मिट्टी घोटाले के बाद मॉल को लेकर सुशील मोदी के आरोपों पर रविवार को जमकर बयानबाजी हुई. एक ओर लालू ने प्रेस कॉनफ्रेन्स करके सुमो के आरोपों पर सफाई दी. तो दूसरी ओर मोदी ने कहा कि अब जब लालू ने स्वीकार कर ही लिया है तो सीएम नीतीश को तुरंत तेजप्रताप और तेजस्वी को मंत्रिमंडल से बाहर कर देना चाहिए.
बीजेपी नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी के आरोपों पर आखिरकार रविवार को लालू मीडिया के रूबरू हुए और सुशील मोदी को सबसे बड़ा घोटालेबाज करार दिया. लालू यादव पूर्व केन्द्रीय मंत्री प्रेमचन्द गुप्ता के साथ मीडिया के सवालों का जवाब दे रहे थे. लालू ने कहा कि ये सब उन्हें बदनाम करने की साजिश है और वे जल्द ही सुशील मोदी के घोटालों का पर्दाफाश करेंगे.
लेकिन इन सबके बीच लालू काफी बेबस नजर आ रहे थे. हमेशा अपनी बातों से मीडिया को परास्त करने में माहिर रविवार को लिखा हुआ बयान पढ़ रहे थे… हाथ में साफ साफ छपा हुआ कागज होते हुए भी एक एक लाइन बगल में बैठे प्रेमचंद गुप्ता को बताना पड़ रहा था… ये वही प्रेमचंद गुप्ता हैं जिन्होंने करोड़ों की अपनी जमीन राबड़ी देवी और उनके बेटों के नाम कर दी. प्रेमचन्द गुप्ता राजस्थान के कारोबारी परिवार से ताल्लुक रखते हैं. प्रेमचन्द गुप्ता राजद के कोटे से लगातार राज्यसभा सांसद रहे हैं और केन्द्रीय मंत्री भी रह चुके हैं.
बता दें कि सुशील मोदी ने लालू पर आरोप लगाया है कि लालू ने अपने कार्यकाल में पहले स्व. हर्ष कोचर से पटना में बेशकीमती 2 एकड़ जमीन लिखवा लिया और फिर उन्हें रेलवे के दो होटल लीज पर दे दिया. पटना में करोड़ों की जमीन प्रेमचन्द गुप्ता की कंपनी को दी गई… मीडिया के सवालों के जवाब में प्रेमचन्द गुप्ता ने स्वीकार किया कि उनकी कंपनी डिलाइट मार्केटिंग ने लालू की पत्नी, दोनों बेटों और दो बेटियों को डायरेक्टर बनाकर इस कंपनी के सारे शेयर ट्रांसफर कर दिए… इस की मालिक हो गयी लारा कंपनी… लारा कंपनी ने एक RJD विधायक को वही जमीन प्रॉफिट शेयरिंग बेसिस पर मॉल बनाने के लिए दे दी… इस जमीन की खुदाई में जो मिट्टी निकली उसे वन विभाग ने 90 लाख में खरीद लिया… वन विभाग के मंत्री लालू के पुत्र तेज प्रताप हैं… अब लालू का दावा है कि सारा कारोबार नियम कानून के तहत हुआ है.
लालू की सफाई के बाद सुशील मोदी ने एक बार मीडिया से बात की. सुमो ने कहा कि लालू की स्वीकारोक्ति के बाद ये साबित हो गया कि उनका आरोप सही है. साथ ही लालू प्रसाद ने यह भी स्वीकार कर लिया कि वे 4 लाख खर्च कर 500 करोड़ के मालिक बन गए हैं. लालू यादव ने यह भी स्वीकार किया है कि डिलाइट मार्केटिंग प्रा. कम्पनी का इस्तेमाल बेनामी सम्पति को वैध करने में किया गया. सुशील मोदी ने कहा कि डिलाइट कम्पनी ने 10 वर्षों में कोई कारोबार नहीं किया और केवल 90 लाख की जमीन खरीदी और लालू के परिवार को ट्रांसफर कर दिया.
मोदी ने आरोप लगाया कि लालू परिवार की ओर से की गई सम्पति की घोषणा में इस जमीन का कोई जिक्र नहीं है. यह मामला केवल मिट्टी घोटाला नहीं बल्कि मॉल घोटाला भी है. इस मामले की जांच ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्स को भी करना चाहिए. सुशील मोदी ने मांग की, कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अविलम्ब इस मामले जाच कराकर मंत्री तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करना चाहिए.
अब इन सबके बीच इंतजार है अगले धमाके का. एक ओर लालू ने कहा है कि वे सुशील मोदी के घोटालों का पर्दाफाश करेंगे, वहीं सुशील मोदी ने कहा है कि वे लालू की हिस्सेदारी वाली और कई कंपनियों के बारे में खुलासा करेंगे. यानि बिहार की सियासत में घोटालों के खुलासे का दौर अभी जारी है, बस इंतजार करिए और फिर खुद डिसाइड कीजिए… किसका दामन ज्यादा दागदार…!