दुनिया भर से जुटे बिहारियों का सबसे बड़ा मंच बना GTRI

GTRI 3.0 में जुटे देश के दिग्गज कहा – “भगवान और बिहारी हर जगह मिलते हैं”




पटना, 25 फरवरी. बिहार की राजधानी पटना में रविवार को दो दिवसीय एक ऐसा कार्यक्रम का उद्घाटन हुआ जिसमें आने वाले सारे बिहारी ही थे. यही नही ये बिहारी देश में शीर्षस्थ कम्पनियों में अपने बेहतरीन काम के लिए ही नही बल्कि विश्व के कई देशों में अपने बेहतरीन काम के लिए जाने जाते हैं. जी हाँ हम बात कर रहे हैं GTRi (grand trunck Road Initiative) द्वारा आयोजित तीसरे साल के दो दिवसीय कार्यक्रम GTRI 3.0 की. GTRI 3.0 का शुभारंभ स्थानीय लेमन ट्री प्रीमियर होटल में रविवार को हुआ. 25-26 फरवरी तक चलने वाले देश के सबसे बड़े बिहारी प्रतिभाओं के इस कार्यक्रम के पहले दिन का उद्घाटन प्यूमा के प्रबंध निदेशक अभिषेक गांगुली, CNN की पॉलिटिकल एडिटर, फेमस न्यूज एंकर और जीडी गोईनिका अवार्ड से सम्मानित प्रसिद्ध पत्रकार मरिया शकील, लीगल पे के मास्टरमाइंड CEO कुंदन शाही, ड्रूल्‌स के CEO डॉ. शशांक सिन्हा, रिलायंस ट्रेंड फुटवियर के CEO कुमार नितेश,बजाज ग्रुप के वॉयस प्रेजिडेंट नीरज झा, डालमिया ग्रुप के जीएम राजेश कुमार, प्रोफेसर नागेंद्र शर्मा ने बतौर विशिष्ट अतिथि और GTRI के क्यूरेटर अदिति नन्दन ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया. आये हुए अतिथियों का स्वागत GTRI के क्यूरेटर अदिति नन्दन ने पुष्प गुच्छ देकर किया.

पॉलिटिकल विल की वजह से नही बदल रहा बिहार

कार्यक्रम के पहले दिन तीन सत्र हुए जिसमें पहले सत्र के वक्ता के रूप अभिषेक गांगुली (प्यूमा इंडिया एन्ड साउथ एशिया के प्रबंध निदेशक), मारिया शकील पॉलिटिकल एडिटर और न्यूज एंकर CNN व लीगल पे फाउंडर और CEO कुंदन शाही रहे. पहले सत्र का विषय था- ‘बिहार द लैंड ऑफ ऑपर्चुनिटी.’
पहले सत्र में जब विषय पर हुआ वाद-विवाद बड़ा ही रोचक हुआ जिसमें बिहार को संभावना और उसमें आने वाली दिक्कतों को बड़े ही तर्क के साथ वक्ताओं ने रखा.

विषय पर बात करते हुए अभिषेक गांगुली ने सबको गर्मजोशी से अभिवादन करते हुए कहा कि मैं बिहारी हूँ ये गौरव की बात है. उन्होंने कहा कि पटना हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण था मैं भागलपुर से हूँ और मेरे पिताजी देवघर में बढ़े थे और पटना कॉलेज से पढाई हुई थी. इसलिए मेरे लिए इमोशनल बात है. अगर ये पटना में नही होता तो मैं इस कार्यक्रम में नही आता. TNB कॉलेज में पढ़ने वाले अभिषेक ने कहा कि उनके समय मे 3 साल की डिग्री जगह 5 साल लग जाता था. पहले उन्हें डिफेंस करना पड़ा कि मैंने फेल नही किया बल्कि रिजल्ट ही लेट मिला है.

उन्होंने कहा कि बिहारी टेडेंसी इज आउटस्टेंडिंग इसका रीजन है कयोंकि जब आपको कुछ नही मिलता है तो आप अंडर डॉग बन जाते हैं. जो टेंयूसीटी और रेजिलियेन्स बिहार में है वो कहीं नही है.

हर जगह IAS और सिविल सर्विसेज की फैक्ट्री है यहां. यहाँ सबके ज्यादा उर्वर दिमाग है. साथ ही उन्होंने माना कि हमारे पास बहुत चैलेंज है. अगर रिसोर्स कम है तो सकरात्मक है काम और मेहनत के लिए. बिहार कास्ट की भूमि हो गया है यहाँ आपके नाम से पहले आपका कास्ट पूछा जाता है. बिहार इस द लैंड फ़ॉर इमेन्स अपॉरचुनिटी फ़ॉर न्यू कम्पनी. उन्होंने कहा कि इंटरप्रेनरशिप इज द हाईएस्ट पे ऑफ लीडरशिप.

वही पटना से स्नातक करने वाली और फिर CNN के दिल्ली में काम करने वाली फेमस पत्रकार मारिया शकील ने कहा कि 17 साल 6 महीने काम के बाद भी मैं अपने जमीन से जुड़ी हूँ. अच्छा लगता है बिहारी कहलाना. यह मेरे पापा की कर्मभूमि है. उन्होंने कहा कि मैंने पूरे भारत के सभी राज्यों का भ्रमण किया है लेकिन इनमें बिहार कहीं का नही दिखता है. रायपुर और उदयपुर और बेहतर है. जब सरकारी लोगों से पूछा जाता है इसका कारण तो जवाब मिलता है लैंड लॉक है. उन्होंने कहा कि क्या यूपी नही है लैंड लॉक. हिमाचल और बिहार की सड़कों में जमीन आसमान का अंतर है. इसके पीछे उन्होंने अबसेन्सऑफ पोलिटिकल विल का होना बताया. मेरा गाँव मखदूम पुर है और वहां जाने में कई घण्टे लग जाते है. उन्होंने अपने टोकियो के जर्नी को याद करते हुए कहा कि चैन ऑफ रेस्टुरेंट टोकियो में मिला जहां बिहारी मिले और वे वहाँ अपने रेस्टोरेंट की वजह से जाने जाते हैं. लेकिन यह प्राइड कम हो रहा है कि जो पोलिटिकल एक्सेस में जाने जाते थे जो आज नही है. हम आज टाइम वॉर में फंसे हैं.

वही कुंदन शाही ने इस विषय पर बोलते हुए कहा कि अगर आप भूखे हैं तो आपका प्रॉब्लम भोजन हैं जब भजन मिकता है तो हमर 100 प्रॉब्लम और याद आता है. हमे सरकार से ज्यादा ही अपेक्षा है. हम दिल्ली या कहीं और जाते हैं तो रूल फॉलो करते हैं लेंकिन यहाँ नही करते हैं. यहाँ भाई होते हैं और बाहर भइया बन जाते हैं. हमें चनपटिया मॉडल पर ध्यान देने की जरूरत है. हमारे रोल मॉडल जो रहे हैं वे ठेकेदार रहे हैं, कभी बिजिनेस मैन नही रहा है. यहाँ धंधा करने वाले को अच्छे से पेश ही नही किया गया है.
उन्होंने कहा कि 1962 के बाद कोई सरकार स्थिर नही थी लेकिन लालू के आने के बाद स्थिरता आयी. 2000 के बाद चन्जेज आये हैं. पॉलिसी कहीं ना कहीं इसके पीछे एक बड़ा कारण है. लेकिन पिछले 30 सालों में कुछ चेंज हुए हैं. पिछले 10 सालों में धंधा करना आसान हो गया है. नए इंटरप्रेन्योर आये हैं. उन्होंने कहा कि कम से कम मैंने बियार्डा द्वारा 20 कम्पनियों को स्थापित होते देखा है. इस दौरान कई लोगों ने सवाल भी पूछे जिसका वक्ताओं ने उत्तर भी दिया.

इस सेशन में ऐड गुरु राज कुमार झा ने कहा कि 35 साल से नौकरी करने के बाद आज गॉंव में हूँ और दिल्ली से 17 घण्टे में गाँव आ जाता हूँ. ब्यूरोक्रेट्स अच्छे हैं ब्यूरोक्रेसी अच्छी नही है.

इस पर जवाब देते हुए मारिया शकील ने कहा कि कम्पेरेटिव स्टडी जब होती है तो लगता है कि हम पीछे हैं, तब दुख होता है. जब भी बिहार की बात होती है आज के पॉलिटिशियन की तुलना 15 साल पहले वाले पॉलिटिशियनप से होती है.

वही एक सज्जन ने पूछा कि हाऊ कैन वे चेंज दिस पोलिटिकल विल? जवाब मिला- समय लगेगा, जब हम आईडिया,सकरात्मक सोच, कुछ नया विचारों, बेकार की चीजों को अलग कर इसे बेहतर कर सकेंगे.

पॉलिटिकल विल (राजनीतिक इच्छा) पर जवाब करते हुए कुंदन शाह ने कहा कि दारू बन्द हो गया ये पॉलिटिकल विल है. अब इसके फायदे और घाटे अलग-अलग हो सकते हैं. दहेज पर पॉलिसी बनी लेकिन कितने लोग हैं जो उसे फॉलो करते हैं. इसलिए ये विल जरूरी है.

इन्टरप्रेनरशिप ही लाएगा बदलाव बिहार में

दूसरे सत्र में वक्ता के रूप में रिलायंस ट्रेंड फुटवियर के CEO कुमार नितेश, द्रुल्स के CEO डॉ शशांक सिन्हा, बजाज ग्रुप के जीएम नीरज कुमार, शार्क इंडिया के क्यूरेटर और दुबई रॉयल फैमिली के प्रेजेंटर रविरंजन शामिल हुए.

प्रभु और बिहारी कहीं भी मिलते हैं

इस सत्र में बोलते हुए बेगूसराय में जन्में और पटना में पढ़ाई सम्पन्न करने वाले कुमार नितेश ने कहा कि अमूल से विजनेस की जर्नी स्टार्ट की. फिर शराब कंपनी में काम किया तो पिताजी ने कहा कि कंपनी चेंज करो नही तो शराब के नाम पर शादी नही होगी. फिर दूसरे कम्पनी में काम किया. बाटा के MD के रूप में थाईलैंड काम किया. लोग बिहारी कहते हैं तो अच्छा लगता है. हां मैं बिहारी हूँ. उन्होंने भारत के बाहर भी काम करते हुए बिहारियों को हर जगह पाया और कहा कि प्रभु और बिहारी कहीं भी मिलते हैं.

द्रुल्स के CEO डॉ शशांक सिन्हा ने एक सवाल -‘कौन सा विद्द्या है जो बिना सरकार के बिना चल सके’ का जवाब देते हुए कहा कि इन्वेस्टमेंट किस लेवल और किस कारण से चाहिए ये पहले जानना जरूरी है. बंगलोर में 8 किमी मोबिलिटी है फिर भी वहां ग्रोथ कैसे है. ये एक चैलेंज है. बैंकॉक से 7 फ्लाइट हर रोज बोधगया के लिए है पर बिहार में या देश मे क्यों नही है. पर्यटन के क्षेत्र बहुत बड़ा क्षेत्र है. हर बुद्धिज्म देश को इसके लिए तैयार करना होगा. हमने अपना इमेज खुद खराब किया है.

बजाज ग्रुप के नीरज कुमार ने कहा कि सहरसा के गांव से हूँ भागलपुर से कनेक्शन मेरा भी है. माता जी वहीं की हैं. पेशे से पत्रकार हैं.

रविरंजन क्यूरेटर शार्क इंडिया ने कहा कि PC नेटवर्क से लाइफ स्टार्ट किया. मीडिया हाउस से स्टार्ट किया. इन्टरप्रेनरशिप से स्टार्ट किया. जब मैंने स्टार्ट किया तो लोग इसको मानते नही थे. अब तो इसी का जमाना है. दुबई रॉयल फैमली के प्रेजेंटर बना. टीवी शो और फिल्मों से बहुत चीढ़ है क्योंकि इनलोगों अच्छी चीजें नही पेश किया. शार्क इंडिया स्टार्ट किया जो काफी पॉपुलर हुआ. इन्टरप्रेनरशिप ही है जो बदलाव ला सकता है. पलामु फ्लोराइड का गढ़ है पानी बेकार है लेकिन सरकार का ध्यान नही है. पॉलिसी नही बनी है इसलिए चीजे नही हो पा रही है.

अगले 10 सालों में पर्यटन,कृषि और नई कम्पनियों के लिए सम्भावनाओं से भरा हैं बिहार

तीसरे सत्र का विषय रहा -‘इंटरप्रेनरशिप एंड ऐन आईडिया टू ग्रोन.’ इसके लिए पैनल में जीविका के हेड, IAS राहुल कुमार, ज्योति भारद्वाज फाउंडर टिफिट इंडिया ऑफ शार्क टैंक,राज कुमार झा, क्रिएटिव, रेडियो मधुबनी
अमरेंद्र सिंह फाउंडर देहात, ग्लोबल ब्यूटी सीक्रेट्स की संस्थापक/सीईओ ऐश्वर्या नीर शामिल हुए.

विषय पर बात करते हुए जीविका के CEO, IAS राहुल कुमार ने सभी पैनेलिस्टों और आये लोगों का स्वगत किया. 2011 बैच के IAS, जीविका के साथ जन जीवन हरियाली के भी मिशन डायरेक्टर हैं. उन्होंने कहा कि जीविका महिलाओं पर काम करने वाली दुनिया की सबसे बड़ी संस्था है. जिसमें 1 करोड़ 30 लाख महिलाएँ जुड़ी हैं. जहां एक परिवार से सिर्फ एक ही महिला आती है. मतलब लगभग 6.5 करोड़ परिवार से जीविका जुड़ा हुआ है.

शार्क टैंक से चर्चा में आयी टिफिट इंडिया की फाउंडर ज्योति भारद्वाज ने पैनल में बुलाने के लिए सबका आभार व्यक्त करते हुए कहा इस कार्यक्रम से बेटर नरेशन मैंने आज तक नही देखा. मुम्बई में रहती हूँ. मै बिहार से हूँ ये कहना अच्छा लगता है मैं गर्व से कहती हूँ शार्क टैंक में भी जब गयी तो मैंने शान से कहा कि बिहारी हूँ.

ऑगलीवियो के क्रिएटिव डायरेक्टर ऐड गुरु और रेडियो मधुबनी पर अपनी आवाज के लिए जाने जाने वाले राज कुमार झा ने कहा कि हम कुछ भी बेच लेते हैं. साबुन,तेल, नमक,पेपर कपड़ा कुछ भी. उन्होंने माहौल को बड़ा ही सरल बनाते हुए बताया कि वे बचपन मे घर से भाग गए थे. बहुत कुछ किया जो किया अपने आप से मेहनत कर किया. पिछले 5 साल से गांव में हूँ. कुछ भी करता हूँ खेती बारी, लिखना,विजनेस, एडवर्टिजमेंट आदि. मैं एडवरटाइजिंग वाला आदमी हूँ जी. टेढ़ा है पर मेरा है ये हम जानते हैं. इंटरप्रेनरशिप के बारे में बता दूं कि हमारे यहाँ बिजनेस का सेंस ही नही है. कोई आइडिया सोच भी ले तो परिवार वाले को लगता है कि इसको भूत पकड़ लिया है. उन्होंने बताया कि पिताजी ब्युरोकेट्स थे लेकिन ऑफिस जाते बहुत कम देखा था. हम जब रात-रात भर एडवरटाइजिंग में गायब रहते तो वे पूछा करते थे कि कौन सा काम करता है जो रातभर गायब रहता है. सोशल असेप्टेन्स नही है हमारे यहाँ बिजनेस का. उन्होंने कहा कि अब एग्रीकल्चर में इन्फॉर्मेशन कौन समझेगा? किसान हैं भाई, हिंदी चाहिए वो अंग्रेजी नही जानते.

11 लाख उद्यमियों और किसान इससे जुड़े अमरेंद्र सिंह फाउंडर देहात ने बताया कि 2011 से शुरू हुई कंपनी. कंप्यूटर साइंस से फायदा नही हुआ. हम पांच हैं इस कंपनी में और सभी ने पढ़ाई की है कहीं-कहीं से. उन्होंने शुरुआती दिनों की याद करते हुया बताया कि पैसे नही थे घर वाले नौकरी छोड़ने पर नाराज थे. सलाह देने वाली काफी कम्पनियां तो जाती थी किसानों के पास लेकिन किसानों की समस्या से किसी को कोई वास्ता नही था. हमने उनकी खेती को आसान करने के लिए सोचा. इसमें तकनीक को आजमाया.. डेढ़ लाख जगह तक पहुंच है. छोटे लोगों को आज चेंज किया. सपना है किसान के खेती को आसान करना. 300 बिलियन का एग्रीकल्चर का धंधा है..14 करोड़ किसान हैं.

ऐश्वर्या नीर, ग्लोबल ब्यूटी सीक्रेट्स की संस्थापक/सीईओ ने कहा कि ऐश्वर्या हेल्थ केयर बिहारियो का एक ब्रांड है 2006 में शुरू हुआ था. जिसमें बहुत ही बिहारी लोग जुड़े हैं. फिर मैंने अपना कम्पनी शुरू की जो शहनाज हुसैन के बाद मेरी दूसरी सबसे बड़ी कंपनी है. उन्होंने हर्बल ब्यूटी को ग्लोबल बनाया है. उन्होंने कहा कि इंडिया मदर है और बिहार ग्रैंड मदर है. बिहार को उसका हक मिलना चाहिए. मीडिया में थी CNBC में तो बिजनेस तो देखती रहती थी. बहुत सारे बिजनेस को सीखा देखा और बचपन से बिजनेस को देखते आयी इसलिए कुछ करने की ठाना.

कार्यक्रम का शानदार मंच संचालन शैलेश कुमार ने किया. आयोजन को आयोजित करने वालों में क्यूरेटर अदिति नन्दन, वैशाली श्वेता, प्रत्यूष गौरव, देवेन्द्र सिंह, संध्या नंदन, दिव्यम आर्यन,राहुल कुशवाहा, और निखिल कुमार की विशेष भूमिका रही. दूसरे दिन भी तीन सत्र में कई नामी चेहरे देखने को मिलेंगे. तीन सत्र के बाद कार्यक्रम का समापन होगा.

पटना से ओ पी पाण्डेय की रिपोर्ट

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