मेरी प्यारी मां तू ही तो जन्नत है
किसी ने बनाया कार्ड तो किसी ने लिख डाली कविता
खबर पटना के फुलवारी शरीफ से जहां मदर्स डे को सेलिब्रेट करने के लिए किसी ने कविता लिख डाली तो किसी ने जन्नत कहा तो किसी ने बना डाला शानदार ग्रीटिंग्स कार्ड. प्रेमालोक मिशन स्कूल के बच्चों ने मदर्स डे सेलिब्रेट करने के लिए नन्हे हाथों से अपना हुनर दिखाया और मम्मा स्पेशल कार्ड बनाया. निदेशक प्रेमनाथ ने बताया की माँ का स्थान जगत में कोई नही ले सकता है. अपनी माँ को देने के लिये मर्मस्पर्शी ग्रीटिंग्स कार्ड बनाकर बच्चे बच्चियों ने विद्यालय के शैक्षणिक संस्कारों को दर्शाया है. अपनी अपनी माताओं को देने के लिए एक से बढ़कर एक कार्ड्स बनाएं हैैं.
वहीं फुलवारी की वाल्मी कम्प्लेक्स में रहने वाली और आकाशवाणी में म्यूजिक की नवोदित कलाकार मोनिका ने अपनी माँ किरण देवी को दुनियां की सारी खुशियों से भरने वाली बताते हुए शानदार पंक्तियों से नवाजा है.
ऐ मेरी मां! तू ही धरती पर जन्नत है. मां एक ऐसा खूबसूरत नाम है, जिसे सुनकर जन्नत की खुशियां भी फीकी पड़ जाए। मां एक ऐसी शक्ति है जिसकी बदौलत पत्थर को भी मोम बना देती है. मां आपकी आंचल में निकला बचपन, आपसे ही जुड़ी हर धड़कन मुझे याद है। कहने को तो मां सब कहते हैं पर मेरे लिए तो आप ही भगवान है. आज मैं अपनी मां के बदौलत ही म्यूजिक में आकाशवाणी, पटना एवं दूरदर्शन, पटना के नवोदित कलाकार बन पाई हूं.
इस कोरोना वायरस महामारी से बचने के लिए लॉकडाउन में घर में सुरक्षित रह कर पढ़ाई के साथ-साथ म्यूजिक, डांस और एक्टिंग का भरपूर प्रैक्टिस आपकी प्रेरणा का देन है. अब तक लॉकडाउन में सर्वमंगला सांस्कृतिक मंच वाल्मी, फुलवारीशरीफ, पटना के कलाकार के रूप में कोरोना वायरस जागरूकता के लिए एक अलग पहचान बन पाई है. खास: कर मेरे लिए इस विषम परिस्थिति में भी आपकी आंचल की छांव में बेहतर अदाकारी सीखने का मौका मिला है. मां यह आपके चरणों में समर्पित बहुत सारा प्यार…
वाल्मी निवासी महेश चौधरी की बिटिया खुशबू कुमारी ने मदर को सेलिब्रेट करने के लिए खूबसूरत कविता ही लिख डाली.
भगवान का दूसरा रूप है मां,
उनके लिए दे दूंगी जां,
हमको मिलता जीवन उनसे,
कदमों में है स्वर्ग बसा,
हमारी खुशी में खुश हो जाती,
दुख में हमारे आंसू बहाती,
कितने खुशनसीब है हम,
पास हमारी है प्यारी मां…
तेरे ही आंचल में निकला बचपन, तुझसे ही तो जुड़ी हर धड़कन,
कहने को तो मां सब कहते पर मेरे लिए तो है तू भगवान
सारे दु:खों को हर लेती है, बीमार रहते हुए भी सारे काम कर लेती है, लाख गलतियां को माफ कर देती है,
खुद की जान दांव पर रखकर जन्म देती है, अपनी ख्वाहिशों को छोड़कर अपने बच्चों की खुशियों को पूरा करने की दुआ करती है.
पटना से अजीत