गड़हनी प्रमुख पद पर अनिता व उपप्रमुख पद पर नजरा खातून काबिज
गड़हनी,9 अगस्त. गड़हनी प्रखंड में कुछ दिनों से खाली पड़ी प्रमुख व उप प्रमुख पद पर राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा 8 अगस्त को चुनाव सम्पन्न हुआ. आरा सदर SDO अरुण प्रकाश व ADM सुरेन्द्र कुमार के देख-रेख में सम्पन्न हुआ. चुनाव में प्रमुख पद के लिए अनिता देवी ने नामांकन कर निर्विरोध जीत दर्ज की, वही उप प्रमुख के पद के लिए गड़हनी खास से नजरा खातून व बराप से रंजन सिंह ने नामांकन किया, जिसमे नजरा खातून के पक्ष में कुल आठ मत हासिल हुई वही रंजन सिंह के पक्ष में महज तीन मत प्राप्त हुआ.
नजरा खातून को उप प्रमुख चुना गया. वही पूरे चुनाव के दौरान पूर्व प्रमुख मंजू देवी व पूर्व उप प्रमुख श्याम कुमार मिश्रा अनुपस्थिति रहे. बता दे की प्रखंड के बँगवा पंचायत समिति सदस्या अनिता देवी के नेतृत्व में पिछले दिनों प्रखंड विकास पदाधिकारी सह कार्यपालक पदाधिकारी तेजबहादुर सुमन को दस सदस्यीय हस्ताक्षर रहित ज्ञापन सौंपकर प्रमुख व उप प्रमुख के खिलाफ पद का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया गया था.
सदस्यों ने प्रखंड प्रमुख पर जनवितरण प्रणाली दुकानदारों से पैसे की उगाही,कार्यवाही पुस्तिका में पारित प्रस्तावों से छेड़ छाड़ सहित विकास कार्यो में कमीशन खोरी को बढ़ावा देने,समय पर पंचयात समिति की बैठक नही बुलाना,अपने मनमानी तरीक़े से प्रखंड के कार्यो कोणीजी स्वार्थ से संचालित करने आरोप लगाया था.
अविश्वास प्रस्ताव के लिए बँगवा पंचायत समिति सदस्या अनिता देवी के नेतृत्व में बराप पंचयात समिति सदस्य रंजन सिंह,हरेन्द्र कुमार सिंह,काउप पंचयात समिति सदस्य मोहन राम,गड़हनी खास समिति सदस्या नजरा खातून,गड़हनी तालुक सदस्य आनन्द कुमार सिंह,बलिगांव पंचायत समिति सदस्या पुष्पा देवी ,हरपुर पंचायत समिति सदस्या सदस्या मीना देवी,इचरी पंचायत समिति सदस्या सावित्री देवी,कुरकुरी पंचायत समिति सदस्य उदय साह ने अपनी सहमति हस्ताक्षर कर जाहिर की थी.
जिसको लेकर बीते दिन प्रखंड परिसर गड़हनी में प्रखंड विकास पदाधिकारी तेज बहादुर सुमन की अध्यक्षता में सभी समिति सदस्यों की बैठक बुलाई गई थी. बैठक में उपरोक्त सदस्यों ने प्रमुख व उपप्रमुख के खिलाफ जमकर आरोप लगाया. प्रमुख मंजू देवी के पक्ष तेरह में से महज दो वोट ही मिल पाए थे,जबकि उप प्रमुख श्याम कुमार मिश्र के पक्ष में महज पांच वोट ही मिले थे. बँगवा पंचायत समिति सदस्या अनिता देवी का रास्ता साफ नजर आने लगा था या यूं कहें कि प्रमुख बनना बैठक के बाद ही साफ हो गया था.
गड़हनी से मुरली मनोहर जोशी की रिपोर्ट