रामाज्ञा राम को भी पद्मश्री सम्मान से सम्मानित करे सरकार
लोक कलाकार रामाज्ञा राम एवं भोजपुरी पुस्तकालय के संस्थापक विश्वनाथ शर्मा को दी गई श्रधांजलि
कभी यही नेता अपने कार्यक्रम में सजाते थे इन कलाकारों की महफ़िल
रामज्ञा राम नाटक, गीत आदि सभी कार्य भिखारी ठाकुर की तर्ज पर करते
आरा. लोक कलाकार भिखारी ठाकुर की परंपरा के वाहक 116 वर्षीय लोक कलाकार रामाज्ञा राम एवं भोजपुरी पुस्तकालय के संस्थापक छपरा निवासी विश्वनाथ शर्मा के निधन पर आज स्थानीय पटेल बस पड़ाव स्तिथ भिखारी ठाकुर सांस्कृतिक मंच पर श्रद्धांजली सभा का आयोजन किया गया. श्रद्धांजली सभा की अध्यक्षता कवि जनार्दन मिश्र व संचालन पत्रकार नरेंद्र सिंह ने किया.
श्रद्धांजली सभा को सम्बोधित करते हुए कृष्ण यादव “कृष्णेंदु” चित्रकार संजीव , डॉ किरण कुमारी,राम जी प्रसाद,सुरेश प्रसाद,राम लखन प्रसाद आदि ने कहा की लोक कलाकार रामाज्ञा राम भिखारी ठाकुर की परंपरा को बढ़ाने में आजीवन लगे रहें. छपरा के पद्मश्री स्व रामचंद्र मांझी से अधिक इनमें भिखारी ठाकुर की कला व्याप्त थी. स्व मांझी केवल नाच प्रस्तुत करते थे वहीं रामाज्ञा राम नाटक, गीत आदि सभी कार्य भिखारी ठाकुर की तर्ज पर करते थे और लगता था की उनके अंदर भिखारी ठाकुर विद्यमान है. वक्ताओं ने कहा की स्व मांझी जी की तरह रामाज्ञा राम को भी सरकार को पद्मश्री सम्मान से सम्मानित करना चाहिए वहीं भोजपुरी पुस्तकालय को छपरा में स्थापित करने वाले विश्वनाथ शर्मा को भी समाज और सरकार से सम्मान मिलना चाहिए क्योंकि इन लोगो को सम्मान मिलने पर वो सम्मान भोजपुरिया समाज और भिखारी ठाकुर की परंपरा का सम्मान होगा.
सभा के दौरान निर्णय लिया गया की 18 दिसंबर को होने वाले भिखारी ठाकुर जयंती सह सम्मान समारोह 2023 इस बार लोक कलाकार रामाज्ञा राम को समर्पित रहेगा साथ ही कई जगहों पर इनके नाम से आयोजन को लेकर तोरण द्वार भी बनवाया जायेगा.सभा में शामिल लोगो में मुख्य रूप से व्यास कमलेश पासवान,राज कुमार,मनीष कुमार,शंकर प्रसाद, राकेश कुमार आदि प्रमुख थे. श्रद्धांजली सभा का आयोजन भिखारी ठाकुर सामाजिक शोध संस्थान एवं भोजपुरी विकास शोध ट्रस्ट द्वारा किया गया.
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