इन 5 गलतियों के कारण रूठ जाती हैं लक्ष्मी





वास्तु के अनुसार प्लास्टिक के बने फूल और मूर्तियां घर में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ाती है

सुख-समृद्धि, सौभाग्य और आरोग्य का आशीर्वाद बरसाने वाला धनतेरस का पावन पर्व इस साल 10 नवंबर को मनाया जाएगा. सनातन परंपरा के अनुसार धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी की पूजा के साथ धन के देवता कुबेर और आरोग्य के देवता भगवान धन्वंतरि की पूजा का विधान है. दिवाली के पांच दिवसीय त्योहार की शुरुआत धनतेरस महापर्व से ही होती है. पंचांग के अनुसार धनतेरस का पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है. मान्यता है कि धनतेरस के दिन नई चीजें जैसे गहने, सोने-चांदी के सिक्के, नए बर्तन, नया वाहन आदि खरीदने से घर में सुख-समृद्धि बढ़ती और घर में पूरे साल संपन्नता बनी रहती है, लेकिन वहीं कुछ चीजों को घर में खरीद कर लाने पर सौभाग्य को बजाय दुर्भाग्य का सामना करना पड़ता है,आइए धनतेरस पर्व से जुड़े कुछ जरूरी नियमों के बारे में विस्तार से जानते हैं.


धनतेरस पर भूलकर न खरीदें ये चीजें


1.धनतेरस के दिन खरीदारी करते समय इस बात का पूरा ख्याल रखें कि पूजा के लिए किसी भी प्रकार की बनावटी या फिर प्लास्टिक की चीजें न खरीदें। वास्तु के अनुसार प्लास्टिक के बने फूल और मूर्तियां घर में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती हैं। शुभता के लिए पूजा में मिट्टी से बनीं मूर्तियां और ताजे फूल का प्रयोग ही करें.


2.धनतेरस के दिन किसी भी तरह की नुकीली चीज जैसे कैंची, चाकू, सुई आदि नहीं खरीदना चाहिए। मान्यता है कि धनतेरस के दिन ऐसी चीजों को पर लाने पर जहां घर में अशांति और कलह बनी रहती है, वहीं मां लक्ष्मी रूठ कर घर से चली जाती हैं।


3.धनतेरस पर लोहे से बने सामान की खरीदारी करने से बचना चाहिए। मान्यता है कि इस दिन घर में लोहा लाने पर शनि से संबंधित दोष लगता है।


4.ज्योतिष के अनुसार कांच और एल्युमिनियम का संबंध राहु से माना जाता है। ऐसे में इस ग्रह से संबंधित दोष से बचने के लिए धनतेरस वाले दिन इन दोनों धातु के बर्तन या सामान भी नहीं खरीदना चाहिए।


5.धनतेरस के दिन नकली फूल की तरह भूलकर नकली गहने भी नहीं खरीदने चाहिए। इस दिन आर्टिफिशियल गहनों को खरीदकर घर में लाना बेहद अशुभ माना गया है। मान्यता है कि ऐसा करने पर घर में दु:ख-दारिद्रय बढ़ता है।

धनतेरस पर झाड़ू खरीदते वक्त भूलकर भी न करें ये गलतियां, होगा नुकसान

कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है. धनतेरस के दिन माता लक्ष्मी, धन कुबेर और धनवंतरी की पूजा का विधान है. इस दिन सोना-चांदी, बर्तन धनिया और गोमती चक्र जैसी चीजों को खरीदना शुभ माना जाता है. इसके अलावा, धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदना भी बहुत अच्छा होता है. कहते हैं कि धन त्रयोदशी पर झाड़ू खरीदने से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं. इस दिन झाड़ू खरीदते वक्त कुछ विशेष गलतियां करने से बचना चाहिए.
कैसी झाड़ू खरीदें- धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदने से आर्थिक संपन्नता बढ़ती है. लेकिन इस दिन यूं ही कोई भी झाड़ू न खरीद लाएं. इस दिन केवल और केवल सीक या फूल वाली झाड़ू ही खरीदें. नई झाड़ू को किचन या बेडरूम के अंदर न रखें. इसे पलंग के नीचे या पैसों की अलमारी के आस-पास न रखें.

घनी झाड़ू खरीदें- झाड़ू खरीदते वक्त ध्यान रहे कि वो पतली या मुरझाई सी न हों. उसकी तीलियां अच्छी कंडीशन में होनी चाहिए और ये जितनी ज्यादा घनी होगी, उतना अच्छा होगा. इसकी तीलियां टूटी नहीं होनी चाहिए. इसकी तीलियां साफ-सुथरी और मजबूत होनी चाहिए.
प्लास्टिक वाली झाड़ू- धनतेरस के दिन प्लास्टिक की झाड़ू खरीदने से बचें. इस शुभ अवसर पर प्लास्टिक का सामान खरीदने से भी बचना चाहिए. प्लास्टिक एक अशुद्ध धातु है, जिसकी धनतेरस पर खरीदारी नहीं करनी चाहिए. धनतेरस पर अशुद्ध धातु की खारीदारी फलदायी नहीं मानी जाती है.
झाड़ू लाने के बाद क्या करें- धनतेरस पर नई झाड़ू लाने के बाद उसका सीधे प्रयोग न करने लगें. पहले पुरानी झाड़ू की पूजा करें. फिर नई झाड़ू को कुमकुम और अक्षत अर्पित करें. इसके बाद ही इसका इस्तेमाल शुरू करें.
धनतेरस की पूजा विधि
शाम को उत्तर दिशा की ओर कुबेर और धनवंतरी की स्थापना करें. दोनों के सामने घी का एकमुखी दीपक जलाएं. कुबेर को सफेद मिठाई और धन्वंतरी को पीली मिठाई चढ़ाएं. पहले “ॐ ह्रीं कुबेराय नमः” का जाप करें. फिर ” धन्वंतरी स्तोत्र” का पाठ करें और प्रसाद खाएं. दिवाली के दिन कुबेर को धन स्थान पर रखें. धनवंतरी को पूजा वाली जगह पर स्थापित करें.

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By pnc

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