आरा,3 जून. भोजपुर के कलाकारों ने भोजपुरी कला संरक्षण मोर्चा द्वारा गुरुवार को आरा रेलवे स्टेशन परिसर में भोजपुरी चित्रकला को सम्मान और स्थान दिलाने के लिए दो दिवसीय हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत की गई. ज्ञातव्य है कि पूर्व मध्य रेलवे द्वारा भोजपुरी भाषी क्षेत्र आरा के रेलवे स्टेशन परिसर में चारों तरफ़ मधुबनी चित्रकला का अंकन किया जा रहा है. स्थानीय संस्थाओं,कलाकारों एवं बुद्धिजीवियों द्वारा इसका जबरदस्त विरोध किया जा रहा है. भोजपुरी भाषी क्षेत्र में स्थानीय संस्कृति की उपेक्षा कर दूसरी संस्कृति को महत्व देना,स्थानीय संस्कृति का अपमान है.
मोर्चा से जुड़े सभी सदस्यों का कहना है कि हमारा विरोध मधुबनी चित्रकला से नहीं,अपितु भोजपुरी भाषी रेलवे स्टेशनों पर भोजपुरी चित्रकला को स्थान और अवसर नहीं मिलने से है. अगर दो दिवसीय हस्ताक्षर अभियान के बाद भी रेलवे प्रशासन द्वारा भोजपुरी चित्रकला को अवसर नहीं दिया जायेगा तो उसके बाद से ही चरणबद्ध आंदोलन चला कर आरा रेलवे स्टेशन पर मधुबनी चित्रकला का अंकन रोक स्थानीय लोग विरोध पर उतरेंगे. स्थानीय महिलाओं ने भी कलाकारों, संस्थाओं के प्रतिनिधियों एवं बुद्धिजीवियों के संघर्ष में कंधा से कंधा मिलाकर साथ देने की बात कही.
स्थानीय रेलयात्रियों एवं युवाओं में तो जबरदस्त आक्रोश दिख रहा था. साथ ही स्थानीय जन प्रतिनिधियों के द्वारा भी इस मुद्दे पर सहयोग नहीं मिलने से भी लोगों में गुस्सा दिख रहा है. उन्होंने कहा कि मोर्चा द्वारा जब भी कहा जायेगा हम उग्र आंदोलन के लिए भी तैयार हैं. स्टेशन परिसर में इस हस्ताक्षर अभियान को देखने के बाद भोजपुर के ग्रामीण क्षेत्रों से आये रेल यात्रियों ने इस बात पर गुस्सा जाहिर किया और कहा कि हम अपनी संस्कृति को समान महत्ता दिलाने के लिए हर संघर्ष के लिए तैयार हैं. यह अत्यंत दुःखद और शर्मनाक है कि भोजपुरी चित्रकला को आरा में ही अवसर नहीं मिल रहा है. आज के हस्ताक्षर अभियान को सफल बनाने में वरिष्ठ नाट्यकर्मी अशोक मानव,कृष्णेन्दु,शमशाद प्रेम,चित्रकार रौशन राय,कमलेश कुंदन,सामाजिक कार्यकर्ता विजय मेहता,सुनील पांडेय,कमलदीप कुमार,अमरेंद्र कुमार,संजय कुमार,पत्रकार डब्ल्यू कुमार, ओम प्रकाश पाण्डेय, भास्कर मिश्र ने उल्लेखनीय योगदान दिया.
आरा से सत्य प्रकाश सिंह की रिपोर्ट