पटना, 05 अप्रैल।। आज जगजीवन राम संसदीय अध्ययन एवं राजनीतिक शोध संस्थान, पटना में बाबू जगजीवन राम की जयंती मनायी गयी. इस अवसर पर ‘बाबूजी’ के चित्र पर माल्यार्पण किया गया. इस कार्यक्रम में संस्थान के निदेशक नरेंद्र पाठक ने बाबू जगजीवन राम के संघर्ष को प्रमुखता से बताया.

बाबू जगजीवन राम को याद करते हुए उन्होंने कहा कि वे पूरी जिंदगी देश और वंचितों के हितों के लिए संघर्षरत रहे. वे स्वतंत्रता सेनानी के साथ-साथ देश के हाशिए पर पड़े लोगों के एक कद्दावर राष्ट्रीय नेता थे. अपने पचास वर्ष के संसदीय एवं राजनीतिक जीवन में ‘बाबूजी’ ने भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में अपनी कर्मठता एवं कार्यशैली से अमिट छाप छोड़ी. वे अत्यंत मददगार और सरल हृदय के नेता थे. वे लोगों के सुख-दुःख का ख्याल रखते थे. अंग्रेजी, हिन्दी और भोजपुरी भाषा पर उनका शानदार नियंत्रण था. वे एक ओजस्वी वक्ता थे.


कार्यक्रम में संस्थान के सभी पदाधिकारी एवं कर्मचारी सहित कई लोगों ने ‘बाबूजी’ के चित्र पर पुष्प अर्पित किए.
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