क्या आपने देखा है ऐसा विवाह ?

By om prakash pandey Mar 9, 2018

“दहेज लौटाने वाले दूल्हे” ने किया ‘विवाह’, मंत्री ने दिया शुभकामना

मंत्री और अधिकारियों ने दिया वर-वधु को शुभकामना




अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर हुआ दहेजमुक्त विवाह
शिक्षक ने परिवार समेत दुनिया को दिया महिला दिवस पर एक अनुपम उपहार

Patna now Exclusive

दहेजमुक्त विवाह में दुल्हन अमृता और दूल्हा मयंक

आरा,9 जनवरी. दुनिया बदलने की चाहत हो तो किसी काम को अंजाम तक पहुचाया जा सकता है. फिर वो बुजुर्ग हो या युवा. शायद यही नई सोंच है जिसकी वजह से समाज में बदलाव लाने की चाह ने अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दहेज विरोधी अभियान को सफलता दे दी है. उनकी इस मुहिम को भोजपुर के युवा जोश के साथ आगे बढ़ा रहे हैं. यही नही महिला दिवस पर ऐसे अभियान को बल देने के लिए की गई दहेजमुक्त शादी महिलाओ को सम्मान देने की दिशा में एक मिल का पत्थर कहा जा सकता है. महिला दिवस मनाने की असली सार्थकता ऐसे ही प्रयासों से उन्हें नया आयाम देगा अन्यथा दिवस के रूप में इसे मनाने से महिला न तो सशक्त होगी और न ही उन्हें सम्मान का एहसास.

बताते चलें कि आरा के आनन्द नगर निवासी जैन स्कूल के अवकाश प्राप्त शिक्षक माहेश्वरी उपाध्याय के बेटे मयंक उपाध्याय ने 5 मार्च को तिलक समारोह में स्वेच्छा से लाये कन्या पक्ष द्वारा उपहार को लौटा दिया था. मयंक ने तिलक में बैनर लगा लोगों को दहेज मुक्त विवाह के लिए प्रेरित किया था. मीडिया में आई खबरों के बाद मांयक की चर्चा पूरे जिले में हो रही है. मयंक ने दहेजमुक्त इस विवाह में आने के लिए भोजपुर के आलाधिकारियों से लेकर प्रभारी मंत्री और मुख्यमंत्री तक को आमंत्रण-पत्र भेजा था. पटना नाउ द्वारा प्रमुखता से प्रकाशित इस खबर के बाद जब पटना नाउ ने DDC और SDO भोजपुर से बात की तो उन्होंने बताया कि वे शाम में बारात में शामिल होने की भरपूर कोशिश करेंगे ताकि दहेजमुक्त विवाह के अभियान को और गति मिल सके. साथ उन्होंने मयंक और अमृता को इस कदम के लिए बधाई दिया. जिले के प्रभारी मंत्री विनोद सिंह ने भी इस विवाह की सूचना मिलने की बात कही. उन्होंने मीडिया को बताया कि 10 मार्च तक सदन की कार्यवाही चलने के कारण वो इस विवाह में शामिल नही हो पाए अन्यथा जरूर वर-वधु को बिहार सरकार के इस अभियान को आगे बढ़ाने के लिए खुद आकर शुभकामना देते. उन्होंने मीडिया के माध्यम से वार वधु को दहेजमुक्त विवाह के शुभकामना दिया.

प्रमोद कुमार,(DPRO, भोजपुर)

इधर जिला जन सम्पर्क पदाधिकारी प्रमोद कुमार ने भी जिले में दहेज मुक्त विवाह को बढ़ावा देने वाले मयंक और अमृता को उनके सुखद जीवन की कामना करते हुए शुभकामना दिया और कहा कि ऐसे युवाओ से सरकार के अभियान को बल मिलेगा. युवा वर्ग ऐसे लोगों से प्रेरणा लेनी चाहिए. उन्होंने मीडिया को भी इस बात को संज्ञान में लाने के लिए बधाई दिया. हालांकि उन्होंने आधिकारिक रूप से इस तरह के किसी सूचना की जानकारी नही होने की बात बताई. सॉफ्टवेयर इंजीनियर मयंक ने बताया कि उनके दहेज मुक्त विवाह के लिए उनके पास अभी तक मुख्यमंत्री या किसी अधिकारी की ओर से भी अभीतक कोई जवाब या शुभकामना नही आया है.

 

पटना नाउ ने कैद किये कुछ अनोखे और नटखट पल

शादी समारोह में बड़े ही सादगी से विवाह का रस्म हुआ. दूल्हा-दुल्हन ने एक दूसरे को वरमाला पहना शादी की. शादी के बाद पटना नाउ ने अमृता से शादी के बारे में पूछा तो अमृता ने कहा कि वो खुशनसीब है कि उसे मयंक जैसा दूल्हा मिला है वर्ना दहेज में इतने सारे चीजों की डिमांड होती है कि शादियाँ नही हो पाती है. उन्होंने मीडिया के माध्यम से शुभकामना प्राप्त होने पर प्रभारी मंत्री समेत सभी आलाधिकारियों और मीडियाकर्मियों का शुक्रिया अदा किया. अमृता ने कहा कि अगर आपलोग नही होते तो हमारे इस दहेज मुक्त विवाह को इतने लोगो तक तक कोई नही पहुंचा पाता.

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर मिला अनोखा तोहफा

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर इससे बेहतर उपहार कुछ नहीं हो सकता था. इस रोज बिहार के भोजपुर जिले में एक शिक्षक ने अपनी पत्नी, बेटियों, और समाज को बेहतरीन उपहार दिया. स्थानीय हर प्रसाद दास जैन स्कूल से अवकाश प्राप्त शिक्षक माहेश्वरी कांत उपाध्याय ने इंजीनियर बेटे मयंक की शादी बिना दहेज के करके पुरी दुनिया को एक संदेश दिया. वहीं बेटे ने भी अपने पिता की भावना का आदर करते हुए इस शादी के लिए न सिर्फ हां कहा बल्कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस से तीन दिन पहले तिलक में मिले उपहार को लौटा कर उपस्थित लोगों को एक संदेश भी दिया. यही नहीं, मयंक ने इसके लिए बकायदा बैनर भी लगवाए थे.

बहु ने कहा- उसे मिला दुनिया का अनुपम उपहार

दुल्हन-अमृता

दरअसल इस दहेज मुक्त शादी की पटकथा तब लिखी गई जब परिवार के लोगों ने मयंक की शादी सोनवर्षा, जिला- बक्सर निवासी मनोज कुमार की बेटी अमृता से तय की. उसी रोज माहेश्वरी कांत ने स्पष्ट कर दिया कि दहेज का लेन-देन नहीं होगा. साथ ही शादी की तिथि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस यानि 8 मार्च तय कर दी. उन्होंने इस तिथि पर हीं इस शादी की वजह बताते हुए कहा कि वो दरअसल अपनी पत्नी तथा बेटियों को पिछले कुछ वर्षों से अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का उपहार देना चाहते थे. संयोग हुआ और बेटे मयंक ने साथ दिया. इस शादी के मौके पर मयंक की दुल्हन अमृता भावुक हो गई. उसने कहा कि मेरे पति और ससुराल वालों से इस मौके पर मिला उपहार सिर्फ मेरे लिए हीं नहीं बल्कि पुरी दुनिया को मिला अनुपम उपहार है.

बिना दहेज की इस शादी में वर-वधु को आशीर्वाद देने तो अपनी व्यस्तताओं की वजह से कोई नही आ पाया लेकिन अधिकारियों से मिले सन्देश ने वर-वधु के साथ पूरे परिवार को खुशी प्रदान जरूर किया है. यह खुशी वह आत्म विश्वास को बढ़ाने वाली खुशी है कि जीवन मे हमने एक नेक काम किया है. क्या पता इस खुशी से कोई खुशी ढूंढ ले और बढ़ चले इस कारवां को आगे बढ़ने एक और सिपाही बनकर…

आरा से ओ पी पांडेय और अपूर्वा की रिपोर्ट

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