अधिकारी रहते हुए मनोज श्रीवास्तव ने कभी कंप्रोमाइज नहीं किया: आर के सिंह

मनोज श्रीवास्तव समाज के आमजनों के विकास के लिए जमीनी स्तर पर काफी कार्य किये : आर के सिंह

विकास को लेकर नजरिया और विज़न स्पष्ट था और साथ ही उनमे सीखने की काफी ललक थी- स्टुअर्ट कोरब्रिज




अतुलनीय रहा है दिवंगत मनोज श्रीवास्तव का आइडियलिज्म और जनसरोकार की भावना

पटना में द्वितीय वार्षिक मनोज श्रीवास्तव मेमोरियल लेक्चर का हुआ आयोजन

दिग्गज शासक,प्रशासकों की मौजूदगी में वक्ताओं ने की उनके जीवन और कार्य से सीख लेने की अपील

कार्यक्रम में ऑनलाइन जुड़े लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के फॉर्मर वाइस चांसलर प्रो.स्टुअर्ट कोरब्रिज

कैबिनेट मंत्री, पॉवर और न्यू रिन्यूएबल एनर्जी, भारत सरकार, आरके सिंह के संबोधन से भावुक हुए लोग

होटल मौर्या में इक्विटी फाउंडेशन और श्रीवास्तव परिवार की और से द्वितीय मनोज श्रीवास्तव मेमोरियल लेक्चर का आयोजन किया गया. उनकी बहु अदिति गर्ग ने सभी अथिथियों का स्वागत करते हुए इस पहल के बारे में विस्तार से बताया. उनकी छोटी बेटी रौशनी श्रीवास्तव ने मनोज श्रीवास्तव के जीवन वृतांत के बारे में बताया.

कैबिनेट मंत्री, पॉवर और न्यू रिन्यूएबल एनर्जी, भारत सरकार, आर के सिंह

कार्यक्रम के  मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री, पॉवर और न्यू रिन्यूएबल एनर्जी, भारत सरकार, आर के सिंह ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि 1980 बैच के आईएएस मनोज श्रीवास्तव मेरे प्रोबेशनर के रूप से मुझसे जुड़े थे. उन्होंने कहा कि मैं हर दिन उन्हें मिस करता हूँ. उनके कार्य करने की शैली, उनका ज्ञान और अनुभव काफी विस्तृत था. सिविल सेवा में रहते हुए उन्होंने जिस तरह से समाज के आमजनों के विकास के लिए जमीनी स्तर पर काफी कार्य किये. उन्होंने अपनी प्रशासनिक जिम्मेदारिओं को बखूबी निभाते हुए भी अपनी जनसरोकारी सोच और आईडीयलिजम से कभी समझौता नहीं किया. कई बातें ऐसी थी जो मैंने उनसे सीखी. प्रशासनिक पदाधिकारी के अपने पद पर रहते हुए उन्होंने कभी कंप्रोमाइज नहीं किया. मनोज श्रीवास्तव जैसे अधिकारी अपने कामकाज और सबको साथ लेकर चलने की भावना के लिए हमेशा याद किये जायेंगे.

मानव विजन और सेवा जीवंत प्रतिमान थे दिवंगत मनोज श्रीवास्तव

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में  लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के फॉर्मर वाईस चांसलर प्रोफेसर स्टुअर्ट कोरब्रिज वीडियो लिंक से जुड़े. अपने संबोधन में उन्होंने बताया की वो रिसर्च के रूप में मेरे साथ साथ जुडें. उनका विकास को लेकर नजरिया और विज़न स्पष्ट था और साथ ही उनमे सीखने की काफी ललक थी. उन्होंने कहा कि वे 20 साल से मुझसे जुड़े हुए थे और परिवार के सदस्य की तरह मानते थे. कार्यक्रम के मेमोरी शेयरिंग सेशन में रिज़र्व बैंक के गवर्नर और उनके बैचमेट शशिकांत दास ने नीति आयोग के पूर्व सीईओ और बैचमेट अमिताभ कांत एवं राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के पूर्व सेक्रटरी जनरल, सत्यनारायण मोहंती लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन (LBSNAA) से जुड़ीं यादों को साझा किया. अमिताभ कांत ने यह भी कहा कि उन्होंने अपने पूरे कार्यकाल में सिविल सेवा में श्री श्रीवास्तव जैसा बुद्धिजीवी नहीं देखा. डॉ. अरविन्द झा, पूर्व आईएफएस और मुख्य वन संरक्षक, महाराष्ट्र ने कहा कि मेरा और मनोज का रिश्ता 50 सालों का है. मेरी दोस्ती  सेंट जेवियर कॉलेज में इंटर के दौरान हुई थी. उनमें जो जज्बा, जोश और जूनून उस समय था वो आखिरी दौर तक रहा. अपर मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग, बिहार, दीपक सिंह ने कहा कि मनोज सर मुझसे 12 वर्ष सीनियर थे. उनसे हमेशा कुछ सीखने को मिलता था. उनका चीजों को देखने का नजरिया अलग था .

सैकड़ों गणमान्यों ने दी अश्रुपूरित श्रद्धांजलि

अपर मुख्य सचिव, खान एवं भुतत्व विभाग, बिहार हरजोत कौर बम्हरा ने कहा कि बतौर विभागीय जाँच आयुक्त के रूप में वो हमेशा ईमानदार अफसरों को प्रोटेक्ट करते थे साथ ही काफी गहराई में जा कर जाँच प्रकिया को पूरा करते थे. बीबीसी के पूर्व ब्यूरो चीफ मणिकांत ठाकुर एवं वरिष्ठ लेखक निलय उपाध्याय ने बताया कि कैसे श्रीवास्तव का सामाजिक दायरा काफी बड़ा था. वो हर तबके के साथ कुछ ऐसे घुल-मिल जाते थे जैसे की वो उनमें से ही एक हो ने कहा. भोजपुर जिला पदाधिकारी के रूप में उनके कार्यकाल का वहां के लोग आज 30 साल बाद भी मिसाल देते हैं. कार्यक्रम में अधिवक्ता प्रकोष्ठ के तारकेश्वर ठाकुर,रंगकर्मी व पत्रकार रवीन्द्र भारती ने बताया कि मनोज सर किसी काम को काम करते हुए अगले 20 साल के योजनाओं पर सोंचते थे. समाज के निचले तबके के बारे में सोचना उनकी लगनशीलता और कर्मठता को दर्शाती थी. कार्यक्रम के दौरान बिहार के वरीय पदाधिकारी, रंगकर्मी, लेखक, पत्रकार, शिक्षाविद सहित लगभग 150 लोगों ने भाग लिया. कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन उनकी छोटी बहु प्रेरणा सिंह ने किया.

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By pnc

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