फिर से जाम कर दिया कोइलवर पुल

भोजपुर के किसानों ने सरकार द्वारा कोई कारगर कदम नहीं उठाने को लेकर किसान आन्दोलन को पुनः हवा दे दी है. बता दें कि पिछले दिनों किसानों ने कोईलवर पुल जाम कर फसलों को रोड पर फेंक कर अपना विरोध जताया था, जिसके फलस्वरूप राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हुयी थी और सूबे के मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव सहित कई लोगों ने किसानों के साथ पंगत में बैठ भोजन कर उनके समस्यायों को हल करने की दलील दी थी. किसानों को भी उनके इतने सरल व्यवहार से सकारात्मक पहल की उम्मीद जगी थी, लेकिन उस उम्मीद को धरातल अबतक नहीं मिली. अब किसानों ने फिर से आक्रोशपूर्ण आंदोलन का प्रदर्शन कर कई मांगें सामने रखी हैं.




ये हैं माँगे:-
1.किसान द्वारा उत्पादित सभी तरह के फसलों का मूल्य सरकार द्वारा निर्धारित करने,
2.सिचाई तथा अन्य कृषि कार्य हेतु मुफ्त विद्यूत आपूर्ति देने,
3.सभी तरह के फसलों का मुफ्त बीमा,
4.किसानों को खेती के लिए बिना ब्याज कर्ज मुहैया कराने,
5. स्वास्थ सुविधा मुफ्त मुहैया कराने,
6.सभी किसानों को किसान कार्ड एंव बीमा मुफ्त देने
7.किसान के बच्चो की पढाई के लिए उचित व्यवस्था
8.फसल बीमा ग्राम पंचायत प्रतिनिधि के द्वारा अनुशंसित करने,
9.किसानो को कर्ज माफ करने सहित नौ माँगे मांगी है.


किसानों की स्थिति दिनों दिन दयनीय होती जा रही है. किसानों द्वारा उत्पादित वस्तुओं पर सरकार की तरफ से कोई पहल नहीं हो रही है, जिसके परिणामस्वरूप किसान कर्ज में डूबते जा रहे है. किसान सबके अन्नदाता होते हुए भी इनकी हालत माली हो गयी है. यही कारण है कि किसानों के बच्चे खेती छोड़कर बाहर मजदूरी करने ले लिए बाध्य हो रहे है.
माँग न मानने की स्थिति में चरणबद्ध आन्दोलन के लिए किसानों ने कमर कस ली है. अब देखना यह है कि किसानों की मांगें सरकार पूरी करती है या फिर दक्षिण भारत के किसानों की तरह अब भोजपुर के किसान भी जब मुंड के रूप में अपने साथियों के नरमुंडो को लेकर प्रदर्शन में आएंगे तब ही सरकार के कान खुलेंगे.

 

आरा से ओपी पांडे

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