संयुक्त संघर्ष समिति की आपात बैठक में हुआ निर्णय
आंदोलनकारियों को डराने से बाज आए सरकार
मांगों की पूर्ति के लिए करे सम्मानजनक पहल
दरभंगा
धरना, प्रदर्शन, संघर्ष में फूट डालने और सिस्टम के कठोर प्रतिरोधी कदम के बीच लोगों को ऐसा लगा कि 46 दिनों से जारी सेविका/सहायिका संयुक्त संघर्ष समिति के हड़ताल की आंच थाम ली गई है. लेकिन मंगलवार, 14 नवंबर 2023 को लहेरियासराय में सेविका/सहायिका संयुक्त संघर्ष समिति की हुई आपात बैठक में आंदोलनरत नेताओं ने निर्णय लिया कि उनकी हड़ताल मांगों की पूर्ति तक चलती रहेगी.समिति की जिला अध्यक्ष श्वेता सुमन ने उद्घोष किया कि मांगों से पीछे हटने का सवाल ही नहीं.
उन्होंने कहा कि ये आर पार की लड़ाई है. साजिशों से संकल्प कमजोर नहीं पड़ेगा. सरकार विवेक दिखाए, सम्मानजनक वार्ता करे और उनकी मांगों का समाधान करे. श्वेता सुमन ने कहा कि दरभंगा के जिला प्रोग्राम पदाधिकारी चयन मुक्ति के कदमों से बाज आएं और उनके जायज एवं मानवीय मांगों की आवाज को सरकार तक संवेदनशीलता से पहुंचाएं.
नेत्री शाहीन परवीन ने कहा कि छलपूर्वक समिति सदस्यों में फूट डाली जा रही है. उन्हें उनके पद से हटाने की कोशिश हुई जिसका कोई मतलब नहीं. समिति ने उन्हें बरकरार रखा है. इतना ही नहीं कई सेविका/सहायिका पर दवाब बना कर हड़ताल से हटने और ड्यूटी करने संबंधी पत्र दिलवाए गए. उन सेविका/सहायिका को मनाया जाएगा.
उधर सेविका/सहायिका की मांगों का समर्थन करने वाले वाम संगठनों के नेताओं ने मंगलवार को ही डीएम को पत्र सौंप कर पहल करने की अपील की है. इसमें अनुरोध किया गया है कि सेविका/सहायिका पर चयन मुक्ति जैसी दमनात्मक कार्रवाई तत्काल रोकी जाय. पत्र में डीएम के जरिए वाम दलों की भावनाओं से सेविका/सहायिका की मांगों के संबंध में सहृदयता से पहल करने की बात सरकार तक पहुंचाने को कहा गया है.
आपको बता दें कि संघर्ष समिति की दरभंगा जिला अध्यक्ष श्वेता सुमन उन दस लोगों में शामिल हैं जिन्हें चयन मुक्त किया गया है. उनकी सेवा तत्काल प्रभाव से समाप्त की गई है. श्वेता जिले के बहेड़ी प्रखण्ड के भच्छी पंचायत के मौलवी टोल स्थित बाल विकास परियोजना के केंद्र संख्या 46 की सेविका हैं.सूत्रों के अनुसार जिला प्रोग्राम पदाधिकारी दरभंगा की ओर से निर्गत श्वेता सुमन की सेवा समाप्ति वाले आदेश पत्र में कहा गया है कि कतिपय आंगनबाड़ी सेविका/सहायिका संघों के आह्वान पर 29-9-23 से जारी हड़ताल के कारण राज्य में समेकित बाल विकास सेवाओं पर गंभीर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है. जो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम – 2013 और सर्वोच्च न्यायालय द्वारा खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने हेतु समय समय पर निर्गत न्यायादेशों का उल्लंघन है.
जबकि बाल विकास परियोजना बहेड़ी आदेश संख्या 580 दिनांक 6 नवंबर 23 द्वारा हड़तालरत सभी आंगनबाड़ी सेविका/सहायिका को 24 घंटे के भीतर कर्तव्य पर वापस आने को कहा गया था. श्वेता सुमन को उच्च स्तरीय वार्ता, मीडिया के माध्यम से सार्वजनिक सूचना एवं कार्यालय सूचना देकर कर्तव्य पर वापस आने को लेकर सूचित किया गया. लेकिन वो नहीं आईं और हड़ताल में रहीं. उन्हें शो काउज नोटिस दिया गया लेकिन उसका जबाव नहीं आया. कर्तव्य को बाधित करने को लेकर आई सी डी एस निदेशालय पत्रांक 170 दिनांक 20-1-17 के प्रावधानों के आलोक में श्वेता सुमन की सेवा समाप्त की गई है. हालांकि निदेशालय के पत्रांक 2555 दिनांक 15-4-21 के आलोक में श्वेता अपील कर सकती हैं. कमोबेश ऐसे ही ग्राउंड अन्य चयन मुक्त सेविका/सहायिका को बताए गए हैं.
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