पटना समेत बिहार के कई इलाकों में बिक रही हैं नकली और एक्सपायरी दवाएं. सिर्फ लेबल बदलकर सप्लाई की जा रही ये दवाएं राजधानी में ही तैयार की जा रही थी. लोगों की सेहत और जान से खिलवाड़ का ये पूरा खेल राजधानी के कई इलाकों में खेला जा रहा था. ना जाने कितने लोगों को इन दवाओं ने नुकसान पहुंचाया होगा. गुप्त सूचना के आधार पर पटना पुलिस की कई टीमों ने ड्रग इंस्पेक्टर के साथ अलग-अलग इलकों में छापेमारी की. जो कुछ इन जगहों पर नजर आया उसे देखकर पुलिस की भी आंखें खुली रह गईं.
कदमकुआं के बंगाली अखाड़ा, पत्रकार नगर और बहादुरपुर के संदलपुर में कबाड़खाने में नकली दवा का स्टोरेज पुलिस ने पकड़ा है. छापेमारी की खबर मिलते ही इस गिरोह का सरगना फरार हो गया.
Abbt, Otsira, Monopod, Alkem, Monocef, Mox, Furoy, Mapdox, Trimox 625, Finex, Aycin Inj नाम और कंपनी की नकली दवाएं बरामद हुई हैं. इनकी कीमत बाजार में करोड़ों में है.
इस गिरोह का सरगना रमेश पाठक है. रमेश कबाड़ में फेंकने के नाम पर एक्सपायरी दवाएं लेता था और उसमें नकली केमिकल्स मिलाकर उस दवा को बाजार में सप्लाई कर देता था. इसके लिए वो दवा पर नया लेबल लगा देता था. ऐसी दवाओं को ना सिर्फ पटना बल्कि पूरे बिहार और बिहार के बाहर भी सप्लाई किया जाता था. पुलिस ने शुक्रवार की छापेमारी में तीन युवकों को गिरफ्तार किया है. गिरोह के सरगना रमेश पाठक को पुलिस तलाश रही है.- मनु महाराज, SSP पटना
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