भोजपुर जिले में मिशन परिवार विकास अभियान के तहत परिवार नियोजन का लक्ष्य किया जाएगा पूरा
- आरा सदर अस्पताल में परिवार नियोजन मेला का हुआ आयोजन, विभिन्न साधनों की दी गई जानकारी
- वार्ड स्तर तक आयोजित किये जाएंगे विभिन्न कार्यक्रम, आशा कार्यकर्ताओं को मिली जिम्मेदारी
- राज्य मुख्यालय के अधिकारियों ने अधिक से अधिक लोगों को जागरूक करने का दिया निर्देश
आरा, 18 जनवरी| परिवार नियोजन व इसके साधनों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए सोमवार को परिवार नियोजन मेले का आयोजन हुआ। मौके पर अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. बिनोद कुमार ने कहा मिशन परिवार विकास के तहत आयोजित होने वाले कार्यक्रमों का मुख्य उद्देश्य यह है कि इस अभियान में पुरुष और महिला दानों की सहभागिता होनी चाहिए। यह मेला लोगों को परामर्श के साथ निःशुल्क गर्भनिरोधक साधनों को उपलब्ध कराएगा। यहां नसबंदी के अलावा परिवर नियोजन के और भी विकल्प मौजूद हैं। लोग अपनी सहूलियत के हिसाब से किसी भी साधन का इस्तेमाल कर सकते हैं। मेले में कुल नौ स्टाल लगाये गये हैं। मेले में लगे सभी स्टाल में प्रशिक्षित नर्स लोगों का मागदर्शन करेंगी। मौके पर एसीएमओ डॉ. विनोद कुमार, केयर डीटीएल स्वरूप पटनायक , यूनिसेफ के एसएमसी कुमुद रंजन मिश्रा समेत अन्य लोग मौजूद रहे।
21 से 31 जनवरी तक परिवार नियोजन सेवा सप्ताह
डॉ. विनोद कुमार ने बताया परिवार नियोजन सेवा सप्ताह का आयोजन 21 से 31 जनवरी तक होगा । दंपति संपर्क पखवाड़े के दौरान लोगों में जागरूकता लाने के लिए सही उम्र में शादी, शादी के बाद कम से कम 2 साल के बाद पहला बच्चा, दो बच्चों में कम से कम 3 साल का अंतराल एवं प्रसव के बाद या गर्भपात के बाद परिवार नियोजन के स्थायी एवं अस्थायी साधनों की जानकारी एवं जरूरी व्यवस्था उपलब्ध कराने पर जोर दिया जाएगा। वहीं, परिवार नियोजन सेवा सप्ताह के दौरान प्रथम रेफरल इकाइयों में नसबंदी शिविर का भी आयोजन किया जाएगा। साथ ही, अभियान के दौरान प्रत्येक उप स्वास्थ्य केंद्रों पर अंतरा कैंप का आयोजन भी किया जाएगा।
महिलाओं के को प्रसव के बाद परिवार नियोजन के साधनों पर दिया जाएगा जोर
डॉ. विनोद कुमार ने कहा कि संस्थागत प्रसव के बाद लगभग 60 प्रतिशत तथा सुरक्षित गर्भपात के बाद लगभग 90 प्रतिशत दंपतियों में परिवार नियोजन के लिए मांग है। इसे ध्यान में रखते हुए प्रसव के बाद महिला नसबंदी एवं कॉपर- टी संस्थापन पर अभियान के दौरान विशेष बल दिया जाएगा। इसके लिए प्रसव कक्ष में परिवार कल्याण परामर्शी, एएनएम, स्टाफ नर्स के माध्यम से प्रसव एवं गर्भपात के लिए आए हुए इच्छुक महिलाओं को उत्प्रेरित करते हुए सुविधा प्रदान कराई जाएगी। इसके अलावा गांव-गांव लोगों को जागरूक करने के लिए जागरूकता रथ भी भेजी जाएगी जो माइक और नियोजन से संबंधित बैनर-पोस्टर्स से सुसज्जित रहेगी।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वरीय अधिकारियों ने दिए दिशा-निर्देश
वहीं, 14 से 31 जनवरी तक आयोजित होने वाले कार्यक्रम की सफलता के लिए सोमवार को राज्य मुख्यालय के अधिकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिला स्वास्थ्य समिति के अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए। इस क्रम में जिले में हर हाल में पुरुष व महिला नसबन्दी के लक्ष्य को पूरा करने पर जोर दिया गया। साथ ही, 21 से 31 जनवरी तक अयोजित होने वाले सेवा सप्ताह में अधिक से अधिक लोगों की सहभागिता बढ़ाने का निर्देश दिया गया। साथ ही, यह भी कहा गया कि पूरे अभियान की सफलता की जिम्मेदारी फ्रंट लाइन वर्कर्स पर है। इसलिए उनका उन्मुखीकरण सबसे जरूरी। इस संबंध में केयर के डीटीएल को सभी स्तर पर अधिकारियों व कर्मियों को प्रशिक्षण देने का निर्देश दिया गया।
आरा से ओ पी पांडेय की रिपोर्ट