गोपनीय रखी जाएगी कोरोना मरीजों की जानकारी
मीडिया को दायरे में रहकर रिपोर्टिंग करने का फरमान
पटना, 24 मार्च. कोरोना पर मचे कोहराम के बाद जहाँ सभी चीजों को बंद कर दिया गया है वही कोरोना मीडिया पर भी लगाम बनकर आड़े हाथ खड़ा हो गया है. कोरोना के बीच मचे भय और दहशत के इस माहौल की वजह से बिहार सरकार ने बिहार लॉक डाउन की घोषणा के बाद कोरोना से जुड़ी खबरों का कवरेज करने के लिए मीडिया के लिए भी गाइडलाइन जारी किया है. स्वास्थ्य विभाग ने इस सम्बंध में कुछ खास हिदायते जारी की है. स्वास्थ्य सचिव संजय कुमार ने यह गाइडलाइन जारी किया है, जिसके तहत अब इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट, वेब और सोशल मीडिया को इस गाइडलाइन के अंदर ही काम करना होगा. गाइडलाइन को फॉलो नही करने वालों पर सरकार सख्ती से पेश आएगी और उनपर कोरोना 2020, और आइपीसी की धाराओं की तहत कार्रवाई भी की जाएगी.
इस गाइड लाइन के तहत कोरोना वायरस के किसी भी संक्रमित मरीज या उसके परिजन का इंटरव्यू लेने पर अब रोक लगा दी गई है. इसके साथ ही साथ उस डॉक्टर का इंटरव्यू भी लेने पर रोक होगी जो कोरोना पेसेंट का इलाज कर रहा है. स्वास्थ विभाग ने यह रोक एपिडेमिक डिजीज एक्ट के तहत लगाई है. इसका उल्लंघन करने वाले मीडिया कर्मियों पर आईपीसी की धारा के तहत कार्यवाही की जाएगी. इसके अलावा सरकार ने कवरेज के लिए यह गाइडलाइन भी जारी किया है कि कोरोना वायरस से संक्रमित या पॉजिटिव मरीज और उसके परिजनों की पहचान को गोपनीय रखा जाएगा. कोई भी मीडिया इनकी पहचान सार्वजनिक नहीं करेगा.
आपको बता दें कि रविवार को बिहार में जिस कोरोना पेसेंट की मौत हुई थी उसकी पहचान स्वास्थ्य विभाग में भी गोपनीय नहीं रखी थी. पटना एम्स प्रबंधन ने उसके संबंध में जानकारी सार्वजनिक की थी जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग में यह गाइडलाइन जारी किया है.
पटना नाउ ब्यूरो रिपोर्ट