पटना।। बिहार में बालू का खनन और बिक्री 16 अक्टूबर से शुरू हो रही है. उससे पहले ही सरकार ने अवैध खनन और बिक्री पर सख्ती दिखाते हुए जुर्माना बढ़ा दिया है. मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में बिहार खनिज (समानुदान, अवैध खनन, परिवहन एवं भंडारण निवारण) (संशोधन) नियमावली 2024 समेत 22 प्रस्तावों पर स्वीकृति दी गई.
राज्य में बालू व अन्य खनिजों के बेहतर प्रबंधन के साथ-साथ अवैध खनन और परिवहन पर अंकुश लगाने के लिए नियम को सख्त किया गया है. बालू, गिट्टी समेत अन्य सभी खनिजों के खनन, भंडारण और परिचालन में गड़बड़ी करने वालों से अब भारी जुर्माना वसूला जायेगा, इसके तहत पांच हजार से 10 लाख तक का जुर्माना हो सकता है. खनिज नियमावली के अनुसार बंदोबस्तधारी द्वारा वैध चालान से अधिक मात्रा वाहन में लादने की स्थिति में पहली बार पकड़े जाने पर पांच लाख रुपये प्रति गाड़ी और दूसरी बार से प्रत्येक बार दस लाख रुपये प्रति गाड़ी जुर्माना लगाये जाने का प्रावधान किया गया है. अब बालू समेत सभी खनिजों का नियम विपरित अनिबंधित और नॉन कमर्शियल गाड़ियों से परिवहन व भंडारण करने वाले ट्रैक्टर च ट्राली से एक लाख, मेटाडोर हाफ ट्रक (407, 408) से 2.50 लाख, फूल बॉडी ट्रक/वाहन (6 चक्का) से चार लाख और डंपर / 10 या उससे अधिक चक्का वाले वाहन से आठ लाख रुपये जुर्माना वसूले जायेंगे. नाव, एक्सकावेटर, लोडर, पावर हैमर, कम्प्रेशर, द्विलिंग मशीन और अन्य समरूप क्षमता के मशीन से 10 लाख वसूले जायेंगे, जीपीएस नहीं होने पर ट्रैक्टर से 20 हजार और अन्य बड़े वाहनों को एक लाख जुर्माना देना होगा
बालू या अन्य खनिज खनन के लिए पर्यावरणीय स्वीकृति लेने में औसतन आठ से दस माह का समय लग जात है. नियमावली में संशोधन होने से सरकार पर्यावरणीय स्वीकृति के लिए किसी एजेंसी या पदाधिकारी को प्राधिकृत कर पायेगी. इसके बाद इ-नीलमी कर बंदोबस्ती के 15 दिनों के अंदर खनन पट्टा का संचालन शुरू हो सकेगा.
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