भोजपुर में एक हफ्ते के भीतर दूसरी बड़ी शराब की खेंप को पुलिस ने पकड़ा
आरा, 30 अगस्त. बिहार में शराबबंदी है इसको लेकर पक्ष-विपक्ष में बयानों का युद्ध खत्म होने का नाम नही ले रहा है और आलम है कि बिहार में बैन यह शराब बिहार के हर जिले में आये दिन कहीं न कही और कई बार तो एक साथ कई जगह बड़ी मात्रा में पकड़ी जा रही है. लेकिन पक्ष इसे मानने को तैयार नही और वह जगह-जगह अपने प्रवास के दौरान शराबबंदी का ढिंढोरा पीटे जा रहा है कि मौजूदा सरकार की वजह से बिहार शराबमुक्त हो गया है.
आलम यह है सरकार के विरुद्ध मीडिया में जब तथ्यों पर आधारित ख़बर छपे तो बौखलाए जद यू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कुछ दिन पहले जनसंवाद करते हुए मंच से ये कह दिया कि मीडिया वालों को शराब नही मिल रहा है उसी के कारण ये सरकार के विरुद्ध खबर दिखा रहे है. जिसके बाद इस बयान पर काफी हंगामा हुआ और वेब जनर्लिस्ट एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने पत्र जारी कर ऐसे बयान वापस लेने को कहा. साथ ही ये भी लिखा कि शराब मांगने वालों का भी लिस्ट दे अन्यथा इसके खिलाफ पत्रकार आंदोलन के बाध्य होंगे. लेकिन शराब तो शराब है ये जिले में क्या बिहार से बाहर जाने को तैयार नही.
इधर बिहार के आरा में पुनः शराब तस्करों की बड़ी खेंप पकड़ी गई है जो नीतीश सरकार के शराबबंदी का भण्डाफोड़ कर रही है. बता दें कि गीधा थाना ने गुप्त सूचना के आधार पर सोमवार को शराब तस्करों द्वारा ले जाई जा रही शराब की बड़ी खेंप को पकड़ा. पकड़ी गई शराब की पेटियां का बाजार मूल्य लगभग 30 लाख का है, जिसे गीधा में जब्त किया गया. शराब की इस बढ़ी खेंप को थाना प्रभारी पूनम और उनकी टीम ने पकड़ अपनी बहादुरी का परिचय दिया. जबकि 5 दिन पहले ही भोजपुर में 343 कार्टन विदेशी शराब की पेटियाँ भोजपुर SP ने पकड़ा था.
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