जेपी सेतु दोहरीकरण के बारे में ये लेेटेस्ट अपडेट

पटना और सोनपुर को जोड़ने वाला पटना में गंगा नदी पर रेल-सह-सड़क पुल: बिहार की जीवन रेखा

बिहार में उत्तर व दक्षिण बिहार को रेल लिंक से जोड़ने के लिए रेल पुल की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए वर्ष 1997-98 में 600 करोड़ रूपए की लागत से पटना में गंगा नदी पर रेल पुल का कार्य स्वीकृत किया गया था .  तत्पश्चात् राइट्स ने 2001 में डीपीआर प्रस्तुत किया और सीसीईए की मंजूरी उसी वर्ष 05.11.2001 को प्राप्त की गई . पुनः रेलवे बोर्ड द्वारा दिनांक 07.01.2002 को इस पुल के निर्माण के लिए 624.47 करोड़ स्वीकृत किए गए.




इस बीच महात्मा गांधी सेतु के विकल्प के रूप में 2006-07 में रेल पुल के कार्य का दायरा बढ़ाकर रेल सह सड़क पुल में परिणत कर दिया गया, जिसकी अनुमानित लागत 1389 करोड़ निर्धारित की गई जिसमें रेलवे का हिस्सा 835 करोड़ और रोड शेयर के रूप में 554 करोड़ की राशि तय की गई. इस लागत को एक बार पुनः संशोधित करते हुए रेलवे बोर्ड द्वारा दिनांक 12.03.2012 को संशोधित लागत 2921.46 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई . जिसमें रेलवे का हिस्सा 1681.36 करोड़़ रूपए और 1240.09 करोड़ रूपए रोड शेयर के रूप में तय की गई . तत्कालीन माननीय प्रधानमंत्री अटल बिहार वाजपेयी जी द्वारा दिनांक 03.02.2002 को इस पुल की आधारशिला रखी गयी थी .

तत्पश्चात् पुल के निर्माण कार्य में गति लाते हुए कार्य पूरा होने के बाद प्रधानमंत्री मोदी द्वारा उत्तर बिहार को दक्षिण बिहार से जोड़ने वाली नयी जीवन रेखा के रूप में नवनिर्मित रेल-सह-सड़क पुल, पटना के रेल भाग का दिनांक 12.03.2016 को राष्ट्र को समर्पित किया गया .सड़क संपर्क भी 11 जून 2017 को चालू कर दिया गया और दीघा हॉल्ट स्टेशन का काम भी पूरा किया गया जिसका उद्घाटन तत्कालीन केंद्रीय राज्य मंत्री राम कृपाल यादव द्वारा दिनांक 25.11.2017 को किया गया .

जानिए जेपी सेतु को

इस पुल में कुल 38 स्पैन हैं जिनमें 36 स्पैन की लंबाई 123 मीटर है तथा शेष 2 स्पैन की लंबाई 64 मीटर है . इसकी लंबाई 4.56 किलोमीटर एवं नई रेल लाइन की कुल लंबाई 28.40 किलोमीटर है . दो लेन वाले इस पुल के रोड भाग की चौड़ाई 9.075 मीटर है एवं इसके दोनों ओर 1.5 मीटर चौड़े फुटपाथ का प्रावधान किया गया है .

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ये है दोहरीकरण की लेटेस्ट जानकारी

पूर्व मध्य रेल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि पाटलिपुत्र से पहलेजाघाट के बीच विद्युतीकरण सहित दोहरीकरण का कार्य तीव्रगति से जारी है . लगभग 11.50 किलोमीटर लंबे पाटलिपुत्र-पहलेजाघाट दोहरीकरण परियोजना की स्वीकृति 159 करोड़ रूपए की अनुमानित लागत से वर्ष 2016-17 में प्रदान की गई थी . इस दोहरीरकण परियोजना को चालू वित्त वर्ष के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है .

सीपीआरओ राजेश कुमार ने बताया कि यह पुल उत्तरी छोर पर, छपरा-हाजीपुर लाइन को परमानंदपुर एवं सोनपुर स्टेशन से होते हुए एवं दक्षिणी छोर पर, दिल्ली-हावड़ा लाइन को फुलवारीशरीफ एवं दानापुर स्टेशन होते हुए जोड़ती है . पुल के उत्तरी छोर पर पहलेजाघाट स्टेशन एवं दक्षिणी छोर पर पाटलिपुत्र स्टेशन बनाया गया है . पुल के दोहरीकरण पूरा हो जाने के बाद पटना के आस-पास उत्तरी बिहार के शहरों जैसे सोनपुर, हाजीपुर, छपरा, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, मोतिहारी एवं बेतिया इत्यादि के लिए यात्री एवं माल यातायात और अधिक सुगम हो जायेगा.

pncb

By dnv md

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