आरा,16 जनवरी. नौ ग्रहों के घटक और सबसे महत्वपूर्ण माने जाने वाले सूर्य के उत्तरायण होने के साथ ही होने वाले मौसम के बदलाव के जश्न को मनाने के लिए ऑरोविले इंग्लिश लिटरेरी क्लब, पी.जी. महाराजा कॉलेज के अंग्रेजी विभाग ने मकर संक्रांति के अवसर पर अपने स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों के लिए एक अनूठा अवसर दिया. इस अवसर पर “पर्यावरण के संबंध में संक्रांति का महत्व” विषय पर ‘पतंगबाज़ी’ प्रतियोगिता रखा गया जिसकी मेजबानी महाराजा कॉलेज और उक्त इंग्लिश क्लब ने संयुक्त रूप से की.
प्रतियोगिता का फोकस और उनके पाठ्यक्रम के हिस्से के रूप में था. कार्यक्रम का उद्घाटन महाराजा कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर ओपी राय ने किया. उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि मकर संक्रांति उत्सव इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह राशि चक्र में एक बड़े बदलाव के साथ मेल खाता है, या सूर्य के चारों ओर पृथ्वी की स्थिति कैसे व्यवस्थित होती है, जो दुनिया के बारे में हमारी धारणा को बदल देती है. वर्ष भर विभिन्न संक्रांतियाँ होती हैं; दो मुख्य हैं मकर संक्रांति, और इसके ठीक विपरीत, ग्रीष्म संक्रांति के बाद कर्क संक्रांति है. बीच में अनेक संक्रान्ति आती हैं. जब भी राशि चक्र बदलता है, तो ग्रह की गति का संकेत देने और यह समझने के लिए कि हमारा जीवन इसी से संचालित और पोषित होता है, इसे संक्रांति कहा जाता है.
कार्यक्रम के आमंत्रित निर्णायक प्रोफेसर प्रसुंजय कुमार सिन्हा, सी.सी.डी.सी., वी.के.एस.यू., डॉ द्वीपिका शेखर सिंह, सहायक प्रोफेसर, भूगोल विभाग और मनीष सिंह, महाराजा लॉ कॉलेज थे.
डॉ. वंदना सिंह, विभागाध्यक्ष, पीजी अंग्रेजी विभाग ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि संक्रांति के अवसर पर अतिथियों और सभी का स्वागत करना खुशी की बात है. हालाँकि यह एक दिन बाद है फिर भी मैं यह साझा करना चाहूँगी कि मकर संक्रांति पतंगबाजी और तिल के मिष्ठान के लिए प्रसिद्ध है. हालाँकि, यह त्यौहार सिर्फ शीतकालीन संक्रांति उत्सव से कहीं अधिक है. भारत में, मकर संक्रांति को अत्यधिक महत्वपूर्ण अवकाश के रूप में मनाया जाता है.
शाब्दिक रूप से, संक्रांति का अर्थ है “गति.” हम जिसे सजीव के रूप में पहचानते हैं वह गतिमान है. शुक्र है, जो हमसे पहले आए वे आगे बढ़ गए हैं, और जो हमारे बाद आए हैं वे केवल हमारे वैसा ही करने का इंतजार कर रहे हैं. ग्रह की गति से जीवन में हलचल होती है. यदि यह स्थिर होता, तो यह जीवन के लिए सक्षम नहीं होता.
पतंगों पर ऑरोविले का लोगो प्रदर्शित किया गया और इस अवसर पर आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों जैसे पतंगबाजी, पोस्टर प्रस्तुति, एक्सटेम्पोर आदि में छात्रों की भागीदारी थी. पीजी बैच 2020-2022 के पूर्व छात्रों और पीजी-III सेमेस्टर के छात्रों ने स्वयंसेवकों के रूप में सफलता सुनिश्चित की.
कार्यक्रम के मेजबान अंग्रेजी के पी,जी विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. शानवाज़ थे, इस अवसर पर संकाय सदस्य मौजूद थे.विजेता टीम के सदस्यो को पुरस्कार प्रो0 संजय कुमार, डा0 अरुण कुमार राय एवं मनीष सिंह ने प्रदान किया. विजेता छात्र पी जी सेमेस्टर 1 के सुशील, संहर्ष, चंचल, काजल, रोहित, साक्षी, कृति एवं विकाश थे.