पटना।। बिहार में शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने की कोशिश में लगे शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव के के पाठक ने शनिवार को सभी जिलों के जिला पदाधिकारी और डीडीसी को पत्र लिखकर शिक्षा से जुड़ी चार महत्वपूर्ण बातों पर विशेष ध्यान देने को कहा है.
उन्होंने जिन चार बातों को लेकर जिला पदाधिकारियों और उपविकास आयुक्त को पत्र लिखा है उसके मुताबिक
- विद्यालयों में Prefab Structure का युद्ध स्तर पर निर्माण :- विद्यालयों के सतत् अनुश्रवण से विद्यालयों में छात्रों की उपस्थिति बढ़ी है. ऐसे में यह समस्या उत्पन्न हुई है कि कई कक्षाएं बरामदे में चल रही हैं अथवा दो पालियों में चल रही हैं. इस समस्या से निपटने के लिए विभाग ने सभी माध्यमिक / मध्य / प्राथमिक विद्यालयों में आवश्यकतानुसार Prefab Structure बनाने का निर्णय लिया है. इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश जिला पदाधिकारियों को दिया जा चुका है.
- विद्यालयों में अध्यापकों की कमी :- छात्रों की बढ़ती उपस्थिति को देखते हुए कमरों के अलावा अध्यापकों की भी कमी महसूस की गई है. बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा अध्यापकों की नियुक्ति की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है, किन्तु इन अध्यापकों के परिणाम आने उनके योगदान देने तथा प्रशिक्षण में कम-से-कम चार से छह माह का समय लग जाएगा. ऐसे में तात्कालिक व्यवस्था के तहत इन विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को प्राधिकृत किया गया है कि वे Outsourcing के माध्यम से तय एजेंसियों से आवश्यकतानुसार Guest Teachers की सेवा ले सकते हैं। इस संबंध में भी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को आवश्यक निदेश दिया जा चुका है.
- विद्यालयों की Housekeeping – विद्यालयों के कमरे, फर्नीचर, लैब, लाईब्रेरी इत्यादि की साफ-सफाई नियमित नहीं होती है. विशेषकर शौचालयों की सफाई तो बिल्कुल ही नहीं होती है. इस समस्या से निपटने के लिए विभाग ने 01 सितम्बर 2023 से निजी वेन्डरों के माध्यम से विद्यालयों की Housekeeping का जिम्मा देने का निर्णय लिया है. जिला शिक्षा पदाधिकारी को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया जा चुका है.
- ICT लैब :- लगभग 10 हजार विद्यालयों में कम्प्यूटर लैब लगाने की योजना है. प्रथम चरण में 4707 विद्यालयों में कम्प्यूटर लगेंगे. इस संबंध में भी विस्तृत दिशा-निर्देश जिला शिक्षा पदाधिकारियों को 24 जुलाई 2023 को ही दिया जा चुका है.
के के पाठक ने आगे लिखा है कि चारों प्रयास विद्यालयों के पठन-पाठन को सीधे तौर से प्रभावित करते हैं. इसलिए जिलाधिकारी और डीडीसी व्यक्तिगत रूचि लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारियों से बैठक कर उपरोक्त प्रयासों की सघन समीक्षा करें और अपने जिले में इन प्रयासों को 01 सितम्बर 2023 से प्रारम्भ करें.
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