भारत में ग़रीबों के लिए काम करने वाली मदर टेरेसा को वेटिकन में हुए एक समारोह में संत की उपाधि दी गई. वेटिकन के सेंट पीटर स्क्वायर में पोप फ्रांसिस ने मदर टेरेसा को संत की उपाधि दी.इस मौके पर भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज,दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी कार्यक्रम में शरीक थे.इस मौक़े पर वहां हुए विशेष कार्यक्रम में हजारों लोग मौजूद थे.वेटिकन के अनुसार साल 2002 में मदर टेरेसा से प्रार्थना करने के बाद एक भारतीय महिला मोनिका बेसरा के पेट का ट्यूमर चमत्कारिक ढंग से ठीक हो गया था तब से मदर टेरेसा के चमत्कार को दुनिया ने सिर आँखों पर बिठा लिया था.संतों की धरती को अपनी कर्मभूमि बना देवत्व को प्राप्त हुई थीं मदर टेरेसा.आस्था, विश्वास और चमत्कारों से धर्म का जो रिश्ता था उसे बताना मुश्किल है. गरीबों कुष्ठ रोगियों के लिए ममता और सेवा की प्रतीक माँ टेरेसा को यह सम्मान मिलना भारत के लिए बहुत बड़े गौरव की घड़ी है.
भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शुभकामना संदेश जारी कर कहा कि ” मदर टेरेसा करुणा की मूर्ति थीं. उन्होंने अपना सारा जीवन भारत में निर्धनतम लोगों और बेसहारा तथा असहाय व्यक्तियों की सेवा में समर्पित कर दिया था. उनके निर्मल स्वभाव ने करोड़ों लोगों का दिल जीत लिया था.भारत के प्रत्येक नागरिक को इस बात पर गर्व होगा कि मदर टेरेसा को मानवता और ईश्वर की सेवा के लिए संत की उपाधि से सम्मानित किया जा रहा है.