संभावना के स्टॉल पर दिखीं कई सम्भावनायें
चित्रकार संजीव सिन्हा ने DM को भोजपुर अक्षर को भोजपुरी पेंटिंग से सजाई पेंटिंग उपहार में दिया
आरा,23 मार्च. शाहाबाद के पुराने मुख्यालय और भोजपुर के वर्तमान मुख्यालय ऐतिहासिक नगरी आरा में बिहार की 111वीं जयंती धूमधाम से मनाई. जिला प्रशासन की ओर से सरकारी इमारतों को दो दिन पहले से ही जहाँ दुल्हन की तरह नीली रौशनी के प्रकाश यंत्रों से सजा दिया गया वही ऐतिहासिक रमना मैदान के अंदर स्थित वीर कुंवर सिंह स्टेडियम में बुधवार को बिहार दिवस के मौके पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया. स्टेडियम के अंदर विभिन्न स्कूलों और विभागों की झांकियां लगाई गयीं. सबकी प्रस्तुति एक से बढ़कर एक और आकर्षक थी. लेकिन इन झाँकियों में आकर्षण का केंद्र रहा शहर के शुभ नारायण नगर मझौंवा के संभावना स्कूल का स्टॉल.
आमतौर पर CBSE कॅरिकुलम के स्कूल देसी और ठेठपन चीजों से दूर रहते हैं. वहाँ स्कूलों में कार्यक्र्म तक में लोकल भाषा या लोकगीतों की प्रस्तुति पर संचालक कतराते हैं लेकिन CBSE बोर्ड से जुड़े होने के बाद भी संभावना स्कूल के बच्चों द्वारा भोजपुर से जुड़े लिट्टी चोखा, दाल पिठोरी, ब्वायल पीठा, फ्राई पीठा, बेसन का सब्जी, लकठो, बेलग्रामी, खाजा, मोतीचूर का लड्डू, खुरमा, होरहा, गुलगुला आदि पारम्परिक व्यंजन को प्रस्तुत किया गया.
जिसने यह साबित कर दिया कि भाषा को भले ही आधुनिक बना लें या उसमें ढल जाएं लेकिन अपने जड़ के बिना हमारी पहचान अधूरी है. भाषा तो सिर्फ सम्प्रेषण का एक माध्यम है. असली पहचान तो हमारी लोक परपंरा की कहानी है. इतना ही नही बच्चों ने पारंपरिक व्यंजन को मिट्टी के बर्तन और मकई से निर्मित प्लेट में परोस अपनी पर्यावरण के प्रति जवाबदेही भी दिखाई जो वहाँ आने वाले सभी लोगों का दिल छू गया.
स्टॉलों का निरीक्षण करने के दौरान आरा की महापौर इंदु देवी, जिलाधिकारी राजकुमार, पुलिस अधीक्षक प्रमोद कुमार, भाजपा नेता प्रेम पंकज उर्फ ललन समेत जब कई वहाँ पहुँचे तो बच्चों की इस प्रस्तुति पर मुग्ध हो गए. महापौर ने बच्चों की मेहनत को सराहा. उन्होंने कहा कि यह व्यंजन हमारे भोजपुर की पहचान है.
भोजपुर जिलाधिकारी राजकुमार ने कहा कि भोजपुर के व्यंजनों की मांग देश ही नहीं विदेशों में भी है. इस दौरान स्टॉल का निरीक्षण करने पहुंचे अतिथियों द्वारा भी स्वादिष्ट व्यंजन का लुफ्त उठाया गया. इस दौरान बच्चों ने अतिथियों को व्यंजन के बारे में विस्तार से जानकारी दी. बच्चों ने कहा कि आजकल के बच्चे पश्चिमी सभ्यता को अपनाकर मोमोज, चाउमिन व अन्य व्यंजनों के पीछे पड़े रहते हैं. हमारे जिले व मिट्टी से जुड़े यह लजीज व्यंजन स्वादिष्ट और स्वास्थ्यवर्धक है. प्रतिभागियों में अनीशा शुक्ला, आदिति कुमारी, श्रेया सिंह, सर्जना, स्वाति कुमारी, आयुष पाठक और अजय कुमार सिंह रहें. कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यालय के कला शिक्षक विष्णू शंकर और संजीव सिन्हा का सराहनीय योगदान रहा.
भोजपुर जिलाधिकारी को पेंटिंग गिफ्ट
इस दौरान कला शिक्षक और देश के राष्ट्रीय स्तर पर अपनी भोजपुरी शैली की पेंटिंगों से पहचान बनाने वाले संजीव सिन्हा ने भोजपुर को भोजपुरी पेंटिंग से सजाकर अपनी कलात्मकता का न सिर्फ परिचय दिया बल्कि जिलाधिकारी को इसे भेंट भी दिया. बताते चलें कि संजीव सिन्हा की यह पेंटिंग सोशल मीडिया पर इतनी पॉपुलर हुई कि रेलवे ने आरा स्टेशन पर इसी पेंटिंग की तरह स्टेशन के नाम का बोर्ड लगाने का आश्वासन दिया था. भोजपुर लिखे हुए इस पेंटिंग में भोजपुर की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि से लेकर सांस्कृतिक विरासत की झलक देखने को मिलती है.
आरा से ओ. पी. पांडेय की रिपोर्ट