मरीज की सुरक्षा तथा गुणवत्तापूर्ण इलाज की व्यवस्था वाले हॉस्पिटल को दी जाती है एन.ए.बी.एच. की मान्यता
मेडिकल डायरेक्टर डा.रवि शंकर सिंह ने बताया , एन.ए.बी.एच. के मानदंडो पर खरा उतरने के बाद ही मिलती है मान्यता
एक छत के नीचे जाँच से लेकर इलाज तक की है व्यवस्था: झारखंड, असम, पश्चिम बंगाल, नेपाल तथा उत्तर प्रदेश से मरीज आते हैं इलाज करवाने
पटना,अजीत
पटना के सबसे बेहतरीन हॉस्पिटलों में शुमार मल्टी स्पेशिलिटी जयप्रभा मेदांता सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल को नेशनल एक्रीडेशन बोर्ड फॉर हेल्थ केयर एंड हॉस्पिटल (एन.ए.बी.एच.) की मान्यता मिली है. यह मान्यता मरीज की सुरक्षा, गुणवत्तापूर्ण इलाज, मानदंड के अनुसार मरीज की देखभाल, दवा की सही खुराक तथा इंफेक्शन के तरीकों की जांच के बाद दी जाती है. एन.ए.बी.एच. अपने मापदंडो पर खरा उतरने वाले हॉस्पिटल को ही मान्यता प्रदान करता है. इस मान्यता के लिए देश के चुनिंदा अस्पतालों के क्वालिटी विशेषज्ञों की टीम पहुंच कर जांच करती है और उन की रिपोर्ट के आधार पर मान्यता प्रदान की जाती है.
यह जानकारी देते हुए हॉस्पिटल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ रवि शंकर सिंह ने बताया कि 300 बेड वाले इस हॉस्पिटल में एक छत के नीचे मेडिकल, सर्जिकल और सभी इलाज उपलब्ध है. इस अवसर पर टिप्पणी करते हुए, कहा, ‘‘मुझे जयप्रभा मेदांता सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के माध्यम से बिहार के वासियों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा समर्पित करते हुए खुशी हो रही है. अस्पताल तकनीकी रूप से उन्नत इलाज को अब लोगों को मुहैया करा रहा और इसी कड़ी में मेदांता पटना ने राज्य में स्वास्थ्य सेवा का एक मानक स्थापित किया है. चिकित्सा उत्कृष्टता और सेवा उत्कृष्टता के सिद्धांत के प्रति हमारी अटूट प्रतिबद्धता है. यह सोच हमारी रोगियों को उचित एवं सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा सुविधा और सबसे बेहतर स्वास्थ्यलाभ के लिए समुचित माहौल प्रदान करना हैं .
इस अवसर पर मेदांता के मेडिकल सुपरिन्टेन्डेन्ट डॉ. सैयद आसिफ रहमान ने बताया की यहां बिहार, झारखंड, असम, पश्चिम बंगाल, नेपाल और उत्तर प्रदेश के ढेर सारे मरीज इलाज के लिए आते हैं. अभी तक मेदांता पटना में 2 लाख से ज्यादा ओपीडी, 25 हज़ार से ज्यादा आईपीडी, इमरजेंसी में 17 हज़ार से ज्यादा मरीजों का इलाज हो चुका है . इसके साथ 6500 से ज्यादा कार्डियक प्रक्रिया, 6000 से ज्यादा कार्डियक सर्जरी की गयी है और 8 लाख से ज्यादा लैब जाँच और 1 लाख से ज्यादा रेडियोलोजी जाँच की जा चुकी है .
इसी क्रम में मेदांता के रेडियोलॉजी और इमेजिंग के डायरेक्टर डॉ.रंजन कुमार ने कहा कि मेदांता में हम उत्कृष्ट संस्थानों की स्थापना करके विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सेवा देने का प्रयास कर रहे हैं. यह रोगियों को बहुत कम दरों पर बेहतरीन चिकित्सा देखभाल भी प्रदान करने की कोशिश कर रहे हैं. हम अपने रोगियों को प्रभावी निदान और इलाज प्रदान करने के उद्देश्य से अपने अस्पतालों को उन्नत चिकित्सा प्रौद्योगिकी और उपकरणों से भी लैस किया हैं. इसके साथ डायग्नोस्टिक उपकरण से भी हम अपने अस्पताल को लैस किया है ताकि लोगों की बीमारियों का सही जांच और इलाज हो सके.
जानकारी के लिए बता दें मेदांता पटना का इमरजेंसी और ट्रॉमा केयर निजी क्षेत्र में बिहार के सबसे बड़े इमरजेंसी विभाग में से एक है और बिहार में अवस्थित गिने चुने लेवल 1 ट्रामा सेंटर में से एक है. विगत 2 सालों में चोट वाले मरीजों के लिए सबसे उच्च प्राथमिकता वाला अस्पताल बन गया है. ट्रॉमा सर्जरी, आर्थोपेडिक सर्जरी, न्यूरोसर्जरी, सर्जिकल क्रिटिकल केयर और एमरजेंसी मेडिसिन में विशेषज्ञों की 24×7 उपलब्धता के साथ पूरी तरह से ट्रॉमा रोगियों के लिए समर्पित ऑपरेटिंग रूम हैं, जो विभिन्न प्रकार की गंभीर चोटों के निदान के लिए ऑपरेशन रूम पूर्ण रूप से सक्षम है.
डॉ रवि शंकर सिंह ने इमरजेंसी और ट्रामा के बढ़ रहे मरीजों के सन्दर्भ में बताया की आपातकालीन देखभाल में विशेषज्ञता हमारी विरासत है और और हम सबसे उत्कृष्ट और सबसे शीघ्र इलाज प्रदान करने के लिए तत्पर है. बिहार और झारखण्ड क्षेत्र में 25 बेड के साथ एमरजेंसी और ट्रॉमा फेसिलिटी में, गंभीर रूप से बीमार या गंभीर रूप से घायल रोगियों को विषेश एमरजेंसी डॉक्टरों की एक टीम की देखरेख में तुरंत ले जाया जाता है और रोगी को प्रोटोकॉल के अनुसार समुचित देखभाल किया जाता है.