संक्रमणरोधी दवाएं इवरमेक्टिन, मुपिरोसिन और मेरोपेनेम सस्ती
रैनिटिडिन, सुक्रालफेट, वाइट पेट्रोलेटम, एटेनोलोल और मेथिल्डोपा सूची से बाहर
सस्ता की गई कुल दवाओं की संख्या 384
आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची (एनएलईएम-2022) में 34 नई अतिरिक्त दवाओं को शामिल करने से कई कैंसररोधी दवाएं, एंटीबायोटिक्स और टीके अब और ज्यादा सस्ती हो जाएंगे. इससे मरीजों का खर्च घटेगा. संक्रमणरोधी दवाएं इवरमेक्टिन, मुपिरोसिन और मेरोपेनेम को भी सूची में शामिल किए जाने के साथ अब ऐसी कुल दवाओं की संख्या 384 हो गई है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया और स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीन पवार ने इस सूची को जारी किया. चार प्रमुख कैंसररोधी दवाएं-बेंडामुस्टाइन हाइड्रोक्लोराइड, इरिनोटेकन एचसीआइ ट्राइहाइड्रेट, लेनालेडोमाइड व ल्यूप्रोलाइड एसीटेट और मनोचिकित्सा संबंधी दवाओं-निकोटिन रिप्लेसमेंट थेरेपी और ब्यूप्रेनोर्फिन को भी सूची में जोड़ा गया है. हालांकि, 26 दवाओं जैसे कि रैनिटिडिन, सुक्रालफेट, वाइट पेट्रोलेटम, एटेनोलोल और मेथिल्डोपा को संशोधित सूची से हटा दिया गया है.
मांडविया ने कहा कि एनएलईएम-2022 का संशोधन शिक्षाविदों, उद्योगपतियों और लोक नीति विशेषज्ञों समेत हितधारकों और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) की आवश्यक दवा सूची (ईएमएल)-2021 जैसे अहम दस्तावेजों के साथ निरंतर परामर्श के बाद किया गया है. संशोधित सूची में अंतस्रावी दवाओं और गर्भनिरोधक फ्लूड्रोकोर्टिसोन, ओरमेलोक्सिफेन, इंसुलिन ग्लरगाइन और टेनेनिग्लिटीन को जोड़ा गया है. श्वसन तंत्र की दवा मान्टेलुकास्ट और नेत्र रोग संबंधी दवा लैटानोप्रोस्ट का नाम सूची में है. हृदय और रक्त नलिकाओं की देखभाल में उपयोग की जाने वाली दवा डाबिगट्रान और टेनेक्टेप्लेस के अलावा अन्य दवाओं ने भी सूची में जगह बनाई है. दवाओं पर स्थायी राष्ट्रीय समिति के उपाध्यक्ष डा वाईके गुप्ता ने कहा कि एनएलईएम में इवरमेक्टिन, मेरोपेनेम, सेफुरोक्साइम, एमिकासिन, बेडाक्विलाइन, डेलामेनिड, इट्राकोनाजोल एबीसी डोलटेग्रेविर जैसी दवाओं को जोड़ा गया है. पिछले साल भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) के तहत एक विशेषज्ञ समिति द्वारा 399 ‘फार्मूलेशन’ की संशोधित सूची प्रस्तुत की गई थी.
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