पटना।। अंतराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस के अवसर पर शुक्रवार को जननायक कर्पूरी ठाकुर स्मृति संग्रहालय, पटना एवं जगजीवन राम संसदीय अध्ययन एवं राजनीतिक शोध संस्थान, पटना के संयुक्त तत्वावधान में जगजीवन राम संसदीय अध्ययन एवं राजनीतिक शोध संस्थान, पटना के सभागार में “भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर एवं सामाजिक समरसता” विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया.
व्याख्यान कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ नरेन्द्र पाठक, निदेशक, जगजीवन राम संसदीय अध्ययन एवं राजनीतिक शोध संस्थान ने की. कार्यक्रम के प्रारम्भ में डॉ विनय कुमार, क्षेत्रीय उप निदेशक, संग्रहालय, पटना-सह-सहायक संग्रहालयाध्यक्ष, जननायक कर्पूरी ठाकुर स्मृति संग्रहालय, पटना ने मंचासीन विशिष्ठ अतिथियों को अंग वस्त्र एवं पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया. संतोष सिंह, वरिष्ठ पत्रकार ने भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर की सामाजिक समरसता विषय पर अपने व्याख्यान के माध्यम से बताया कि “भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर ने सामाजिक न्याय और दबे कुचले वर्ग को मुख्य धारा में लाने के लिए प्रयास किया, जिससे करोड़ों लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आया.
मुख्य वक्ता के रूप में भैरव लाल दास, परियोजना पदाधिकारी, बिहार, विधान परिषद, पटना ने अपने उद्बोधन में बताया कि “भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर ने अपने अंतिम श्वास तक अपनी सरल जीवन शैली और विनम्र स्वभाव को बनाये रखा. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि समाज के दबे कुचले लोगों में जीने का नया उत्साह पैदा किया तथा गरीबी लाचारी और सामाजिक ताना-बाना को किनारे कर पिछड़ों को समाज की मुख्य धारा में शामिल होने के लिए प्रेरित किया. व्याख्यान कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ नरेन्द्र पाठक ने कहा कि “जननायक अपने काम की वजह से करोड़ों लोगों के दिलों-व-दिमाग में बसे हुए है, वे सच्चे जननायक थे. डॉ विनय कुमार द्वारा मंचासीन अतिथियों एवं श्रोतागण को धन्यवाद ज्ञापन देते हुए यह बताया कि “भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर का जीवन सादगी और सामाजिक न्याय के इर्द-गिर्द घुमता रहा. मंच संचालन का कार्य श्रीमती नीतू तिवारी, सहायक प्राध्यापक, बीडी कॉलेज, मीठापुर, पटना के द्वारा किया गया. व्याख्यान कार्यक्रम में संदीप कुमार सिंह, लिपिक-सह-टंकक, जितेन्द्र कुमार, डाटा इंट्री ऑपरेटर, अन्य कर्मचारी जननायक कर्पूरी ठाकुर स्मृति संग्रहालय, पटना एवं बड़ी संख्या में गणमान्य श्रोतागण, पटना विश्वविद्यालय, पटना एवं अन्य विश्वविद्यालयों के छात्र/छात्राएँ सम्मिलित हुए.
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