पटना हाईकोर्ट ने मंगलवार को नगर निकाय चुनाव में मनमानी के लिए राज्य निर्वाचन आयोग को जमकर फटकार लगाई है. ऐसे में अब बिहार में होने वाले निकाय चुनाव को लेकर आशंका के बादल मंडरा रहे हैं. इस बीच जदयू और भाजपा एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाकर एक दूसरे को दोषी ठहरा रहे हैं. इधर पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी ने इस पूरे मुद्दे पर बिहार सरकार की फजीहत के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सीधे-सीधे जिम्मेदार ठहराया है उन्होंने कहा कि ये नीतीश कुमार की ज़िद का परिणाम है कि पटना हाई कोर्ट को नगर निकाय चुनाव रोकने का आदेश देना पड़ा. सुप्रीम कोर्ट के ट्रिपल टेस्ट के निर्देश को नीतीश कुमार ने नकार दिया. भाजपा नेता ने तत्काल चुनाव पर रोक लगाने की मांग की है.
जदयू के आरोप पर उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना का नगर निकाय चुनाव से कोई सम्बन्ध नहीं है. कोर्ट का कहना था कि एक विशेष आयोग (dedicated commission) बना कर उसकी अनुशंसा पर पिछड़ों को निकाय चुनाव में आरक्षण दें, परंतु नीतीश कुमार अपनी जिद पर अड़े थे.
एजी और निर्वाचन आयोग को भी किया अनसुना
सुशील कुमार मोदी ने कहा कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि सीएम नीतीश ने इस मुद्दे पर महाधिवक्ता (AG ) और राज्य निर्वाचन आयोग की राय भी नहीं मानी. एजी और राज्य निर्वाचन आयोग बार बार ट्रिपल टेस्ट की बात कर रहे थे, परंतु मुख्यमंत्री की ज़िद के कारण दोनों को उनके मनोनुकूल राय देनी पड़ी.
मनमाने ढंग से चुनाव प्रक्रिया शुरू होने पर हाईकोर्ट ने रोक लगाने का आदेश दिया, जबकि प्रत्याशियों के करोड़ों रुपये खर्च हो चुके हैं.
सुशील मोदी ने कहा कि अब सरकार को सर्वदलीय बैठक बुलाकर कोर्ट के आदेश को ध्यान में रख कर आगे का निर्णय लेना चाहिए.
“मैंने 3 बार बयान देकर सरकार को चेतावनी दी थी कि बिना ट्रिपल टेस्ट के चुनाव मत कराइए,परंतु नीतीश कुमार किसी की सुनने को तैयार नहीं थे। आज जो फ़ज़ीहत हुई है उसके लिए केवल नीतीश ज़िम्मेवार हैं.”- सुशील कुमार मोदी
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