गायत्री शक्तिपीठ द्वारा संचालित अखण्ड ज्योति हॉस्पिटल की व्यापक पहल
दो पंचायत से मिले 64 मोतियाबिंद मरीज
बसडीहा,11 जनवरी. नेत्र-दान संसार का सबसे बड़ा दान माना जाता है. अपने बाद भी अपनी आंखों से दुनिया को देखने के लिए किसी के पास इसे छोड़ जाना जितना मुश्किल है उससे कम मुश्किल किसी के आंखों में रौशनी देना नही है. आंखों में हुए अंधेरे को दूर कर पुण्य का काम कर रहा है सारण का अखंड ज्योति आई हॉस्पिटल जिसे गायत्री शक्तिपीठ संचालित कर रहा है. बिहार में गांव-गांव तक पहुंच यह काम संस्था से जुड़े लोग कर रहे हैं वो भी मुफ्त में. कैसे होता है यह काम इसका लाइव रिपोर्टिंग किया पटना नाउ के विशेष संवाददाता ओ पी पांडेय ने..
कड़ाके की ठंड और लगभग 5 डिग्री का तापमान, धुंध से भरी सुबह, अलाव में हाथ सेंकते गाँव के लोग और इन सबके बीच चर्चा यह कि सुबह 10 बजे से आँख के इलाज के लिए एक कैम्प गांव के मध्य विद्यालय में लगने वाला है. 10 बजते ही सूमो से छपरा से ऑप्टोथेमिस्ट डॉ बंधु सिंह और उनकी टीम पहुँचती है. इस टीम में प्रचारक विजय, रजनीश, और काउंसलर अजय राय कुमार है. ठंड से अलाव के पास हाथ सकते लोग अभी अपने गाँव के स्कूल में ही नही पहुँच पाए थे लेकिन सारण से डॉक्टर और उनकी टीम मोतियाबिंद के मरीजों के इलाज के लिए मुस्तैद थी. अखंड ज्योति द्वारा आयोजित इस नेत्र शिविर के लिए प्रचारक मिथलेश्वर गिरी एक दिन पूर्व ही गांव में डेरा जमाए हुए थे जिससे सभी लोगों तक इस कैम्प की सूचना मिल सके. 30 मिनट बाद लोगों का आगमन शुरू हो जाता है और 130 आंख के मरीज यहाँ 2 बजे तक आ जाते है. आंख जांच के दौरान इन मरीजों में 48 मोतियाबिंद मरीज मिले, जिनमे से 24 मरीज ऑपेरशन वाले मिले. इनका ऑपरेशन 19 जनवरी को सारण के मस्ती चक स्थित अखंड ज्योति आई हॉस्पिटल में निःशुल्क किया जाएगा.
आउटरेज मैनेजर सुमित सिंह पिछले कई दिनों से अमेहता और लहठान पंचायत के कई गांवों में इस eye कैम्प के लिए सम्पर्क अभियान चलाए हुए थे. पटना नाउ से बात करते हुए उन्होंने बताया कि
गायत्री शक्तिपीठ द्वारा संचालित इस कैम्प का उदेश्य Eye ball को football बनाना है. अखण्ड ज्योति आई हॉस्पिटल का उद्देश्य मार्च तक 23000 मोतियाबिंद मरीजों का निःशुल्क ऑपरेशन करना है. बताते चलें कि उक्त हॉस्पिटल का शुभारंभ 2005 में हुआ था तब से अब तक लाखों लोगों का यहां निःशुल्क ऑपरेशन हुआ.
एक दिन पूर्व भी अखण्ड ज्योति ने लहठान में एक आई कैम्प का आयोजन किया था जिसमें 120 आंख के मरीज आये, जिसमे 40 ऑपरेशन के लिए चुने गए. अमेहता पंचायत में मरीजों की कम संख्या होने से मैनेजर थोड़े मायूस जरूर दिखे पर इसका कारण भी उन्होंने ही एक दिन पूर्व लगाया गया लहठान का कैम्प और ठंड बताया. हालांकि कैम्प बन्द हो जाने के बाद भी कई लोग आए जो मायूस हो चले गए लेकिन ग्रामीणों ने बताया कि जो छूट गए हैं वो जमुआंव में लगने वाले कैम्प में अपनी आंखे दिखा लेंगे जो जल्द ही लगने वाला है. कैम्प में मरीजों को मुफ्त में दवाईयां भी बाँटी गयी. आई कैम्प के इस आयोजन में राजेश तिवारी, और मुकुल आनन्द का विशेष सहयोग रहा.