खुलेगा ऐसा क्लिनिक जहाँ बिना दवा का होगा इलाज

विश्व प्रसिद्ध काइरोप्रैक्टर करेंगे इलाज

डॉ रजनीश कांत का बिहार में भव्य स्वागत,अंबानी परिवार का भी किया है इलाज




पटना से आरा तक 6 घँटे तक चला रोड शो

आरा, 23 जुलाई(ओ. पी. पांडेय). क्या आपने कभी सुना है कि बिना दवाओं का भी इलाज होता है? क्यों आश्चर्य में पड़ गए? जी हाँ भारत की एक प्राचीन पद्धति है जिसके द्वारा मरीजों का इलाज बिना दवाईयों के ही किया जाता है. भोजपुर जिला मुख्यालय आरा में जल्द ही ऐसा क्लिनिक खुलेगा इसकी घोषणा विश्व में अपने इलाज का लोहा मनवाने वाले काइरोप्रैक्टर डॉ. रजनीश कांत ने सोमवार को आरा के बाईपास स्थित एक निजी रिसॉर्ट में पत्रकारों के साथ बातचीत में कहीं. उन्होंने यह भी कहा कि सबकुछ लगभग तय है बस उस क्लिनिक के चालू करने की औपचारिकता बाकी है.

6 घँटे चला डॉक्टर रजनीश का रोड शो

इसके पूर्व उनके बिहार आगमन पर सोमवार को दोपहर 1.20 बजे रिसीव करने के लिए भोजपुर जिले से उनके भाई सामजसेवी हेमराज कुशवाहा के नेतृत्व में 100 गाड़ियों के काफिले में हजारों लोग पटना एयरपोर्ट पहुँचे. इस मौके पर शहर में जगह-जगह कई बड़े बड़े पोस्टर और होर्डिंग भी उनके स्वागत में लगे थे.

एयरपोर्ट पर डॉक्टर का स्वागत ढोल-नगाड़ों और पुष्प वर्षा के साथ हुआ. डॉक्टर रजनीश को माल्यार्पण और गुलदस्ते से कई लोगों ने स्वागत किया. पटना से फिर गाड़ियों के काफिले के साथ उनका कारवाँ आरा के लिए रवाना हुआ जिसका जगह- जगह बिहटा, कोईलवर, सकरडी, धनुपुरा, धरहरा,अबरपुल, जेल रोड और शिवगंज में लोगों ने माल्यार्पण कर शानदार स्वागत किया. पटना से लगभग 2 बजे से निकला गाड़ियों के काफिले का यह रोड शो लगभग 6 घँटे तक चला जो शिवगंज से नवादा, अनाइठ, पकड़ी और स्टेशन होते हुए बाईपास स्थित निजी रिसॉर्ट के पास जाकर समाप्त हुआ. ऊनके स्वागत के लिए सामजसेवी हेमराज कुशवाहा के साथ दीपक कुमार,बंटी कुमार केशरी,जितेंद्र कुमार, कुंदन कुमार, गुप्ता, श्रीकांत समेत सैकड़ो लोगों की विशेष भूमिका रही.

मीडियाकर्मियों से की बातचीत

रोड शो के बात डॉक्टर रजनीश कांत ने प्रेस वार्ता भी की. उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि उन्हें कुछ अलग करने की चाह ने आज इस मुकाम पर पहुंचाया है. जहाँ आज केवल दवाइयों के भरोसे लोग अपना इलाज करा रहे हैं वैसे में मेरी काइरोप्रक्टिक एक देसी और प्राचीन पद्धति है. उन्होंने कहा कि हमारे पुराने ऋषि-मुनियों ने ये पद्धति विकसित की थी और आज भी दक्षिण भारत में इस पद्धति को लोग अपनाते हैं.

ऑस्टियोपैथी और काइरोप्रैक्टर उपचार का एक ऐसा रूप है, जहां हम हर तरफ से इलाज करवाकर निराश हो चुके लोगों का इलाज करते हैं और उन्हें ठीक करके घर भेजते हैं, जिसमें इसमें न तो किसी दवा का प्रयोग किया जाता है और न ही किसी विशेष प्रकार की सर्जरी की जाती है। अब तक इस पद्धति से कमर दर्द, पैर दर्द, नस दर्द, गैस्ट्रिक, सिर दर्द, कमर दर्द, बदहजमी जैसी कई प्रकार की बड़ी बीमारियों का सफलतापूर्वक इलाज किया जा चुका है.

इस पद्धति में बॉडी का पोस्चर जो गलत बैठने या सोने से बिगड़ जाता है उसे हम ठीक करते हैं. उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को 6 महीने पर अपना बॉडी अलाइनमेंट एक बार ठीक कराना चाहिए. फिर आप चाहें जो भी इलाज करना हो या चेकअप कराना हो वो कराएं. उन्होंने कहा कि मैं किसी भी पद्धति का विरोधी नही हूँ.

कहीं रोड शो राजनीति में आने का संकेत तो नही

डॉक्टर रजनीश कांत राजनीतिक गलियारों में भी अपने इस खास इलाज की तकनीक के बदौलत काफी पॉपुलर हैं. लालू यादव और नीतीश कुमार जैसे रजनितज्ञों से उनके खास सम्बंध हैं. उन्होंने बॉलीवुड के सितारों से लेकर अंबानी परिवार तक का इलाज अपने पद्धति से किया है. उनके विश्व पटल पर सम्मान के बाद जिस तरह से सोमवार को भव्य स्वागत और रोड शो हुआ उसे देखकर सबके मन मे एक ही सवाल था कि डॉक्टर रजनीश कांत कहीं रणजीति में आने की मनसा तो नही बना रहे हैं?

इस सवाल को पटना नाउ ने जब उनसे पूछा तो उन्होंने कहा कतई नही. रोड शो में आने वाले सभी मेरे वे छोटे भाई और शुभचिंतक हैं जो मुझसे लाभान्वित हुए हैं. फिलहाल चिकित्सा के जरिये सेवा ही मेरी प्राथमिकता है और इससे ही समय नही निकाल पा रहा हूँ. डॉक्टर साहब भले ही राजनीति में नही जाना चाहते हों लेकिन इनकी पॉपुलरिटी को देखते हुए राजनीतिक गलियारे में तो हलचल चल ही रही है. सूत्रों की माने तो जदयू के चहेते हैं डॉक्टर रजनीश और इससे कतई नही इनकार किया जा सकता कि आने वाले चुनाव में पार्टी इन्हें अपना चेहरा बना ले.

सुदूर गाँव तक मरीजों की सेवा करने का है प्लान

वे आरावसियो इस इस शानदार स्वागत से इतने आत्ममुग्ध हैं कि उन्होंने एलान किया कि जल्द ही वे इस पद्धति को बिहार में चालू करेंगे. साथ ही आरा में क्लिनिक लगभग तय है बस औपचारिकता बाकी रह गयी है जिसे जल्द ही आप सभी के सामने घोषित किया जाएगा. उन्होंने मीडिया कर्मियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आप सभी बदौलत ही आज दुनिया मुझे जानती है. मेरी कोशिश होगी कि सुदूर गांव के कोने तक के लोगों का इलाज करु.

कौन हैं डॉक्टर रजनीश कांत

डॉक्टर रजनीश कांत भोजपुर जिले के बेगमपुर के रहने वाले हैं. उनका बचपन आरा में ही बीता है. बचपन से ही वे शरीर के उंगलियों और नाक-कान को पडकाते रहते थे. अपने दोस्तों के बीच वे इस खास अंदाज के लिए काफी पॉपुलर थे. उनका बचपन से ही कुछ अलग करने का शौक़ उन्हें औरों से अलग बनाया. उन्होंने फिजियोथेरेपी, ऑस्टियोपैथी और काइरोप्रैक्टिक के लगातार अभ्यास से हजारों मरीज़ों का इलाज करना शुरू किया और देखते ही देखते सोशल मीडिया के जमाने में उनका इलाज करने का यह तरीका यू-ट्यूब पर वायरल हो गया.

बॉडी पेन से त्रस्त लोगों ने बिन दवाईयों के चाह वालों को इनके पास खींचा और इनकी ख्याति की तूती बोलने लगी फलस्वरूप 29 जून 2024 को दुबई के पाम अटलांटिस होटल में उन्हें एशिया बुक और रिकॉर्ड से सम्मानित किया गया. यही नही उनके इस काम के लिए इसी महीने उन्हें लंदन में 18 जलाई को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड से सम्मानित किया गया.

आरा जिले के काइरोप्रैक्टर डॉ. रजनीश कांत ने सात समुंदर पार बिहार के मान को बढ़ाया. इस मौके पर उनके साथ दुनिया की चिकित्सा क्षेत्र की कई बड़ी हस्तियां भी मौजूद रहीं. डॉ. रजनीश कांत को काइरोप्रैक्टर के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए यह सम्मान दिया गया.

क्यों बढ़ी डॉक्टर रजनीश की विश्व पटल पर मांग

डॉ. रजनीश कांत के इलाज करने का तरीका काफी नेचुरल है. ये फिजियोथेरेपी, ऑस्टियोपैथी और काइरोप्रैक्टर के जरिये उपचार करते हैं जो दवा रहित है. कई बार हजारों-लाखों की दवाइयों के सेवन के बाद भी जब हर तरफ से इलाज करवाकर निराश हो चुके शख्स इनके पास पहुँचने के बाद इनके पास बिन दवाईयों के ठीक हो जाते हैं तब उन्हें विश्वास होता है कि ऐसे भी इलाज हो सकता है. इनका इलाज का तरीका ऑपरेशन रहित और दवा रहित होने के कारण सरल और बिना साइड इफेक्ट का है. केमिकलयुक्त खाने तक पहुंच चुके लोग अब प्राकृतिक पद्धति से इलाज चाहते हैं और इसीलिए हर जगह इनकी डिमांड है.

हर महीने 100 मरीजों का मुफ्त करते हैं इलाज

भारतीय वैद्य प्रणाली से अब तक देश-विदेश के हजारों लोग डॉ. रजनीश से लाभान्वित हो चुके हैं. वे इस चिकित्सा प्रणाली से बिहार में अपने क्लिनिक में हर महीने की पहली तारीख को 100 मरीजों का मुफ्त इलाज करते हैं. वे इतने सहज हैं कि महीने की पहली तारीख को मुफ्त इलाज देने के बाद भी क्लीनिक पर आने वाले गरीबों से उनकी हालत देखकर इलाज के लिए पैसे नहीं लेते हैं.

डॉक्टर रजनीश कांत के नाम बहुत कम समय में सबसे ज्यादा मरीजों का इलाज करने का रिकॉर्ड भी है. इन सभी उपलब्धियों के कारण ही विश्व प्रसिद्ध संस्था एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और वर्ल्ड बुक ऑफ रेकॉर्ड्स ने उनको सम्मानित है. भोजपुर जिले के आरा शहर के बेगमपुर मोहल्ले जैसी छोटी जगह से आने वाले डॉक्टर रजनीश बहुत ही कम उम्र में आज सफलता के शिखर पर अपना परचम लहरा रहे हैं. कस्बाई शहर आरा के एक छोटे की तंग गलियों से विश्व पटल पर निकलने के बाद भी उन तंग गलियों के लोगों तक पहुंचने का ख्वाब ही डॉक्टर रजनीश कांत को आज इस मुकाम पर पहुंचाया है.

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