स्नातक नामांकन गतिरोध समाप्त करने के लिए छात्र संघ के साथ बैठक में नहीं पहुंचे VC, रजिस्ट्रार
भोजपुरी छात्र संघ ने की जिम्मेवार अधिकारियों को हटाने की मांग
आरा, 21 जून. स्नातक सेमेस्टर 1 की मेरिट सूची में गड़बड़ियों के बाद नामांकन स्थगित कर गतिरोध समाप्त करने के लिए आज 20 जून को छात्र संघ की बैठक विश्वविद्यालय अधिकारियों के साथ तय थी. इस बैठक में सभी प्रमुख छात्र संघ के प्रतिनिधियों के साथ भोजपुरी छात्र संघ के सह संयोजक सोहित सिन्हा भी उपस्थित थे. मगर छात्र संघ प्रतिनिधियों से बात करने के लिए VC क्या कोई भी अधिकारी नहीं पहुंचा. इसके बाद तमाम छात्र संघों में आक्रोश व्याप्त है. भोजपुरी छात्र संघ ने मामले की गंभीरता को देखते हुए राजभवन पत्र भेजकर व्याप्त कुव्यवस्था के जिम्मेवार कुलसचिव सह छात्र कल्याण पदाधिकारी और विवि के अन्य अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से पदमुक्त करने तथा नामांकन में आ रहे गतिरोध को छात्र हित में शीघ्र दूर करने की मांग करने का निर्णय लिया है.
भोजपुरी छात्र संघ का कहना है कि पिछली बार भी नए कोर्स के अनुसार स्नातक नामांकन हुआ था जो मेरिट के आधार पर हुआ था मगर इस साल वरीयता के आधार पर कैसे हुआ और इस निर्णय की पूर्व सूचना सार्वजनिक क्यों नहीं की गई? हर साल नियम किस आधार पर बदला जा रहा है और बिना छात्र संघ के प्रतिनिधियों से वार्ता किए रणविजय कुमार का एकतरफा बयान कि पोर्टल 21 से फिर खोला जाएगा यह मनमानी और तानाशाही का सूचक है. पूरी नामांकन सूची को या तो रद्द किया जाए अथवा स्लाइड अप का विकल्प छात्रों को दिया जाए. सह संयोजक सोहित सिन्हा ने बताया कि खानापूर्ति के लिए छात्र संघ की बैठक अधिकारी बुलाते हैं और एकतरफा निर्णय लेते हैं तथा ऐसा प्रतीत होता है कि प्राइवेट कॉलेजों से सांठ-गांठ करके गड़बड़ी की गई है जो जांच का विषय है. कुलसचिव सह छात्र कल्याण पदाधिकारी एक साथ कई पदों पर हैं इससे उनकी कार्यक्षमता प्रभावित हो रही है.
पूर्व में भी भोजपुरी छात्र संघ ने भोजपुरी विभाग में पद सृजन और बहाली के लिए शिक्षा सचिव के. के. पाठक को पत्र लिखा था, जिसके जवाब में शिक्षा विभाग को कुलसचिव ने गलत जानकारी दी थी जिससे प्रक्रिया बाधित हो गई थी. अगर 21 जून तक छात्र हित में कार्रवाई नहीं हुई तो भोजपुरी छात्र संघ राजभवन इसकी शिकायत करेगा.
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