भोजपुरी को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की उठेगी आवाज
कोरोना काल के दौरान चिकित्सा व्यवस्था, तीसरी लहर को लेकर तैयारी, युवाओं को रोजगार जैसे गंभीर मुद्दे
पटना: बिहार मानसून सत्र के ऐलान के साथ ही विधानसभा और बिहार विधान परिषद दोनों में तैयारियां भी शुरू हो गई हैं.राजनीतिक दल भी अपनी अपनी मांगों के साथ कमर कस के तैयार है . विधानमंडल के इस सत्र भी हंगामेदार रहने की संभावना है. डबल इंजन की सरकार अपने विधायकों को जवाबी हमला करने और मंत्रियों को अपने महकमे से संबंधित पूरी जानकारी और तैयारी से आने के लिए कहा है.
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क्या हुआ था पिछले सत्र में
विधानमंडल का पिछला सत्र काफी हंगामेदार रहा था.विपक्ष ने सत्र के दौरान कुछ ऐसा कर दिया कि एक इतिहास ही बन गया. विधानसभा में उस समय पुलिस भी बुलानी पड़ी थी . विपक्ष के विधायकों को उठा कर और घसीट कर सदन से बाहर कर दिया गया था . बात नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के विधानसभा अध्यक्ष के आसन तक जा पहुंचने से शुरू हुई थी ,जबकि उन्होंने बात में सफाई देते हुए कहा था कि वे हंगामा कर रहे लोगों को शांत कराने गए थे. उनके आसन तक पहुंचने के बाद राजद के कई नेता भी आसन तक पहुंच गए थे और हंगामा करने लगे थे.
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विपक्ष का वार को तैयार ,सरकार को कई मुद्दों पर घेरने की प्लानिंग
कोरोना संक्रमण को देखते हुए मॉनसून सत्र केवल पांच दिनों का ही होगा। संक्षिप्त सत्र में केवल पांच बैठक ही हो पाएगी. राज्य में कोरोना काल के दौरान चिकित्सा व्यवस्था, तीसरी लहर को लेकर तैयारी, युवाओं को रोजगार जैसे मसले विपक्ष प्रमुख तौर पर उठा सकता है. लोकसभा में भोजपुरी को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की आवाज उठने के बाद शाहाबाद इलाके के विधायकों ने भी इस मुद्दे पर सरकार का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश करेंगे. विधानसभा अध्यक्ष के लिए मॉनसून सत्र इस बार बड़ी चुनौती वाला साबित होगा. सरकार को घेरने की रणनीति बनाने के लिए विपक्ष के तमाम दल 25 को बैठक करेंगे.
pncb