स्वच्छता अभियान को मुंह चिढ़ाता ये प्रखण्ड कार्यालय

बिहार में जाति, आय, आवासीय अथवा दाखिल खारिज सहित अन्य प्रमाणपत्रों के लिए आम आदमी को किसी भी तरह की परेशानी से नहीं जूझना पड़े इसका ख्याल करते सरकार की ओर से हर प्रखंड में एक आरटीपीएस काउंटर की स्थापना कर दी गई . हुआ भी, शुरुआती दिनों में कुछ परेशानी रही लेकिन बाद में लोगों को सुविधाएं मिलने लगी . लेकिन दाखिल खारिज के सिस्टम में कोई फेरबदल नहीं किया जा सका . सूत्रों की मानें तो दाखिल खारिज कराना है तो कर्मचारी से मिलना ही पड़ेगा और जो व्यवस्था बनी चली आ रही है उसे फॉलो किए बिना तो खारिज की बात सोचना भी मुश्किल है . सिस्टम को मानते हैं तो ठीक अन्यथा घूमते रहिए.




सुविधाओं के लिए लगे हैं तीन काउंटर

बुधवार को भोजपुर के कोइलवर प्रखंड स्थित RTPS काउंटर का patnanow टीम ने ऑन द स्पाट मुआयना किया. प्रखण्ड कार्यालय भवन के बगल के भवन में एक भाग में चल रहे इस सुविधा के लिए तीन काउंटर चलाए जा रहे हैं . काउंटर नंबर-1 पर ओबीसी,जाति आय और आवासीय प्रमाणपत्र के लिए आवेदन लिए जा रहे थे . भू स्वामित्व प्रमाण पत्र और दाखिल खारिज के लिए भी यहीं आवेदन लिए जा रहे थे . कर्मी ने बताया कि आवेदन दिए जाने के दस दिनों में प्रमाणपत्र उपलब्ध करा दिए जाते हैं . दाखिल खारिज में यदि आपत्ति न हो तो 18 दिन और यदि किसी तरह की आपत्ति है तो 60 दिनों में मामले का निष्पादन हो पाता है . काउंटर नंबर 2 पर तत्काल सेवा की व्यवस्था दिखी जहां दो दिनों में प्रमाण पत्र उपलब्ध करा दिए जाते हैं . वहीं काउंटर नंबर 3 पर सभी प्रकार के सामाजिक सुरक्षा पेंशन,राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ,मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना से संबंधित आवेदन लिए जाने की व्यवस्था दिखी .

पीने का नहीं पानी, शौचालय में लगा ताला

एक तरफ शहर व गांव को खुले में शौच से मुक्त करने की कवायद चल रही है तो वहीं दूसरी ओर स्वच्छता अभियान को मुंह चिढ़ा रहा है कोइलवर प्रखण्ड का कार्यालय . सार्वजिन शौचालय विहीन यह प्रखण्ड कार्यालय लोगों के लिए परेशानी का सबब बना . प्रखण्ड परिषर में स्वच्छता और आमलोगों को प्रसाधन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शौचालय नाम का कोई चीज नही दिखा . पर कार्यालय की दीवार पर शौचालय निर्माण के लिए बड़े-बड़े इश्तहार जरूर हैं .

प्रखण्ड कार्यालय के अन्दर एक शौचालय दिखा, उसमें भी ताला लगा हुआ था . महिला और पुरुषों के लिए अलग-अलग प्रसाधन होने की कहीं कुछ भी नही दिखा . यानी सब एक समान था . लेकिन शायद ये सुविधा आमलोगों के लिए नहीं थी . कम्प्लीट ताले लगे थे . जबकि पुरुष आवेदकों के साथ-साथ महिला आवेदकों की भी अच्छी खासी तादाद होती है . वहीं इस प्रचंड गर्मी में भी पानी पीने की कोई व्यवस्था न के बराबर दिखी . प्रखण्ड कार्यालय के बगल में एक चापाकल दिखी। न तो कोई आयरन मुक्त पानी की व्यवस्था और न ही और कोई चापाकल . आम जनता परेशान है .

क्या कहते हैं अधिकारी

प्रखण्ड परिषर में सार्वजनिक शौचालय नहीं होने के मामले को लेकर प्रखण्ड विकास पदाधिकारी डॉ सुलेखा कुमारी बताती हैं कि यह समस्या तो जटिल है . जिला में भी इसकी बात उठी है . इसके लिए मॉडल इस्टीमेट बन रहा है,  उसी हिसाब से शौचालय निर्माण जल्द कराया जाएगा.

दाखिल खारिज मामले में अंचलाधिकारी मृत्युंजय कुमार बताते हैं कि ऐसा कुछ भी नहीं है. सब आवेदन आरटीपीएस में जमा होता है फिर मेरे टेबल तक आता है . हमारे यहां कोई आवेदन पेन्डिंग नही है . अगर इस तरह की शिकायत मुझे मिलती है तो तत्काल उसकी जांच होगी और दोषियों पर कार्रवाई होगी.

कोइलवर (भोजपुर) से आमोद कुमार

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