जन अधिकार पार्टी (लो) ने पूर्व न्यायाधीश मार्कंडेय काटजू का पुतला फूंका
नही है बिहार को गाली देने और अपमानित करने का अधिकार
मार्कंडेय काटजू के संस्कार में शोषण, अहंकार और नफरत है-पप्पू
जन अधिकार पार्टी (लो) के पटना जिला इकाई और जन अधिकार छात्र परिषद के संयुक्त तत्वावधान में पटना के कारगिल चौक पर नलिनी रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह के नेतृत्व में पूर्व न्यायाधीश मार्कंडेय काटजू का पुतला फूंका. इस दौरान ललन सिंह ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश मार्कंडेय काटजू ने बिहार का अपमान किया है और बिहार इसे बर्दाश्त नहीं करेगा. उन्होंने कहा कि काटजू को अपने बयान के लिए तुरंत माफी मांगनी चाहिए. उल्लेखनीय है कि काटजू ने अपने फेसबुक पोस्ट में बिहार को लेकर अपमानजनक टिप्पणी की है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि पाकिस्तान को कश्मीर के साथ बिहार को भी लेना होगा.
सिंह ने कहा कि बिहार की अपनी सांस्कृतिक विरासत है. बिहार का इतिहास ही भारत का इतिहास है. वैशाली, बोधगया, विक्रमशीला व मगध का अपना इतिहास है. यह धर्म, संस्कृति से लेकर वैचारिक मनीषियों की धरती है. वहीं, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सह प्रवक्ता प्रेमचंद सिंह ने मार्कंडेय काटजू पर हनी-मनी में फंसे रहने और पावर व ग्लैमर में घिरे रहने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि पूर्व न्यायाधीश को निराधार व अपमानजनक बयानों को लेकर विवादों में रहनेे की आदत हो गई है. इसका मतलब यह कदापि नहीं है कि उन्हें बिहार को गाली देने और अपमानित करने का अधिकार मिल गया है.
पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव ने राजेश रंजन पप्पू ने कहा कि मार्कंडेय काटजू के संस्कार में शोषण, अहंकार और नफरत है. लेकिन नफरत और अहंकार की भाषा बिहार को स्वीकार नहीं है. बिहार के संबंध में फैसला करने वाले काटजू कौन होते हैं. इससे पहले पुतला दहन कार्यक्रम में छात्र परिषद के अध्यक्ष गौतम आनंद, अधिवक्ता परिषद के अजय कुमार, ललन सिंह, आजाद चांद, विकास यादव, शंकर पटेल, प्रभात कुमार, सन्नी कुमार, आलोक, अमरदीप, मुकेश, बमबम, पप्पू, साकेत, विनीत सचिन, अंशुमन, राजा आदि लोग उपस्थित थे.