पटना।। बिहार का शिक्षा विभाग इन दिनों खूब चर्चा में है. चर्चा में तो खैर लगभग 6 महीने से है लेकिन इस बार चर्चा की वजह कुछ खास है. खास यह कि आखिर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने अपने पद का परित्याग क्यों कर दिया.
आइएएस के के पाठक अर्जित अवकाश पर हैं और इसके लिए उन्होंने अपने पद से परित्याग किया है. पटना नाउ को मिली जानकारी के मुताबिक राज्य में आईएएस अधिकारियों को अर्जित अवकाश पर जाने के लिए अपने पद का प्रभार किसी और को देना होता है और इसके लिए उन्हें अवकाश के दौरान अपने पद का परित्याग भी करना होता है और इसी के तहत उन्होंने पद का परित्याग करते हुए अर्जित अवकाश लिया है. इस बारे में सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से पत्र भी जारी हुआ है जिसमें उन्हें 16 जनवरी तक अर्जित अवकाश स्वीकृत करने की बात की गई है और उनकी अनुपस्थिति में शिक्षा विभाग के सचिव बैद्यनाथ यादव को प्रभार दिया गया है.
ऐसे में फिलहाल यह तय है कि अगर इस दौरान सरकार किसी और को शिक्षा विभाग का पदभार नहीं देती है तो 16 जनवरी के बाद के के पाठक एक बार फिर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के तौर पर नजर आएंगे.
दरअसल, केके पाठक ने ऐसे वक्त में अर्जित अवकाश लिया है जब शिक्षा विभाग करीब 1 लाख से ज्यादा चयनित शिक्षकों को नियुक्ति पत्र देने वाला है. 13 जनवरी को दोपहर 12 बजे से होने वाला ये सरकार और शिक्षा विभाग के लिए यह एक मेगा इवेंट है और इसमें मुख्य कार्यक्रम गांधी मैदान पटना में होने वाला है जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद अपने हाथों से सैकड़ो शिक्षकों को नियुक्ति पत्र देंगे और ऐसे समय में स्वास्थ्य का हवाला देते हुए अर्जित अवकाश पर जाना कहीं ना कहीं शिक्षकों समेत तमाम लोगों को खटक रहा है. यही वजह है कि इस बात की चर्चा जोरों पर है कि शिक्षा विभाग का प्रभार किसी और को सौंपा जा सकता है. शिक्षक संघों का स्पष्ट कहना है कि अपर मुख्य सचिव के के पाठक के दो फैसलों पर उन्हें सख्त आपत्ति है. एक विद्यालय परिचालन अवधि में परिवर्तन और दूसरा वार्षिक अवकाश तालिका में परिवर्तन जिसे लेकर बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ ने 20 जनवरी को पटना में आंदोलन की घोषणा की है.
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