प्रधानमन्त्री ने काशी के कोतवाल का किया दर्शन
पुरे शहर को दीपावली की तरह सजाया गया
वाराणसी पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी के कोतवाल भगवान काल भैरव के दर्शन किए. पीएम मोदी ने भगवान काल भैरव की आरती भी की. पीएम मोदी काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन करने के बाद डी एल डब्ल्यू गेस्ट हाउस जाएंगे. फिर शाम साढ़े 5 बजे पीएम मोदी रविदास घाट पहुंचेंगे. यहां से पीएम क्रूज में सवार होकर दशाश्वमेध घाट जाएंगे और गंगा आरती में शामिल होंगे. बीजेपी शासित राज्यों के सभी मुख्यमंत्री भी पीएम के साथ गंगा आरती में हिस्सा लेंगे.
विश्वनाथ मंदिर कॉरीडोर के उद्घाटन को लेकर पूरे काशी में उत्सव जैसा माहौल है. सभी सरकारी भवनों, चौराहों को बिजली के रंग-बिरंगे बल्बों से सजाया गया है. स्थानीय लोगों ने भी अपने भवनों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को सजाया है. जगह-जगह सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जा रहा है. 13 दिसंबर की शाम को दीपावली की तर्ज़ पर सभी से अपने घरों को दीपों से सजाने की अपीलके बाद लोग इस कार्य में जुट गए हैं . प्रशासन की ओर से मैदागिन से कॉरिडोर तक जाने वाले मार्ग के हर भवन को एक ही रंग गेरुए में रंग दिया गया है.
1669 में अहिल्याबाई होल्कर ने काशी विश्वनाथ मंदिर का पुनरोद्धार कराया था. उसके लगभग 350 वर्ष बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने मंदिर के विस्तारीकरण और पुनरोद्धार के लिए विश्वनाथ मंदिर कॉरीडोर का शिलान्यास किया था. शिलान्यास के लगभग 2 साल 8 महीने बाद इस ड्रीम प्रोजेक्ट के 95 प्रतिशत कार्य को पूरा कर लिया गया है. माना जा रहा है कि इस पूरे कॉरिडोर के निर्माण में 340 करोड़ रुपये ख़र्च हुए हैं.पूरे कॉरिडोर को लगभग 50,000 वर्ग मीटर के एक बड़े परिसर में बनाया गया है. इसका मुख्य दरवाज़ा गंगा की तरफ़ ललिता घाट से होकर जाता है.
विश्वनाथ कॉरिडोर को 3 भागों में बांटा गया है. पहला, मंदिर का मुख्य भाग है जो लाल बलुआ पत्थर से बनाया गया है. इसमें 4 बड़े-बड़े गेट लगाए गए हैं. इसके चारों तरफ़ एक प्रदक्षिणा पथ बनाया गया है. उस प्रदक्षिणा पथ पर संगमरमर के 22 शिलालेख लगाए गए हैं जिनमें काशी की महिमा का वर्णन है. कॉरिडोर में 24 भवन भी बनाए जा रहे हैं. इन भवनों में मुख्य मंदिर परिसर, मंदिर चौक, मुमुक्षु भवन, तीन यात्री सुविधा केंद्र, चार शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, मल्टीपरपस हॉल, सिटी म्यूज़ियम, वाराणसी गैलरी, जलपान केंद्र गंगा व्यू कैफ़े आदि होंगे. धाम की चमक बढ़ाने के लिए अलग-अलग तरह की 5,000 लाइटें लगायी गयी हैं. ये ख़ास तरह की लाइटें दिन, दोपहर और रात में रंग बदलती रहती है .
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