गड़हनी के काउप सूर्यमन्दिर की अलग है पहचान
गड़हनी,25 अक्टूबर. गड़हनी के विभिन्न पंचायतों में अलग अलग तरीके से लोक आस्था के महापर्व छह पूजा मनाया जाएगा।जिसमे काउप सूर्य मंदिर की अलग पहचान हैं।बनास नदी के तट पर अवस्थित यह सूर्यमन्दिर की अलग ही महिमा हैं जो भी भक्त सच्चे मन से कोई भी मन्नत मांगते हैं उनकी मन्नत छठ मईया मान लेती हैं।पंचायत के मुखिया कलावती देवी ने बताया कि इस मंदिर को बनाने में काफी पसीना बहाया गया हैं यह मंदिर अपने आप मे खाश हैं छठ पूजा के दौरान यहाँ रौशनी,व ठहरने का उत्तम प्रवंध पूजा समिति द्वारा की जाती हैं।छठ पूजा के महीनों दिन पूर्व पूजा करने वाले श्रद्धालुओं अपना अपना घाट को सुरक्षित कर जाते हैं।दिन बीतने पर वह घाट अपने सुविधा अनुसार सुसज्जित कर जाते हैं पुनः छठ पूजा के दौरान अपने पूरा परिवार के साथ ढलते सूर्य भगवन भाष्कर को अर्घ देते हैं।
यह दो दिन का निर्जला व्रत भक्त अच्छे तरीके से निर्वहन करते हैं।बतादें की प्रखंड के बड़ौरा के शिवपुर हरपुर के करनौल बलिगांव के बाबा बलीश्वर महादेव मंदिर तालाब समेत गड़हनी के बनास नदी तट पर लोकआस्था के महापर्व छठ पूजा बड़े हीं धूमधाम से मनाया जाता।वही काउप व बालबांध में आसपास के लोगो द्वारा घाट रोकने की परम्परागत तरीका कायम हैं।प्रमुख अनिता देवी बताती हैं कि काउप में मुझे भी इस वर्ष छठ पूजा करना था लेकिन दादा जी के आकस्मिक निधन हो जाने से नही कर पा रही हूं।सुनी हूँ कि काउप सूर्य मंदिर पर छठ करने का अलग ही आनंद हैं।वहाँ छठ करने से मन्नते पूरी होती हैं,आगे बताती हैं कि वहाँ मंदिर का निर्माण गाँव के लोगो द्वारा आपसी सहयोग से निर्माण कराया गया।पूजा के दौरान शांति व्यवस्था कायम रहती हैं।रात्री में वहाँ ठहरने वाले श्रद्धालुओं के लिए नाटक का भी मंचन की जाती हैं जो सराहनीय हैं।
गड़हनी से मुरली मनोहर जोशी की रिपोर्ट