इनके दर्शन से होता है मनोवांछित फल की प्राप्ति
आरा,8अक्टूबर. ज्वालामालिनी देवी दिव्य आराधना का शुभारंभ स्थानीय दिगम्बर जैन चन्द्रप्रभु मन्दिर में भक्तिभाव से ब्र. सुलोचना जैन के द्वारा झंडोत्तोलन कर किया गया. नवरात्र के प्रथम दिन गुरुवार को प्रातः समय जिनेन्द्र प्रभु की भक्तिपूर्वक अभिषेक, पूजन एवं शांतिधारा हुआ. जिसमें शांतिधारा करने का सौभाग्य नेहा-प्रशांत जैन एवं प्रभा-डॉ राकेन्द्र चन्द्र जैन जी को प्राप्त हुआ.
सौभाग्यशाली परिवारों के द्वारा अखण्ड दीप की स्थापना वेदी पर की गयी. वहीं पूजा मण्डप पर रजत कलश की स्थापना करने का सौभाग्य राकेन्द्र जैन, शशांक जैन, अंशु जैन, आदित्य जैन, सुनील जैन के परिवार को प्राप्त हुआ. छत्र स्थापना मिनाली-अभिषेक जैन के द्वारा किया गया. दोपहर समय में इंदौर से पधारे अनुष्ठानाचार्य कपिल भैया सार्थक एवं पंडित गुलाब चन्द्र जैन शास्त्री के मन्त्रोच्चारण के बीच देवी ज्वालामालिनी माँ का दिव्य आह्वान किया गया. माता के श्रृंगारकर्ता रेशु-डॉ हर्षित जैन के परिवार ने बहुत ही भक्तिपूर्वक देवी माँ का आराधना, श्रृंगार, एवं गोद भराई किया.
माता के दिव्य आराधना के क्रम में श्री पार्श्वनाथ नाकोड़ा ग्रुप के द्वारा कई भजनों की प्रस्तुति की गयी, जिससे उपस्थित भक्तों को नाचते-झूमते देखा गया. माँ की गोद भराई के पश्चात प्रसाद वितरण एवं साधर्मी वात्सल्य (भोजन) हुआ, जिसे भक्तों ने प्रसाद स्वरूप ग्रहण किया.
संध्याकालीन कार्यक्रम में महाआरती, भजन, माता की झूला एवं प्रश्नमंच का कार्यक्रम हुआ. संध्या की महाआरती करने का सौभाग्य सुमन जैन एवं माता का झूला झुलाने का सौभाग्य नम्रता-शशांक जैन को प्राप्त हुआ. मीडिया प्रभारी निलेश कुमार जैन ने बताया कि माता की आराधना करने से सभी कष्ठ दूर होते है और मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. वहीं संयोजक डॉ शशांक जैन ने बताया कि नवरात्रि में भक्तों की भीड़ काफी होती है, लोग दूर-दूर से माता के दर्शन के लिए भक्त पधार रहे है.
इस पावन व धार्मिक आयोजन को सफल बनाने के लिए कमलेश कुमार जैन, रोहित जैन, अनीश जैन, सिद्धान्त जैन, अतिशय जैन, मृगांक जैन, रत्ना जैन, भारती जैन, रीना जैन, शशि जैन, मनीष जैन, साहू जैन, ओंकार अग्रवाल इत्यादि की सक्रिय भूमिका रही.
आरा से ओ पी पांडेय की रिपोर्ट