बिहार में 15 अप्रैल से जातीय गणना शुरू होने वाली है. बिहार के लाखों शिक्षक जातीय गणना में भाग लेने वाले हैं लेकिन 10 अप्रैल को नई शिक्षक सेवा नियमावली आने के बाद पहले से काम कर रहे लाखों शिक्षक आक्रोशित हैं और उन्होंने जातीय गणना का बहिष्कार करने की चेतावनी सरकार को दी है.
दरअसल बिहार के 20 से ज्यादा शिक्षक संगठनों ने मिलकर दिनांक 13/ 4/2023 को संयुक्त शिक्षक संघर्ष मोर्चा बिहार बनाया है जिसका उद्देश्य नई नियमावली का विरोध करना है.
संयुक्त शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है. आज शाम तक सरकार नहीं सुनती है तो शनिवार से रणनीति के तहत लाखों शिक्षक सरकार का विरोध करेंगे. ऐसे में 15 अप्रैल से 15 मई तक होने वाली जातीय गणना पर संकट के बादल गहरा गए हैं. विरोध दर्ज कराने वाले विभिन्न संगठन सरकार से यह मांग कर रहे हैं कि जितने भी पुराने शिक्षक वर्षों से काम कर रहे हैं उन्हें बिना किसी शर्त राज्यकर्मी का दर्जा दिया जाए. शिक्षक संघों ने मांग की है कि उन्हें राज्यकर्मी के दर्जे के साथ समान काम समान वेतन और पुराने शिक्षकों के समान सेवा शर्त का लाभ मिलना चाहिए.
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