‘मास्क’ फैशन ही नहीं सुरक्षा-कवच, वॉल्व वाले मास्क बढा सकते हैं मुश्किलें
आरा, 28 दिसंबर(ओ. पी. पांडेय)- कोरोना को लेकर लोगों में मास्क लगाने की जागरूकता सिर्फ फाइन से बचने को लेकर है इसलिए वे फैशन में वैसे मास्क को यूज कर रहे हैं जो सुरक्षा की जगह उन्हें मुसीबत में डाल सकता है. इसे लेकर सिविल सर्जन, आरा ने लोगों को जागरूक करते हुए इसके प्रति लापरवाही को बरतने की सलाह दी.
जिले में मास्क का इस्तेमाल करने को लेकर लोगों में जागरूकता तो दिख रही है लेकिन कुछ लोग अभी भी इसकी महत्ता नहीं समझ पा रहे है. लोग जानकारी के अभाव में यह भूल रहे हैं कि मास्क उनकी सुरक्षा के लिए है, फैशन के लिए नहीं. यह उनके लिए सुरक्षा कवच के समान है,जो उन्हें कोरोना वायरस से तो बचा ही रहा है, साथ ही धूल-मिट्टी और प्रदूषण से भी उनकी रक्षा कर रहा है. सिविल सर्जन डॉ ललितेश्वर प्रसाद झा ने इसे सहज पहनने की आदत बनाने की अपील की. उन्होंने कहा कि कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो जुर्माना देने और पुलिसवालों के डर से मास्क पहनते हैं, लेकिन आगे जाकर मास्क दिखावे के लिए गले में लटका लेते हैं. यह खुद की और दूसरों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ है. मास्क पहनना केवल समय की मांग ही नहीं है, बल्कि यह आपकी, आपके परिवार की सुरक्षा के लिए है. उन्होंने कहा कि मास्क को उत्साह, स्वाभिमान और साहस के साथ पहनिए और इसे आदत बनाइये.
मास्क को लेकर एक-दूसरे को करते रहे जागरूक :
सिविल सर्जन डॉ ललितेश्वर प्रसाद झा ने कहा कोरोना वायरससे बचने के लिए मास्क पहनना ही होगा. हमारा फर्ज है कि हम एक-दूसरे को लगातार इसके लिए जागरूक करते रहें. मास्क का मतलब है,“मेरा अपना सुरक्षा कवच.” इस कवच को हम सभी को अपनाने की आवश्यकता है. इस कवच को खुद पहनने और दूसरे लोगों को पहनने के लिए जागरूक करने की जरूरत है. कोरोना महामारी के इस दौर में यदि हम किसी जरूरी काम के लिए घर से बाहर निकलते हैं तो मास्क पहनना कतई ना भूले. सोशल डिस्टेसिंग के साथ खुद को बचाने का यही एक मात्र हथियार है. इसलिए हर नागरिक का कर्तव्य है कि वह घर से बाहर निकलते ही मास्क लगाएं.
वॉल्व वाले मास्क से बढ़ सकता है संक्रमण :
डॉ. झा ने बताया फैशन के दौर में युवा वॉल्व वाले मास्क का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो उसके लिए खतरनाक साबित हो सकता है. बाजार में खराब गुणवत्ता वाले वॉल्व मास्क बिकने लगे है. वॉल्व वाले मास्क को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने गाइडलाइन जारी की थी. इन मास्कों में लगे वॉल्व वायरस के संक्रमण को रोकने में सक्षम नहीं है। जिस कारण इसके प्रयोग पर प्रतिबंध लगाया गया था. उसके बावजूद इन मास्कों का प्रयोग हो रहा है जो चिंता का विषय है. उन्होंने बताया कोरोना वायरस को रोकने के लिए सबसे कारगर तीन लेयर वाले मास्क होते हैं. साथ ही, घर के बने सूती कपड़े के मास्क ज्यादा सुरक्षित होते है. मास्क के प्रयोग को लेकर किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए. कोरोना वायरस को रोकने के लिए मास्क के प्रयोग के साथ शारीरिक दूरी का पालन करना भी बेहद जरूरी है.
इन बातों का रखें विशेष ध्यान :
– सार्वजानिक स्थानों पर लोगों से दूरी बनाएं
– कम से कम दो मास्क रखें. घर में बनाए गए मास्क को समय समय पर धुलते रहें.
– अपनी आंख, नाक एवं मुंह को छूने से बचें
– हाथों को नियमित रूप से साबुन एवं पानी से अच्छी तरफ साफ करें
– आल्कोहल युक्त हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें