किरण देवी व अरुण यादव की बढ़ी मुश्किलें

आरा, 16 मई. संदेश विधायक किरण देवी एवं उनके पति अरुण यादव के पटना, उनके पैतृक आवास संदेश, व दिल्ली तक के कई ठिकानों पर सीबीआई की रेड पड़ी है. यह रेड रेलवे में नौकरी के बदले जमीन मामले से जुड़ी मानी जा रही है. संदेश की वर्तमान विधायक किरण देवी एवं उनके पति अरुण यादव जो पूर्व में विधायक भी रहे हैं राजद सुप्रीमो लालू यादव के बहुत ही करीबी माने जाते हैं. अरुण यादव एक दबंग नेता के साथ बालू के भी बड़े कारोबारी हैं जिनका भोजपुर से पटना तक बड़ा रसूख है




रसूख का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अरुण यादव पर 18 जुलाई 2019 में नाबालिग लड़की से रेप का आरोप लगने वे पकड़े नही गए. उनपर पॉस्को एक्ट लगने और कुर्की जब्ती के बाद भी न तो वे पुलिस के हाथ लगे और न ही उनका किला ही पुलिस के कब्जे में आया. वे कई सालों तक फरार रहे. 2020 के इलेक्शन में अटकलें आई कि अब वे कानून की गिरफ्त में आएंगे पर राजनीति का खेल देखिए कि आरोपी और फरार विधायक पर कोई कार्रवाई की जगह उनकी पत्नी किरण देवी को राजद ने टिकट दे उस क्षेत्र का विधायक बना दिया.

उक्त केस से वे पिछले साल (13 दिसम्बर 2022) साक्ष्य के अभाव में बरी कर हो गए.

सीबीआई की टीम उनके आवास पर साक्ष्य जुटाने में जुटी हुई है और रेलवे में जॉब से जुड़े कागजात को ढूंढने में लगी है. बताते चलें कि मनमोहन सरकार के समय 2004 से 2009 तक लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे और उस दौरान रेलवे में व्यापक पैमाने पर नौकरियां देकर उसके बदले जमीन और लोगों से फ्लैट के कागजात गिफ्ट के तौर पर लिए गए. जिन्हें लालू के करीबियों के नाम ट्रांसफर किया गया. इसी संबंध में कुछ दिन पहले सीबीआई और ईडी ने तेजस्वी के दिल्ली के फ्रेंड कॉलोनी स्थित बंगले पर भी छापा मारा था और पूछताछ की थी. हालांकि इस संबंध में कोई केस दर्ज नहीं हुआ लेकिन जमीन से जुड़े इस मामले में लालू परिवार के कई सदस्यों से पूछताछ कई बार हो चुकी है और इस मामले में लालू-राबड़ी और उनकी बेटी मीसा भारती जमानत पर हैं.

किरण देवी व अरुण यादव के आवास पर सीबीआई की रेड की खबर के बाद उनके समर्थकों का हुजूम उनके घर के बाहर इकट्ठा हो गया. हालांकि इस हुजूम से सीबीआई की टीम को कोई फर्क नही पड़ा. उन्होंने अपने मिशन को जारी रखा. आपको बताते चलें अरुण यादव का दूध का एक बड़ा कारोबार भी है जिसमें उनके क्षेत्र के सैकड़ों लोगों को रोजगार मिला है और इसलिए क्षेत्र के लोग विधायक के जोरदार समर्थक माने जाते हैं विधायक के लिए कुछ भी कर गुजरने को आमादा रहते हैं. सीबीआई की टीम की ओर से रेड के बारे में कोई भी अधिकारी ने प्रेस से कोई बातचीत नही की.

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