विद्वत पारिषद ने बक्सर पर शुरू किया अपना शोध कार्य

हर हफ्ते होगी साप्ताहिक बैठक, एकत्रित सामग्रियों पर होगा अध्ययन और प्रामाणिकता की जांच




बक्सर,4 जुलाई. रविवार को बक्सर विद्वत पारिषद की बैठक शहर के सुप्रसिद्ध ज्योति चौक स्थित ज्योति प्रकाश पुस्तकालय में सम्पन्न हुई. बैठक की अध्यक्षता शहर के विद्वान अधिवक्ता रामेश्वर प्रसाद र्मा ने की.

उन्होंने कहा कि बक्सर के लिए जो सोंच राहुल सांकृत्यायन का था वही सोच आदरणीय निलय जी का है इसलिए अगर इनकी तुलना अगर राहुल सांकृत्यायन से करूं तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी. उन्होंने कहा कि बक्सर जिला का गठन हुए 32 साल हो गया लेकिन आज तक इसका अपना गजेटियर नहीं है. इसलिए बक्सर के पौराणिक और संस्कृतिक इतिहास को कलमबद्ध कर उसे सहेजना हमारी नैतिक जिम्मेवारी है. इस कार्य को प्रकृति ने पुरा करने के लिए निलय उपाध्याय जैसे व्यक्तित्व को हम सभी के बीच भेजा है. उन्होंने कवि,लेखक, उपन्यासकार एवं पर्यावरणविद निलय उपाध्याय के देख रेख में उनके निर्देशों का अक्षरशः पालन करते हुए बक्सर के इतिहास को संग्रहित कर उसे आने वाली पीढ़ियों के लिए दर्ज करने का संकल्प लिया.

सभा का संचालन दैनिक भास्कर के बक्सर ब्यूरो प्रमुख व परिषद के सचिव मंगलेश तिवारी ने किया. उन्होंने कहा कि आज की बैठक हमारे समक्ष शाहाबाद का 1906 वाला गजेटियर है जिसमें बक्सर का भी जिक्र है. यह एक ऐसा प्रमाण है जहां से हम बक्सर के अतीत और वर्तमान को देख सकते हैं.


वही निलय उपाध्याय ने कहा कि हमे सिर्फ काम भर ही बातें करनी है, भाषणबाजी में समय न गंवाकर इतिहास के बिखरे पन्नों और उसके प्रमाण को जुटाने का काम इस पारिषद का है. इस मौके पर आए साहित्यकार पवन नंदन ने कहा कि बक्सर के लिए इस पुनीत कार्य में मुझे सम्मिलित करने के लिए मैं इस पारिषद का आभारी हूँ, जैसा दिशा निर्देश मिलेगा इस कार्य के लिए तैयार हूँ.

वही लेखक संजीव तिवारी ने कहा कि हम अपने कार्यों की एक सूची बना लें और फिर उसकी चर्चा बैठक मे कर उसपर कार्य प्रारम्भ करें. वही अधिवक्ता और साहित्यकार शशि भूषण मिश्रा ने कहा कि सभी आदरणीय अभिभावकों के सानिध्य में अपनी उर्जा को लेकर समर्पित हैं. इस बीच एक हफ्ते के बीच सभी ने बक्सर की ऐतिहासिक,संस्कृतिक और लोक कथा से जुड़ी सामग्रियों को चिह्नित कर अगली बैठक मे लाने का निर्णय लिया. यह भी निर्णय हुआ कि ज्ञानयोग और कर्मयोग दो विंग परिषद का होगा. ज्ञानपक्ष के जो लोग फैक्ट संकलन के कार्यों के दौरान भ्रमण आदि में नही जाने की स्थिति में खुद को सक्षम होंगे तो उनके ज्ञानपक्ष के हिसाब से कर्मयोग के युवा उक्त फैक्ट को भ्रमण कर एकत्रित करेंगे और फिर उसे परिषद तक लाया जाएगा.

इस मौक़े पर उपस्थित स्व. ज्योति प्रकाश के बेटे ने कहा कि बक्सर के लिए इस पुनीत कार्य के लिए उनका पुस्तकालय हमेशा खुला है साथ ही अगर अध्ययन के लिए किसी पुस्तक की जरूरत होगी तो वे परिषद को उपलब्ध करायेंगे.

निर्णय हुआ कि प्रत्येंक रविवार को सुबह 11 बजे परिषद् की मीटिंग तत्पश्चात कवि सम्मलेन या कविता पाठ का आयोजन होगा. मौक़े पर कार्यकारणी विस्तार की गई. उपाध्यक्ष शिव बहादुर पांडे प्रीतम, अतुल मोहन प्रसाद, संयुक्त सचिव शशिभूषण मिश्र, संगठन सचिव रामेश्वर नाथ मिश्र बिहान, प्रसार प्रचार सचिव आलोक कुमार के अलावा सदस्य में महेंद्र प्रसाद, ओम प्रकाश केशरी पवन्नंदन, अरुण मोहन भारवी, प्रभंजन भारद्वाज, वरिष्ठ पत्रकार शिवजी पाठक, ओंकारनाथ मिश्रा, गिरधारी अग्रवाल, रविशंकर श्रीवास्तव के अलावे मीडिया प्रभारी के रूप में ओ पी पांडेय को शामिल किया गया. इस मौके पर अपनी लिखित लगभग आधा दर्जन किताबों को ओम प्रकाश केशरी पवन्नंदन ने निलय उपाध्याय को भेंट स्वरूप दिय.

बक्सर से कपीन्द्र किशोर की रिपोर्ट

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