो में कर रहे हैं जहां से शहर आने के लिए मरीजों को काफी दिक्कतें होती हैं वह चाहे जानकारी का आभाव हो या फिर आर्थिक कारण.

रविवार को बड़हरा क्षेत्र के सरैयां(मठिया पर) निःशुल्क चिकित्सा कैम्प लगाया गया जहाँ 120 मरीजों का इलाज किया गया जिसमें 40 लकवा और 20 मिर्गी के मरीज थे. क्षेत्र में लगभग 25 हजार पर्चे भी बांटे गए जिसमे रोग के लक्षण और उसके प्राथमिक उपचार की विधि लिखी हुई थी. इस चिकित्सा कैम्प में लगभग 600 लोग उपस्थित हुए जिनके बीच उक्त रोगों से सम्बंधित उपायों और बचाव की जानकारियों को डॉक्टर रणजीत ने साझा किया.

न्यूमरोलॉजी में DM की डिग्री धारक और BHU के गोल्ड मेडलिस्ट डॉक्टर रणजीत के इलाज से मरीजों में एक नई आशा जगी है जिन्हें अब मिर्गी, लकवा जैसे रोगों से भय नही लगता है. उनके अच्छे सुझाव और मरीजों तक खुद पहुचने के कारण वे लोगों के बीच चर्चा का विषय बने हुए हैं.

आगामी 5 मार्च तक वे हर रविवार को मुफ्त में चिकित्सा कैम्प अलग अलग क्षेत्रो में लगाने वाले हैं. इसका मात्र उद्देश्य लोगों को रोगों के प्रति जागरूक करना है.

डॉक्टर मानते हैं कि जागरूकता होने से मरीज नीम-हकीमों के जाल में नही फंसते हैं और सही इलाज के लिए सही डॉक्टर के पास ही जाते हैं. जनकारी का आभाव ही मरीज को मौत के मुँह में धकेल देता है. इस कैम्प में लगभग 1 लाख की मुफ्त में दवाईयां भी बाँटी गयी. चिकित्सा कैम्प को आयोजित करने में संजय कुमार सिंह उर्फ झुंन्नी, संजय सिंह, मुकेश सिंह, और सन्तोष कुमार सिंह की मुख्य भूमिका थी.

आगे होने वाले मुफ्त चिकित्सा कैम्प:

नीचे दिए हुए तिथियों को मुफ्त स्वास्थ्य शिविर लगाया जाएगा. 9 फरवरी वाला शिविर समाप्त हो चुका है. शेष 4 शिविर बचे हैं जो हर रविवार को आयोजित होंगे.

आरा से ओ पी पांडेय की रिपोर्ट

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