एनआईए कोर्ट, पटना ने महाबोधि मंदिर बम विस्फोट मामले में सजा सुनाई
महाबोधि मंदिर विस्फोट मामले में नौ दोषियों में –
जहीदूल इस्लाम – 10 साल
अहमद अली उर्फ कालू – उम्रकैद
दिलावर हुसैन -दस साल
पैगम्बर शेख – उम्रकैद
मुस्तफा रहमान उर्फ शाहिन उर्फ तुहिन- दस साल
नूर आलम मोमिन – उम्रकैद
आरिफ हुसैन उर्फ अतातुर्क उर्फ सैयद उर्फ अनस उर्फ आलमगीर शेख -दस साल
मोहम्मद आदिल शेख उर्फ अब्दुल्लाह – दस साल
अब्दुल करीम उर्फ करीम शेख उर्फ इकबाल उर्फ फट्टू शेख – दस साल
तीन दोषियों को उम्रकैद और 5 को 10 साल की हुई है सजा
दलाईलामा के प्रवचन के दौरान रची गई थी साजिश
19 जनवरी 2018 को बोधगया महाबोधि मंदिर और पूजा स्थल कालचक्र मैदान व इसके आसपास आतंकवादियों द्वारा आईईडी बम ब्लास्ट किया गया था।इस कांड में कुल नौ आरोपित हैं। आठ आरोपितों ने अपना गुनाह कबुल किया था। जबकि एक अभियुक्त जहीदूल इस्लाम ने अपना अपराध नहीं कबूल किया था। जिसके बाद एनआईए, पटना ने १० दिसंबर को इन आरोपितों को आतंकी गतिविधि, देश विरोधी कार्य करने और विस्फोटक अधिनियम समेत अन्य धाराओं में दोषी करार देते हुए १७ दिसंबर को सजा के विन्दु पर फैसला देने का तिथि मुकर्रर किया था।
महाबोधि मंदिर के आरोपी अहमद अली उर्फ कालू, पैगंबर शेख, नूर आलम मोमिन, आदिल शेख उर्फ असद उल्लाह, दिलावर हुसैन, अब्दुल करीम उर्फ करीम शेख, मुस्तफिजुर रहमान और शाहीन और आरिफ हुसैन उर्फ अतातुर की ओर से याचिका दाखिल कर स्वेच्छा से अपना अपराध कबूल कर लिया था.
विश्व प्रसिद्ध बोधगया के महाबोधि मंदिर में तीन साल पहले हुए बम ब्लास्ट के मामले में आज दोषियों को सजा सुनाई गई.एनआइए के विशेष न्यायाधीश गुरविंद सिंह मल्होत्रा की अदालत में आज फैसला सुनाया । बता कि महोबोधि मंदिर ब्लास्ट मामले में नौ लोगों को आरोपी बनाया गया था, जिसमें बीते 10 दिसंबर को आठ लोगों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया था, इसके बाद अदालत ने उन्हें17 दिसम्बर को सजा दे दी.
एनआईए की विशेष अदालत में न्यायाधीश गुरविंदर सिंह मल्होत्रा की कोर्ट में बोधगया के महाबोधि मंदिर के आरोपी अहमद अली उर्फ कालू, पैगंबर शेख, नूर आलम मोमिन, आदिल शेख उर्फ असद उल्लाह, दिलावर हुसैन, अब्दुल करीम उर्फ करीम शेख, मुस्तफिजुर रहमान और शाहीन और आरिफ हुसैन उर्फ अतातुर की ओर से याचिका दाखिल कर स्वेच्छा से अपना अपराध कबूल किए जाने की बात कही गई थी. वहीं इस मामले में नौवें आरोपी जाहिद उल इस्लाम ने अपना अपराध स्वीकार नहीं किया था. . फिलहाल सभी अभियुक्त राजधानी पटना के बेउर जेल में बंद हैं.
आपको बता दें म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों की कथित प्रताड़ना का बदला लेने के लिए ये साजिश रची गई थी। इसके लिए बांग्लादेश के बदनाम आतंकी संगठन जमाएल-उल-मुजाहिदीन के सरगना जाहिदुल इस्लाम उर्फ कौसर ने ही पूरी प्लानिंग कर रखी थी.
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