लालू यादव ने कहा हर साल हजारों लोगों की मौत हो चुकी है
देउरवा गांव में शराब बनाने का काम चलता रहा है
बिहार में शराब बंदी के पांच साल तीन महीने बाद भी नहीं थम रहा है मौतों का सिलसिला
दर्ज प्राथमिकी में जहरीली शराब से मरने का आरोप
बिहार में शराब पर पूर्ण प्रतिबन्ध के बावजूद लोगों की मौत लगातार शराब के कारण हो रही है. राज्य के पश्चिम चंपारण के लौरिया प्रखंड में दो दिनों में संदिग्ध रूप से जहरीली शराब पीने से कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई है, जबकि कई लोगों का इलाज अभी भी जारी है. लोक इन मौतों के पीछे जहरीली शराब पीने के कारण रहे हैं. इस मामले की प्राथमिकी लौरिया थाना में दर्ज कर ली गई है.
चंपारण के पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) ललन मोहन प्रसाद ने बताया कि इस मामले में पीड़ित व्यक्ति के बयान पर लौरिया थाना में एक प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है. प्राथमिकी में दो लोगों को आरोपी बनाया गया है. उन्होंने कहा कि दर्ज प्राथमिकी में जहरीली शराब से मरने का आरोप लगाया गया है. देउरवा गांव में शराब बनाने का काम चलता है, जहां लोगों ने शराब पी थी और सभी की तबियत बिगड़ने लगी. ग्रामीणों के मुताबिक मरने वालों में देउरवा गांव के रहने वाले बिकाउ अंसारी, लतीफ मियां, रामवृक्ष चैधरी, बुलाई गांव के नईम हाजम, सीतापुर गांव के भगवान पांडा, जोगिया गांव के सुरेष साह, बगही के रातुल मियां और गौनही के झुन्ना मियां की मौत हुई है.
विभिन्न अस्पतालों में कई लोगों का इलाज चल रहा है. शराब पीने के बाद कई पीड़ितों ने अपनी आंख की रोशनी चली गई है स्थानीय लोगों का दावा है कि मौत का आंकड़ा बढ़ भी सकता है.2016 में गोपालगंज में जहरीली शराब पीने से 19 लोगों की मौत हो गई थी.इन मौतों के कारण भी जहरीली शराब ही थी .
इदर राजद ने एक ट्वीटर के जरिये शराब बंदी को पूरी तरह फेल बताया है .लालू यादव ने इस घटना पर राज्य सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि ““बिहार के सुशासन में शराबबंदी से प्रतिवर्ष हज़ारों लोग ज़हरीली शराब से मर जाते है। शराबबंदी के कारण सत्ताधारी लोग बिहार में 20000 करोड़ की अवैध इकॉनोमी चला रहे है। शराबबंदी के नाम पर लाखों दलित और गरीब जेलों में बंद है। पुलिस भ्रष्ट और अत्याचारी बन चुकी है।”
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