पटना।। बिहार की सियासत के लिए मंगलवार महत्वपूर्ण दिन साबित हुआ जब मांझी की पार्टी ने महागठबंधन से अलग होने का फैसला कर लिया. हम के एकमात्र कैबिनेट मंत्री संतोष कुमार सुमन ने अपना इस्तीफा दिया और कारण बताया कि उन्हें जदयू की ओर से अपनी पार्टी को मर्ज करने का दबाव बनाया जा रहा है. शाम होते होते जदयू की ओर से इस बात की पुष्टि भी हो गई.
”एक साथ कितनी छोटी-छोटी दुकानें चलेंगी. इसीलिए हमने जीतन मांझी को अपनी दुकान बंद करने की सलाह दी थी”. यह स्वीकार किया है जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने. उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि हम पार्टी को जदयू में विलय की सलाह दी थी जिसे उन्होंने स्वीकार नहीं किया और अलग हो गए. यह उनकी मर्जी है. आगे उनकी किससे बात हो रही है इसकी जानकारी तो वही दे सकते हैं.
मुख्यमंत्री आवास पर बैठक के बाद बाहर निकले उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी इस बात की पुष्टि की है कि जीतन मांझी की पार्टी अब महागठबंधन का हिस्सा नहीं है क्योंकि उन्होंने अपने पत्र में ही इस बात की जानकारी दी है कि वह अब आगे साथ नहीं चल सकते. वहीं, कैबिनेट विस्तार के बारे में ललन सिंह और तेजस्वी यादव ने कहा कि यह मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है कि वह कब कैबिनेट का विस्तार करेंगे.
आपको बता दे कि आज सुबह डॉक्टर संतोष कुमार सुमन ने मंत्री परिषद से अपना इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने इसकी वजह जदयू के द्वारा बनाया जा रहा दबाव बताया था. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी हम को जदयू में मर्ज करने का दबाव बनाया जा रहा था. ताजा जानकारी के मुताबिक 18 जून को जीतन राम मांझी की पार्टी हम ने पटना में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है जिसमें पार्टी की भविष्य की रणनीति पर फैसला हो सकता है.
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