लालू यादव के किडनी ट्रांसप्लांट को लेकर परिवार के सदस्य एक तरफ जहां सिंगापुर में इकट्ठा हो रहे हैं दूसरी तरफ सिंगापुर जाने से पहले लालू यादव ने पार्टी के कार्यकलापों की पूरी जिम्मेदारी अपने सबसे भरोसेमंद कंधों पर फिर से डाल दी है. पार्टी की तरफ से जगदानंद सिंह की वापसी से पहले कई बातें स्पष्ट भी कर दी गई हैं. इस पूरे एपिसोड को लेकर हमने जगदानंद सिंह से बात करने की कोशिश की लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया.
पार्टी की तरफ से महत्वपूर्ण जानकारी यह दी गई है कि जगदानंद सिंह बीमार होने की वजह से दफ्तर नहीं आ रहे थे. हालांकि यह बात जगजाहिर है कि पिछले 2 महीने से वे लगातार नाराज चल रहे थे. मीडिया में चल रहे राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के नाराज होने और मानने सम्बन्धी समाचार का प्रतिवाद करते हुए राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने इसे बेबुनियाद और काल्पनिक बताया है.
राजद प्रवक्ता ने कहा कि ऐसी खबरों का कोई आधार नहीं है. यह बात सही है कि अस्वस्थता की वजह से वे पिछले कुछ दिनों से पार्टी कार्यालय नहीं आ रहे हैं. पर समय समय पर दूरभाष के माध्यम से वे पार्टी पदाधिकारियों को दिशा निर्देश देते रहे हैं और आवश्यकतानुसार पार्टी पदाधिकारी भी उनका मार्गदर्शन लेते रहे हैं. चितरंजन गगन ने कहा कि जहां तक जगदानंद सिंह के दिल्ली जाने का सवाल है तो इसके पीछे कोई राजनीतिक निहितार्थ नहीं था बल्कि राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद अपना इलाज कराने सिंगापुर जा रहे हैं और ऐसी स्थिति में उनके बेहतर स्वास्थ्य की कामना और कुशल क्षेम के लिए मिलना एक महत्वपूर्ण मानवीय शिष्टाचार है.
राजद प्रवक्ता ने कहा कि राजद के स्थापना काल से उसे सींच कर सत्ता में पहुंचाने में जगदानंद सिंह की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण रही है. उन्होंने बताया कि किसी पद पर नहीं रहने के बावजूद पार्टी के हर नीतिगत फैसले में उनकी भूमिका रही है. वे राष्ट्रीय अध्यक्ष के सबसे विश्वसनीय सहयोगी रहे हैं और उसी रुप में आज भी हैं. उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव उन्हें अपने अभिभावक के रूप में सम्मान देते हैं. जगदानंद सिंह ने अपने नीति और सिद्धांतों से कभी समझौता नहीं किया और आवश्यकता पड़ने पर अपने बेटे का खिलाफत करने में भी नहीं हिचके.
हालांकि यह भी सच है कि 2 अक्टूबर को सुधाकर सिंह के इस्तीफे की जानकारी देने के बाद से ही जगदानंद सिंह प्रदेश कार्यालय नहीं आ रहे हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मंडी कानून समेत विभिन्न मुद्दों को लेकर जगदानंद सिंह का विवाद भी खूब चर्चा में रहा है. फिलहाल जगदानंद सिंह कब से पार्टी दफ्तर आएंगे यह स्पष्ट नहीं हो पाया है लेकिन इतना जरूर है कि पार्टी कार्यालय नहीं आने के बावजूद वे लगातार पार्टी के प्रदेश कार्यालय पर और प्रदेश कार्यालय से जुड़े विभिन्न अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में रहे हैं. खबर लिखे जाने तक जगदानंद सिंह दिल्ली में थे और यह जानकारी मिल रही है कि अगले एक-दो दिन में ही वे राजद दफ्तर आ सकते हैं.
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