बिहार बोर्ड ने गठित की Expert टीम, एक हफ्ते में सौंपेगी रिपोर्ट
बिहार बोर्ड- रिपोर्ट आने के बाद गणित की परीक्षा पर लिया जाएगा फैसला
पटना, 27 फरवरी. बिहार में परीक्षा से जुड़ा कोई मामला हो और विवाद या हंगामा न हो, तो अजीब लगता है. हर समय कुछ न कुछ विवाद या हंगामा बरपा ही रहता है. वह चाहे परीक्षा में नकल को लेकर हो या उसपर किये सख्ती के लिए या फिर सवाल out होने को लेकर हो. इस बार हंगामा परीक्षा में बोर्ड द्वारा पूछे गए syllabus से बाहर के सवाल पर हुआ है. हो भी क्यों न भाई, बिहार बोर्ड ने जो परीक्षार्थियों की फजीहत की है उससे वे गुस्से में हैं. चप्पल पहन कर परिक्षा दे रहे परीक्षार्थियों में छित-पुट जूते में आये परीक्षार्थियों को कैम्पस में भी जूते खोलवाने वाले शिक्षक और प्रशासन उनसे बदतमीजी से पेश आ रहा है. अब ऐसे में यदि परीक्षा में सवाल वो आ जाएं जो उन्होंने पढ़ा ही न हो तो हंगामा तो वाजिफ है.
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा जारी मैट्रिक परीक्षा में गणित की परीक्षा में syllabus से बाहर के पूछे गए प्रश्नों पर छात्र गुस्से में हैं. परीक्षा में पूछे गए सवालों को परीक्षार्थियों ने कई जगहों से चुनौती दिया है. बताते चलें कि 24 फरवरी को दोनों पालियों में गणित विषय की परीक्षा आयोजित की गई थी. परीक्षा की समाप्ति के बाद कुछ छात्रों द्वारा इस विषय के कुछ प्रश्नों को ‘out of syllabus’ बताया जा रहा है. बिहार बोर्ड द्वारा की गई कड़ाई के बाद syllabus से बाहर पूछे गए सवालों के लिए सबको सामान्य रूप से 80 मार्क्स देने के लिए छात्रों ने बक्सर स्टेशन और मुफ्फसिल थाने में आगजनी और तोड़फोड़ भी किया. रेल्वेकर्मियो को जान बचा कर भागना पड़ा. थाने में रखी गाड़ियों को भी छात्रों ने आग के हवाले कर दिया.
राज्य में परीक्षार्थियों द्वारा हंगामे के बाद बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर ने इसका संज्ञान लेते हुए गणित विषय के विशेषज्ञों की एक 03 सदस्यीय Expert Committee गठित करने की घोषणा की है. अध्यक्ष ने बताया कि Expert Committee गणित विषय में पूछे गए प्रश्नों की जांच करते हुए 1 सप्ताह के अंदर अपना रिपोर्ट सौंपेगी. इसके पश्चात ही इस सम्बंध में समिति द्वारा आवश्यक निर्णय लिया जाएगा. अब देखना होगा कि परीक्षा में नकल पर नकेल कसने के लिए जूतों तक को बैन करने वाली बिहार बोर्ड out of syllabus से पूछे गए सवाल पर कितना कड़ा रुख अपनाती है?
ओ पी पांडेय की रिपोर्ट