दरभंगा, मधुबनी, सहरसा, सुपौल जिले के लाखो लोगों को होगा फायदा
कोसी नदी की बाढ़ से सुरक्षा के साथ मिलेगी यातायात सुगमता
कमला नदी के तटबंध पर रसियारी से आगे 56 किलोमीटर तक होगा सड़क निर्माण
बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय झा मिथिला के केंद्रीय भाग में विभिन्न विकास योजनाओं के तहत तटबंधों पर बने सड़कों का उद्घाटन किया और दरभंगा जिले में तटबंधों पर ऑल वेदर सड़क बनाने का बड़ा ऐलान किया. दरभंगा जिले के जमालपुर में स्थित जल संसाधन विभाग के निरीक्षण भवन के जीर्णोद्धार कार्य का उद्घाटन करते हुए संजय झा ने ऐलान किया कि कमला नदी के दोनों तटबंधों पर पहले फेज में कुल 80 किलोमीटर लंबाई में सड़क निर्माण का कार्य चल रहा है, जो जल्द पूरा हो जाएगा. साथ ही दूसरे फेज में अगले वित्त वर्ष में ही इस कार्य को रसियारी (दरभंगा) से आगे दोनों तरफ 28 किलोमीटर (कुल 56 किलोमीटर) तक बढ़ाया जाएगा. इससे कमला तटबंध के रास्ते लोग दरभंगा से नेपाल सीमा पर स्थित जयनगर तक आसानी से पहुंच जाएंगे.
जल संसाधन मंत्री ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि दरभंगा, मधुबनी, सहरसा और सुपौल जिलों की यात्रा कर कोसी नदी के पश्चिमी तथा पूर्वी तटबंध पर जल संसाधन विभाग द्वारा निर्मित सड़क का उद्घाटन किया है. इससे चारो जिलों की लाखों की आबादी को कोसी नदी की बाढ़ से सुरक्षा के साथ-साथ यातायात सुगमता मिलेगी. जमालपुर के समारोह में उन्होंने कहा कि तटबंध पर बनी सड़क से यात्रा कर ही उन्होंने दरभंगा जिले के तरवारा और किरतपुर, जबकि मधुबनी जिले के भेजा, करहारा और तरडिहा में आयोजित सभाओं को संबोधित किया है. दरभंगा के जनसंपर्क उपनिदेशक एन के गुप्ता की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि कोसी पश्चिमी तथा पूर्वी तटबंध पर रोड बन जाने से तटबंध के टूटने की आशंका न्यूनतम हो जाएगी. साथ ही दरभंगा जिले के किरतपुर, मधुबनी जिले के मधेपुर, घोघरडीहा और लौकही, सुपौल जिले के निर्मली, मरौना, सुपौल, भपटियाही, किशनपुर और सहरसा जिले के महिषी, नवहट्टा, सिमरी बख्तियारपुर तथा सलखुआ प्रखंड के निवासियों को आवागमन का एक प्रमुख वैकल्पिक मार्ग मिल गया है.
मंत्री ने कहा कि डेढ़ दशक पहले तक कोसी, कमला और बलान नदी के इलाके में आवागमन काफी दुरूह था. अब कोसी तटबंध पर सड़क निर्माण कार्य पूर्ण हो जाने से क्षेत्र में यातायात और सुगम हो गया है. कमला-बलान तटबंध पर सड़क बन जाने के बाद इस इलाके में विकास को पंख लग जाएंगे.उन्होंने याद दिलाया कि धनश्यामपुर से किरतपुर जाने के लिए धूल भरे रास्ते से जाना और फिर नाव से नदी पार कर ही रसियारी पहुंचना पड़ता था. रसियारी पुल का निर्माण के बाद किरतपुर प्रखंड और आसपास की बड़ी आबादी को फायदा हुआ है. किरतपुर से आगे जाकर कोसी नदी पर पुल बनने से क्षेत्र के लोगों के लिए सहरसा, सुपौल जाना सुगम हो गया है.मंत्री ने कहा कि समाधान यात्रा के क्रम में सीएम जब मधुबनी जिले में आये थे तब उन्होंने खुद स्थल पर जाकर देखा कि कमला नदी के तटबंध पर 80 किलोमीटर लंबाई में सड़क निर्माण कार्य किस तरह चल रहा है. कहा गया कि मधुबनी जिले के साथ ही दरभंगा जिले में उपलब्ध नहर सिंचाई सुविधा के विस्तार के लिए काम कराया जाएगा. ये भी कहा गया कि जल संसाधन विभाग द्वारा पूर्वी कोसी तटबंध का कुल 117.40 किलोमीटर, पश्चिमी कोसी तटबंध का कुल 107.07 किमी लंबाई में, साथ ही निर्मली-घोघरडीहा लिंक पथ का 8.54 किमी लंबाई में और भुतही बलान मार्जिनल बांध का 4.23 किमी लंबाई में ऊंचाई बढ़ाने, सुदृढ़ीकरण और पक्कीकरण कार्य कराया गया है. कोसी नदी के उपरोक्त बांध पर सड़क निर्माण की योजना है.इससे कोसी के साथ-साथ भुतही बलान और तिलयुगा नदी के किनारे बसे गांव के लोगों को बाढ़ से सुरक्षा मिलेगी.
संवेदनशील स्थलों पर कमला के तटबंधों को सुदृढ़ बनाने के लिए आयरन शीट पाइलिंग करवाई गई. इसके अलावा जयनगर में कमला नदी पर 405 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक बराज का निर्माण, कमला नदी के बायें एवं दायें तटबंधों का पहले फेज में करीब 325 करोड़ रुपये की लागत से कुल 80 किलोमीटर लंबाई में ऊँचीकरण, सुदृढ़ीकरण एवं पक्कीकरण कार्य और कमला नदी के बिहार में स्थित दोनों तटबंधों को नेपाल में स्थित तटबंधों के साथ जोड़ने की योजना शामिल है.
संजय मिश्र ,दरभंगा