जब गायक ही अश्लील गाने से भागे...
‘पियवा से पहिले’ और ‘भतार अइहें’ की मांग पर उतरी देवघर की पब्लिक
पटना नाउ की खास रिपोर्ट
पटना. भोजपुरी में फैली अश्लीलता और उसकी आड़ में स्टार का तमगा लेने वालों की इन दिनों फजीहत जारी है. सोशल मीडिया से लेकर भोजपुरी कलाकारों के स्टेज प्रोग्राम तक आम लोग जमकर विरोध कर रहे हैं. विरोध के स्वरूप से गायक और कलाकार थोड़े सहमे जरूर हैं लेकिन अश्लीलता पर अभी पूरी तरह लगाम नहीं लग पायी है. भोजपुरी में अश्लीलता को लेकर विरोध की इसी कड़ी में बुधवार को बिग मैजिक गंगा चैनल द्वारा भोलेनाथ की नगरी देवघर में आयोजित प्रोग्राम को रद्द करना पड़ा और इस आयोजन में आये भोजपुरी के कई नामचीन कलाकारों को जान बचाकर भागना पड़ा.
घटना के बारे में चर्चा है कि अश्लीलता फैलाने वाले कलाकारों को बाबा नगरी में भोजपुरी जनमानस ने सबक सिखाया. इस बात को लेकर सोशल मीडिया पर चर्चा सरेआम हो रही है वहीं YouTube पर भी एक वीडियो में यह बात सामने आई है. इस संदर्भ में जब हमने कार्यक्रम के आयोजक चैनल के प्रोग्रामिंग हेड राजीव मिश्रा से बात की तो उन्होंने बताया सोशल मीडिया पर उक्त चर्चा गलत है. उन्होंने बताया कि चैनल द्वारा भोलेनाथ पर भक्ति प्रोग्राम शूट किया जा रहा था, जो कई वर्षों से लगातार हो रहा है. ऐसे कार्यक्रम में अश्लीलता का कोई प्रश्न ही नहीं उठता है. उन्होंने कहा कि कलाकारों द्वारा भक्ति गाने पर उनकी प्रस्तुति के दौरान ही के दौरान ही दर्शकों द्वारा अश्लील गानों की डिमांड होने लगी, जिसे पूरा नहीं करने पर दर्शक उग्र हो गए और स्टेज तक चले गए. इस तरह दौरान भीड़ से किसी ने पत्थर चला दिया जिससे कैमरामैन का सिर फट गया. इस दौरान रितेश पांडेय अपना परफॉर्मेंस दे रहे थे जिसे चैनल के लिए शूट किया जा रहा था. इतना ही नहीं कैमरामैन का सिर फटने के बाद भीड़ में से किसी ने कैमरा भी ले कर भागने की कोशिश की, जिसे किसी तरह यूनिट के लोगों ने बचाया. उन्होंने कहा खेसारी लाल यादव ने लोगों को शांत करने के लिए उनसे बार-बार विनती की और कहा कि वे दर्शकों को निराश नहीं करेंगे, क्योंकि यह एक भक्ति कार्यक्रम है इसलिए भक्ति गानों के जरिए ही दर्शकों की फरमाइश पूरी करेंगे. लेकिन दर्शकों ने खेसारी की एक न सुनी और वे लगातार खेसारी के हिट अश्लील गानों गानों की डिमांड करने लगे. जिसे चैनल करने से मना कर दिया फिर क्या था भीड़ उग्र हो गई और स्टेज पर चढ़ गई.
सुरक्षा व्यवस्था पर्याप्त ना होने की वजह से जैसे- तैसे कलाकारों को ग्रीन रूम में जाना पड़ा. हजारों की संख्या में मौजूद भीड़ को कंट्रोल करने के लिए कुछ देर में पुलिस फोर्स आई, जिसने भीड़ को काबू करने की लिए हल्का बल प्रयोग किया, जिसके बाद भीड़ और उग्र हो गई और तोड़फोड़ मचाने लगी. भीड़ ने वहाँ मौजूद मेकअप रूम तक को तोड़ दिया. उसके बाद कार्यक्रम को रद्द करना पड़ा. हमने चैनल के प्रोग्राम हेड से जब यह पूछा कि आप वैसे कलाकारों को भक्ति प्रोग्राम में चुनते ही क्यों हैं जिनकी छवि एक अश्लील गायक के रूप में प्रचलित है. इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि चैनल द्वारा तय किया गया कलाकार लाना उनकी मजबूरी होती है क्योंकि कलाकारों के नाम के हिसाब से चैनल को प्रायोजक मिलते हैं. उन्होंने कहा कि वे 17 सालों से भोजपुरी में अश्लीलता के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं. इस दौरान उन्होंने चैनल पर कभी अश्लीलता नहीं परोसी या अपने निजी गानों में भी कभी अश्लील नहीं गाया. उन्होंने दुखी मन से कहा कि इतना करने के बाद भी जब ऑडियंस की ओर से ही अश्लील गानों की डिमांड आती है तो दुख होता है समझ में यह नहीं आता कि इसके लिए दोषी कौन है.
देवघर में भक्ति के लिए शूट किए जाने वाले वाले इस प्रोग्राम में भोजपुरी की जानी-मानी अदाकारा श्यामली श्रीवास्तव भी मौजूद थीं. उन्होंने पटना नाउ को बताया कि उनकी भी परफॉर्मेंस भक्ति गाने पर होने वाली थी. कार्यक्रम का प्रारंभ ममता रावत ने किया उसके बाद शुभी शर्मा और आकांक्षा ने भक्ति गाने पर नृत्य किया.
फिर बारी रितेश पांडे की आई जिन्होंने अपना सावन भजन प्रस्तुत किया. लेकिन रितेश पांडे के आते ही भीड़ ने “पियवा से पहिले हमार रहलु…” की डिमांड कर दी. जब डिमांड पूरा नहीं हुआ तब लोग खेसारी लाल यादव को बुलाने की मांग करने लगे. खेसारी के मंच पर आते ही “भतार अइहें…” की डिमांड आने लगी. इधर गाने के लिए मशहूर गायक सह सांसद मनोज तिवारी भी ग्रीन रूम में बैठे अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे, लेकिन रितेश पांडेय के आने के बाद जो डिमांड हुआ फिर शांत नहीं हुआ. श्यामली के अनुसार अगर पुलिस पहले से तैयार रहती तो तोड़-फोड़ की इस घटना को रोका जा सकता था. कार्यक्रम में प्रस्तुति देने वालों में ममता राउत,शुभी शर्मा,श्यामली, आकांक्षा,राकेश मिश्रा, खेसारी लाल यादव, रितेश पांडेय, और मनोज तिवारी शामिल थे.
अब सवाल यह है कि इस अश्लीलता के लिए दोषी कौन है और है तो फिर उसे कैसे रोका जाए? बहरहाल यह भोजपुरी भाषियों के लिए भी एक नई चुनौती है जिसे रोकने के लिए नई नीति बनानी पड़ेगी. रद्द किए गए इस प्रोग्राम की शूटिंग अब राजधानी पटना में 16 अगस्त को होगी..
ओ पी पांडेय की रिपोर्ट